देहरादून: कोरोना संकट के बीच अनलॉक-1 में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत प्रदेश में भी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने आज राजधानी देहरादून स्थित कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का जायजा लिया और यह जानने की कोशिश कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यहां किस तरह के इंतजाम किए गए हैं ?
हमारी टीम ने सबसे पहले शहर के जाने-माने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में जाकर यहां कोरोना वायरस से बचाव को लेकर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया. बता दें, कि देहरादून शहर में लगभग 40 से 50 छोटे-बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मौजूद हैं, जिससे 2500 से ज्यादा लोगों का परिवार पलता है.
हमारी टीम ने पाया दून शहर के लगभग सभी शॉपिंग कॉम्पलेक्स में ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही हैंड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई है. शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में प्रवेश से पहले हर ग्राहक के हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है, इसके साथ ही उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है.
हालांकि, शहर के विभिन्न शॉपिंग कॉम्प्लेक्स संचालकों ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से इनकार किया, लेकिन ऑफ कैमरा बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक बार में सिर्फ 40% लोगों को ही कॉम्प्लेक्स के अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है. इसके साथ ही सभी ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है, जिससे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके.
वहीं, बात करें देहरादून के शॉपिंग मॉल्स की तो देहरादून नगर निगम क्षेत्र में मौजूद सभी 6 मॉल्स अभी भी पूरी तरह से बंद हैं, ऐसे में मॉल संचालकों के साथ ही मॉल्स के कर्मचारियों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा होने लगा है.
राजधानी देहरादून के एक जाने-माने शॉपिंग मॉल के संचालक इकबाल वासु बताते हैं कि पिछले 3 महीने से शहर के सभी मॉल्स बंद पड़े हैं. वहीं, हर एक मॉल में करीब 500 से 600 कर्मचारी कार्यरत हैं. उस लिहाज से देखें तो करीब 2 से 3 हजार मॉल कर्मचारी बेरोजगार हैं. ऐसे में राज्य सरकार को अब मॉल संचालकों के साथ ही मॉल से जुड़े इन कर्मचारियों की भी सुध लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह शहर के अनलॉक के बीच बाजारों को खुलने की अनुमति दी गई है, उसी तरह अब राज्य सरकार को मॉल्स को भी निर्धारित गाइडलाइन के तहत संचालन की अनुमति प्रदान करनी चाहिए. जिससे कि मॉल्स संचालकों और मॉल से जुड़े कर्मचारियों का भरण पोषण हो सके.