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शिक्षकों के समायोजन में मैदानी जिले फिसड्डी, शिक्षा सचिव ने लगाई फटाकर - dehradun news

समायोजन को लेकर समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि प्रदेश के 10 जिलों में तो संतोषजनक काम किया गया है. लेकिन देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में शिक्षकों के समायोजन की प्रगति निराशाजनक रही.

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Published : Nov 21, 2019, 2:59 PM IST

देहरादूनः शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन पर मैदानी जिले बेहद सुस्त हैं. शासन स्तर पर जारी आदेशों के बावजूद भी राज्य के 3 जिलों में इसको लेकर कार्रवाई नहीं की जा रही है. आखिरकार अब सचिव शिक्षा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर इस पर चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं. शिक्षकों की तैनाती पर असंतुलन की स्थिति महकमे के लिए समस्या बन गयी है. शायद यही कारण है कि विभाग ने शिक्षकों के समायोजन की गति को तेज कर दिया है. हालांकि शासन के आदेशों के बाद भी मैदानी जिलों में समायोजन पर संतोषजनक काम नहीं हो पा रहा है.

शिक्षकों के समायोजन में मैदानी जिले फिसड्डी.

इसी का नतीजा है कि शिक्षा सचिव ने तीन मैदानी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है. दरअसल समायोजन को लेकर समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि प्रदेश के 10 जिलों में तो संतोषजनक काम किया गया है लेकिन देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में शिक्षकों के समायोजन की प्रगति निराशाजनक रही.

ऐसे में शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने इन तीनों ही मैदानी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है. यही नहीं शिक्षा सचिव ने समायोजन को लेकर तेजी नहीं दिखाने पर मुख्य शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि करने की भी बात कही.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः 14वें वित्त आयोग के तहत निकायों को 93.54 करोड़ रुपये जारी

बता दें कि राज्य में करीब 1000 शिक्षक हैं जिनके समायोजन होने हैं. इसमें गढ़वाल मंडल में करीब 300 शिक्षक सरप्लस बताए जा रहे हैं तो करीब 700 शिक्षक कुमाऊं मंडल में सरप्लस हैं. माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की कम होती संख्या के चलते कई जगह शिक्षक सरप्लस हुए हैं. इसी तरह स्कूलों के मर्ज होने और एक ही विषय के शिक्षकों की तैनाती के कारण भी शिक्षक सरप्लस हैं.

देहरादूनः शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन पर मैदानी जिले बेहद सुस्त हैं. शासन स्तर पर जारी आदेशों के बावजूद भी राज्य के 3 जिलों में इसको लेकर कार्रवाई नहीं की जा रही है. आखिरकार अब सचिव शिक्षा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर इस पर चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं. शिक्षकों की तैनाती पर असंतुलन की स्थिति महकमे के लिए समस्या बन गयी है. शायद यही कारण है कि विभाग ने शिक्षकों के समायोजन की गति को तेज कर दिया है. हालांकि शासन के आदेशों के बाद भी मैदानी जिलों में समायोजन पर संतोषजनक काम नहीं हो पा रहा है.

शिक्षकों के समायोजन में मैदानी जिले फिसड्डी.

इसी का नतीजा है कि शिक्षा सचिव ने तीन मैदानी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है. दरअसल समायोजन को लेकर समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि प्रदेश के 10 जिलों में तो संतोषजनक काम किया गया है लेकिन देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में शिक्षकों के समायोजन की प्रगति निराशाजनक रही.

ऐसे में शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने इन तीनों ही मैदानी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है. यही नहीं शिक्षा सचिव ने समायोजन को लेकर तेजी नहीं दिखाने पर मुख्य शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि करने की भी बात कही.

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बता दें कि राज्य में करीब 1000 शिक्षक हैं जिनके समायोजन होने हैं. इसमें गढ़वाल मंडल में करीब 300 शिक्षक सरप्लस बताए जा रहे हैं तो करीब 700 शिक्षक कुमाऊं मंडल में सरप्लस हैं. माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की कम होती संख्या के चलते कई जगह शिक्षक सरप्लस हुए हैं. इसी तरह स्कूलों के मर्ज होने और एक ही विषय के शिक्षकों की तैनाती के कारण भी शिक्षक सरप्लस हैं.

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summary- शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन पर मैदानी जिले बेहद सुस्त हैं.. शासन स्तर पर जारी आदेशों के बावजूद भी राज्य के 3 जिलों में इसको लेकर कार्यवाही नहीं की जा रही है..आखिरकार अब सचिव शिक्षा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर इसपर चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं..


Body:शिक्षकों की तैनाती पर असंतुलन की स्थिति महकमे के लिए समस्या बन गयी है..शायद यही कारण है कि विभाग ने शिक्षकों के समायोजन की गति को तेज कर दिया है..हालाकिं शासन के आदेशों के बावजूद भी मैदानी जिलों में समायोजन पर संतोषजनक काम नही हो पा रहा है.. इसी का नतीजा है कि शिक्षा सचिव ने तीन मैदानी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है... दरअसल समायोजन को लेकर समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि प्रदेश के 10 जिलों में तो संतोषजनक काम किया गया है लेकिन देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले में शिक्षकों के समायोजन की प्रगति निराशाजनक रही..ऐसे में शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने इन तीनों ही मैदानी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है... यही नहीं शिक्षा सचिव ने समायोजन को लेकर तेजी नहीं दिखाने पर मुख्य शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि करने की भी बात कह।।

बाइट- मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शिक्षा, उत्तराखंड

आपको बता दें कि राज्य में करीब 1000 शिक्षक हैं...जिनके समायोजन होने हैं.. इसमें गढ़वाल मंडल में करीब 300 शिक्षक सरप्लस बताए जा रहे हैं.. तो करीब 700 शिक्षक कुमाऊं मंडल में सरप्लस है...माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की कम होती संख्या के चलते कई जगह शिक्षक सरप्लस हुए हैं...इसी तरह स्कूलों के मर्ज होने और एक ही विषय के शिक्षकों की तैनाती के कारण भी शिक्षक सरप्लस हुए हैं...


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