देहरादून: उत्तराखंड शासन के लिए समय पर वार्षिक तबादला प्रक्रिया खत्म करना एक बड़ी चुनौती बन गया है. तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक कर्मचारियों के स्थानांतरण करना होगा. लेकिन, इस बार शायद शासन तय समय सीमा तक तबादले न कर पाये. इसकी बड़ी वजह लोकसभा चुनावों के लिए लागू आचार संहिता है. इसके चलते 10 जून तक स्थानांतरण करना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है.
उत्तराखंड में पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान हो चुके हैं. सभी चरणों में चुनाव होने के बाद 23 मई को मतगणना होनी है. ऐसे में मई के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश में आचार संहिता लागू रहेगी. जिसके चलते 10 जून तक स्थानांतरण प्रक्रिया को खत्म करना मुश्किल लग रहा है. हालांकि स्थानांतरण को लेकर जल्द मुख्य सचिव बैठक ले सकते हैं.
लेकिन, कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में होने और आचार संहिता लागू होने के चलते फिलहाल मई अंतिम सप्ताह के बाद ही तबादले की प्रक्रिया को शुरू नहीं की जा सकती है. मौजूदा समय में शासन की तरफ से आंतरिक प्रक्रिया को शुरू कर सुगम और दुर्गम के निर्धारण समेत समितियों के गठन को लेकर ही काम किया जा सकता है.
तबादला एक्ट के तहत यूं तो 10 जून तक सभी स्थानांतरण होने हैं. लेकिन, मौजूदा परिस्थितियां यह बयां कर रही है कि शासन की तरफ से स्थानांतरण की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है. आंकलन किया जा रहा है कि शासन को इस प्रक्रिया को पूरा करने में 20 दिन तक लग सकते हैं ऐसे में जून के अंतिम सप्ताह तक का समय बढ़ाया जा सकता है.
बता दें कि प्रदेश में बीते साल नयी तबादला नीति लागू हुई थी. इसके तहत सभी विभागों को 10 जून तक तबादला आदेश जारी करने हैं. खास बात यह है कि 31 मार्च तक तबादलों के लिए आवेदक चिह्नित कर दुर्गम, सुगम क्षेत्र में खाली पदों की स्थिति साफ करके आवेदनों की संख्या के आधार पर सूची 15 अप्रैल तैयार की जानी थी. लेकिन प्रदेश में आचार संहिता लगने और पहले चरण में मतदान होने के कारण तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. जानकारी के मुताबिक अभी तक विभागों में न तो आवेदक चिह्नित नहीं हुई है और न ही कोई सूची बन पाई है.