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लॉकडाउन के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को मिलेगी सैलरी, 'ना-नुकुर' वालों पर होगा एक्शन

लॉकडाउन के दौरान हुए काम करने वाले कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया जाएगा. लेकिन ना-नुकुर करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है.

uttarakhand sachivalaya
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Published : Nov 2, 2020, 4:34 PM IST

देहरादूनः लॉकडाउन के दौरान सरकारी कर्मचारियों के वेतन को लेकर शासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. तीन वर्गों में बांटे गए कर्मचारियों के वेतन को लेकर प्रभारी सचिव (सामान्य प्रशासन) पंकज पंवार ने गाइडलाइन जारी कर दी है. लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों के वेतन को लेकर तीन अलग-अलग स्थितियों को आधार बनाते हुए कर्मचारियों को वर्गों में बांटा गया है. इनकी सैलरी को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं.

पहली स्थिति में
पहली स्थिति में ऐसे कर्मचारियों को शामिल किया है. जो लॉकडाउन के दौरान मुख्यालय में उपस्थित थे. लेकिन, उन्होंने अपने घरों पर रहकर कार्यों (वर्क फ्रॉम होम) को निपटाया. आवश्यकता पड़ने पर उन्होंने कार्यालय में अपनी उपस्थिति भी दर्ज की. ऐसे कर्मचारियों को विशेष अवकाश स्वीकृति पर वेतन का पूरा लाभ दिया जाएगा.

पढ़ेंः अल्मोड़ा वासियों के लिए खुशखबरी! सड़कों को चमकाने में जुटा PWD

दूसरी स्थिति में
ऐसे कर्मचारी जो कि लॉकडाउन के दौरान मुख्यालय से बाहर थे और उनको बुलाने पर वह किसी कारणवश मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो पाए. उनको दी जाने वाले आकस्मिक अवकाश या फिर खुद से लिए अवकाश को समायोजित करते हुए विभागीय अध्यक्ष उनके अवकाश स्वीकृत करने पर विचार कर सकता है.

तीसरी स्थिति में
ऐसे कर्मचारी जो लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में थे और शासकीय हित में उन्हें कार्यालय में उपस्थित होने के लिए आदेश दिए गए, लेकिन इसके बावजूद वह उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में आदेशों की अवहेलना के चलते उन कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

ईटीवी भारत से बातचीत में प्रभारी सचिव पंकज पांडे ने कहा कि लंबे समय से लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों के वेतन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. जिसके बाद शासन स्तर पर विचार विमर्श करके कर्मचारियों की सैलरी को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी गई है. अब इन्हीं नियमों के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी रिलीज की जाएगी.

देहरादूनः लॉकडाउन के दौरान सरकारी कर्मचारियों के वेतन को लेकर शासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. तीन वर्गों में बांटे गए कर्मचारियों के वेतन को लेकर प्रभारी सचिव (सामान्य प्रशासन) पंकज पंवार ने गाइडलाइन जारी कर दी है. लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों के वेतन को लेकर तीन अलग-अलग स्थितियों को आधार बनाते हुए कर्मचारियों को वर्गों में बांटा गया है. इनकी सैलरी को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं.

पहली स्थिति में
पहली स्थिति में ऐसे कर्मचारियों को शामिल किया है. जो लॉकडाउन के दौरान मुख्यालय में उपस्थित थे. लेकिन, उन्होंने अपने घरों पर रहकर कार्यों (वर्क फ्रॉम होम) को निपटाया. आवश्यकता पड़ने पर उन्होंने कार्यालय में अपनी उपस्थिति भी दर्ज की. ऐसे कर्मचारियों को विशेष अवकाश स्वीकृति पर वेतन का पूरा लाभ दिया जाएगा.

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दूसरी स्थिति में
ऐसे कर्मचारी जो कि लॉकडाउन के दौरान मुख्यालय से बाहर थे और उनको बुलाने पर वह किसी कारणवश मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो पाए. उनको दी जाने वाले आकस्मिक अवकाश या फिर खुद से लिए अवकाश को समायोजित करते हुए विभागीय अध्यक्ष उनके अवकाश स्वीकृत करने पर विचार कर सकता है.

तीसरी स्थिति में
ऐसे कर्मचारी जो लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में थे और शासकीय हित में उन्हें कार्यालय में उपस्थित होने के लिए आदेश दिए गए, लेकिन इसके बावजूद वह उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में आदेशों की अवहेलना के चलते उन कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

ईटीवी भारत से बातचीत में प्रभारी सचिव पंकज पांडे ने कहा कि लंबे समय से लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों के वेतन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. जिसके बाद शासन स्तर पर विचार विमर्श करके कर्मचारियों की सैलरी को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी गई है. अब इन्हीं नियमों के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी रिलीज की जाएगी.

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