देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान किया जाना है. राजनीतिक पार्टियों के साथ निर्वाचन आयोग भी दिन-रात तैयारी में लगा हुआ है. निर्वाचन आयोग का मुख्य उद्देश्य़ ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोटरों को बूथ तक लाना है, ताकि पिछली बार के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत बढ़ाया जा सके.
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2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में 65.65 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार वोट प्रतिशत बढ़ सके इसके लिए निर्वाचन आयोग कई कार्यक्रम चला रहा है, ताकि लोकतंत्र के इस पर्व के प्रति लोग ज्यादा जागरुक हो सके और वोटर्स बड़ी संख्या में वोट करे.
चुनाव केवल एक सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्की आम चुनाव देश की दशा और दिशा भी तय करते है. लोकतंत्र के इस पर्व में हर कोई बढ़ चढ़कर हिस्सा ले और देश की भागदौड़ सही हाथों में जाए. इस जिम्मेदारी को याद दिलाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है, ताकी वो हर व्यक्ति को मतदान को महत्व समझा सके और उन्हें वोट करने के लिए जागरुक करे. इस बारे में उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी षणमुगम ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.
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(SVEEP) मतदाता जागरुकता कार्यक्रम-
SVEEP (Systematic Voters Education and Electoral Participation program) 2019 के आम चुनाव में शत प्रतिशत मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक जिले में SVEEP नोडल अधिकारी नियुक्त किए है, जो बीते कई महीनों से स्कूलों और सामजसेवी संस्थाओं के जरिए जन जागरुक अभियान चला रहे है. इस कार्यक्रम के तहत स्कूल और कॉलेजों में जहां चुनानी पाठशालाओं का आयोजन किया गया तो वहीं, जनजागरूक रैली के माध्यम से लोगों को मतदान के महत्व के बारे में भी समझाया गया.
वोटर हेल्प लाइन
इसके अलावा निर्वाचन आयोग ने 1950 टोल फ्री नंबर की जारी किया है, जहां वोटर चुनाव से संबंधित कोई भी समस्या या जानकारी बता या ले सकता है.
सी विजिल एप
आम चुनाव में कोई राजनीतिक दल आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न कर सके. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने सी विजिल एप लॉच किया है. इस एप पर कोई आमजन चुनाव से जुड़ी शिकायत कर सकता है. मतदाता इस एप के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में होने वाली तमाम गड़बड़ियों की फोटो वीडियो बना कर अपलोड कर सकता है, जिस पर निर्वाचन आयोग संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा. ये ऐप गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.