देहरादून: उत्तराखंड में सचिवालय (Uttarakhand Secretariat) समेत विभिन्न विभागों के वेतनमान को डाउनग्रेड (Uttarakhand Employee Downgrade Salary) किए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. खास बात यह है कि मंत्रिमंडल (Uttarakhand Cabinet) में भी वेतनमान के डाउनग्रेड को लेकर मुहर लगने के बाद अब कर्मचारियों ने आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है और कर्मचारी वृहद आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी में हैं.
प्रदेश में एक बार फिर कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर रणनीति बनने लगी है. इस बार मुद्दा वेतनमान में डाउनग्रेड का है. जिस पर कर्मचारी सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में हैं. खास बात यह है कि इस मामले को लेकर अब मंत्रिमंडल भी अपनी स्वीकृति दे चुका है और इससे कर्मचारियों का आक्रोश और भी ज्यादा होने लगा है. इसी पर सचिवालय संघ ने अब एक आमसभा बुला कर आगे की रणनीति बनाने की तैयारी की है. बता दें कि प्रदेश में लंबे समय से वेतन विसंगति समिति वेतनमान को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही थी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर अब मंत्रिमंडल ने भी अपनी संस्तुति दे दी है.
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दरअसल, खबर है कि वेतन विसंगति समिति की तरफ से वेतनमान को कम करने की सिफारिश की गई है, जिसके बाद कर्मचारियों में वेतनमान को लेकर चली आ रही विसंगति को दूर किया जा सकेगा. लेकिन कर्मचारियों में वेतनमान कम किए जाने के इस फैसले को लेकर जबरदस्त रोष है. इसलिए इस फैसले की भनक लगते ही कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी सरकार को दे दी है. हालांकि फिलहाल कर्मचारी शासन के बड़े अधिकारियों द्वारा सरकार को भ्रमित किए जाने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री से डाउनग्रेड के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
उधर सचिवालय संघ के अध्यक्ष (Uttarakhand Secretariat Association President) दीपक जोशी कहते हैं, कि मंत्रिमंडल की तरफ से भी अब वेतन विसंगति समिति की संस्तुति पर डाउनग्रेड को मंजूरी दे दी गई है. लिहाजा कर्मचारियों के सामने आंदोलन का रास्ता ही बचा है. सचिवालय संघ ने एक आम सभा बुलाई है, जिसमें आगे आंदोलन का रूप कैसा होगा और कितने चरणों में इस आंदोलन को आगे बढ़ाना है, इस पर चिंतन किया जाएगा. बता दें कि डाउनग्रेड के फैसले को अमलीजामा पहनाया जाता है तो सचिवालय समेत विभिन्न विभागों में कर्मचारियों को वेतनमान में कटौती झेलनी होगी.