देहरादूनः उत्तराखंड के बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार 5 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 8 सितंबर को मतगणना की तिथि रखी गई है. प्रत्याशी 17 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे. 18 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 21 अगस्त की तिथि नाम वापसी के लिए रखी गई है. 5 सितंबर को बागेश्वर विधानसभा सीट पर मतदान होगा और 8 सितंबर को मतगणना की जाएगी.
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By-elections to seven Legislative Assemblies of Jharkhand, Tripura, Kerala, West Bengal, Uttar Pradesh and Uttarakhand to be held on 5th September pic.twitter.com/dcVMW1o06l
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दरअसल, बागेश्वर विधानसभा सीट से विधायक चंदन राम दास का 26 अप्रैल को हृदय गति रुकने से निधन हो गया था. उस समय चंदन राम दास उत्तराखंड की धामी सरकार में परिवहन मंत्री थे. चंदन राम दास के निधन के बाद यह सीट खाली हुई. जिसपर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा आज (8 अगस्त) को की गई है. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार देश के 7 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसमें बागेश्वर उपचुनाव भी शामिल है. भारत निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद ही मुख्य निर्वाचन कार्यालय उत्तराखंड भी उपचुनाव को लेकर सक्रिय हो गया है.
उपचुनाव में तिथियों का ऐलान...
- 17 अगस्त को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि रखी गई.
- 18 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी.
- 21 अगस्त को नाम वापसी की तिथि रखी गई है.
- 5 सितंबर को बागेश्वर विधानसभा सीट पर मतदान होगा.
- 8 सितंबर को मतगणना होगी.
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सीट पर एक लाख से ज्यादा वोटर: ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. वी षणमुगम ने बताया कि बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,18,225 वोटर है. इसमें 60,048 पुरुष और 58,177 महिला वोटर हैं. इसके साथ ही 2206 सर्विस वोटर और 1356 पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग) वोटर हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र में 2556 वोटर 80 साल से अधिक के उम्र के हैं. उपचुनाव के लिए 188 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे और 172 पोलिंग स्टेशन रहेंगे.
1500 कर्मी देखेंगे चुनाव व्यवस्था: उपचुनाव ईवीएम के माध्यम से कराया जाएगा. इसके लिए करीब 400 ईवीएम-वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही 94 पोलिंग बूथ का वेबकास्टिंग किया जाएगा. इस उपचुनाव के लिए करीब 1500 लोगों की ड्यूटी लगाई जाएगी. इसके अलावा करीब 1000 पुलिस कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगेगी. बागेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र को 28 सेक्टर और तीन जोन में बांटा गया है. साथ ही बताया कि चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से तमाम व्यवस्थाएं कराई जाएंगी.
सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना जरूरी: भारत निर्वाचन आयोग के नियम के मुताबिक कोई भी विधानसभा सीट खाली होने की तिथि से अगले 6 महीने के भीतर सीट पर उपचुनाव कराकर विधायक चुनना अनिवार्य होता है. 26 अप्रैल को मंत्री चंदन राम का निधन हुआ था. ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 26 अक्टूबर से पहले बागेश्वर सीट पर उपचुनाव होना जरूरी है.
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