देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 70 सीटों के लिए मतदान जारी है. इस बार मतदान स्थलों में अलग से महिला पोलिंग बूथ की व्यवस्था की गई है. जिन्हें सखी पोलिंग बूथ का नाम दिया गया है. ऐसे में महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए सखी बूथों में सुरक्षाकर्मियों से लेकर मतदान कराने वाली पोलिंग पार्टियां पूर्ण रूप से महिलाएं रखी गई है. निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार की गई इस व्यवस्था को लेकर महिला मतदताओं अति उत्साह देखा जा रहा है.
सखी पोलिंग बूथ को लेकर महिला मतदाता न सिर्फ खुद को सुरक्षित बल्कि इस नायाब कदम की सराहना कर रही है. बल्कि महिला सशक्तिकरण के रूप महिला पोलिंग बूथ कांसेप्ट को आगे भी इसी तरह जारी रखने की मांग कर रही है.
निर्वाचन आयोग का सराहनीय कदम: राजधानी देहरादून के 10 विधानसभाओं में 18 महिला सखी पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. जहां सुरक्षाकर्मी और पोलिंग पार्टी विशेष रूप से महिलाएं नियुक्त की गई है. महिलाओं की सुविधा और उनको विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाए. इस बात की सखी बूथ में सभी बातों का ध्यान रखा गया है. सीनियर सिटीजन महिलाओं को लाइन में खड़ा न करने से लेकर सीधे वोट डालने का अधिकार भी दिया जा रहा है. ऐसे निर्वाचन आयोग के पहली बार की गई इस व्यवस्था को लेकर महिला मतदाता काफी सराहना कर रही है.
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महिला सशक्तिकरण के रूप में बेहतर कदम: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महिला मतदाताओं ने कहा निर्वाचन आयोग का महिला सखी बूथ का कांसेप्ट बहुत अच्छा कदम है. इससे न सिर्फ महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर पहले के मुकाबले सुविधाजनक तरीके से मतदान कर रही हैं. बल्कि इससे महिला सशक्तिकरण का संदेश भी बेहतर रूप में सामने आ रहा है. महिला पोलिंग बूथ पर भी कोविड-19 को लेकर विशेष नियम का अनुपालन किया जा रहा है.
फर्स्ट टाइम वोटर्स में मतदान को लेकर उत्साहः 18 वर्ष पूरे होने के बाद पहली बार मतदान करने के लिए नए वोटरों में भी काफी उत्साह देखा गया. सखी महिला बूथ पर अपना पहला वोट देने आई मानसी का कहना है कि काफी दिनों से उसे इस बात का उत्साह था कि कब वह अपना पहला वोट डाल सकेगी. आखिरकार वह घड़ी आ ही गई, जब आज उसने अपना पहला मतदान किया.
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ऐसी चाहिए सरकारः उत्तराखंड में सरकार चुनने को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. पोलिंग बूथों पर मताधिकार इस्तेमाल को लेकर महिलाओं की तादाद काफी संख्या में नजर आ रही है. वहीं, महिलाओं का कहना है आने वाली सरकार रोजगार दे. सरकार शिक्षा, सड़क, कानून व्यवस्था पर बेहतर काम करे. हालांकि, लोगों ने स्मार्ट सिटी के धीमी गति से हो रहे काम को लेकर नाराजगी जताई.