देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति के घोटाले मामले में SIT जांच टीम ने हरिद्वार के एक और घोटालेबाज शिक्षण संस्थान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कॉलेज प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया है. आरोप के मुताबिक हरिद्वार के रानीपुर स्थित शैक्षिक संस्थान 'Ranipur private ITI, BHEL ANCILLARY ESTATE' प्रिंसिपल मानवेंद्र विजय पाठक द्वारा समाज कल्याण अधिकारी की मिलीभगत से साल 2014 -15 से लेकर साल 2016-17 तक अपने संस्थान में जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिखाकर उनके नाम पर 21 लाख 53000 ₹325 सरकारी धन गबन किया है.
जांच पड़ताल में पता चला कि छात्रवृत्ति की रकम बैंकों के खातों से अलग-अलग तरीके से निकाली गई. इस घोटाले में शैक्षिक संस्थान के प्रिंसिपल मानवेंद्र विजय पाठक, निवासी गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.
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छात्र छात्राओं को कॉलेज में दाखिला देने के नाम पर हुआ छात्रवृत्ति घोटाले का खेल
राज्य में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर जांच कर रही एसआईटी टीम के मुताबिक आरोपी शिक्षण संस्थान के खिलाफ कई शिकायतें मिलने के बाद पहले हरिद्वार रानीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. प्रारंभिक जांच पड़ताल में पता चला कि संस्थान प्रवेश दिखाए गए अधिकांश छात्र फेल पाए गए हैं. ऐसे में संस्थान में फेल होने वाले छात्रों के बारे में जांच पड़ताल की तो पता चला कि 58 कथित छात्रों का कॉलेज में फर्जी दाखिला दिखाया गया है.
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दाखिले के लिए लगाया गया कैंप
कथित छात्र-छात्राओं से पूछताछ में पता चला कि साल 2014-15 में आरोपी कॉलेज द्वारा दाखिले के लिए कैंप लगाया गया था. जिसमें उनके कागजात की फोटो कॉपी और कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए थे. इतना ही नहीं धोखेबाजी से संस्थान द्वारा अपने कॉलेज में फर्जी दाखिला दिखाकर अलग-अलग बैंकों में खाते भी खुलवाए गए. इसी जांच पड़ताल के आधार पर बैंक खातों के स्टेटमेंट का अवलोकन किया गया तो छात्रों के बैंक खाते से कॉलेज के प्रधानाचार्य मानवेंद्र विजय पाठक द्वारा धनराशि अपने अकाउंट ट्रांसफर करने की पुष्टि हुई.
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इन्ही सबूतों के आधार पर आरोपित कॉलेज के प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गुरुवार 4 जनवरी को मानवेंद्र विजय को हरिद्वार रानीपुर से गिरफ्तार किया गया. STF के पूछताछ में प्रिंसिपल मानवेंद्र विजय पाठक ने अपने अपराध को स्वीकार करते हुए छात्रवृत्ति घोटाले की पूरी जानकारी दी.