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जौनसार बावर पहुंचे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा अधिकारियों को चेताया

हरेला पर्व पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने जौनसार बावर के राजकीय इंटर कॉलेज साहिया में पौधरोपण किया.

vikasnagar
पौधारोपण
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Published : Jul 11, 2020, 7:43 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 10:33 PM IST

विकासनगर: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के जौनसार बावर राजकीय इंटर कॉलेज साहिया पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ढोल दमोह के साथ स्वागत किया. राजकीय इंटर कॉलेज साहिया के परिसर में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने रुद्राक्ष और फलदार पौधों का रोपण किया.

मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि जैसे वृक्ष अपने गुणों से मानव जाति को जिंदा रखता है, उसी तरह शिक्षकों को भी अपने गुणों से छात्र- छात्राओं को अच्छी शिक्षा देकर आगे बढ़ाना चाहिए. जिससे छात्र संस्कार पाकर अच्छी दिशा में आगे बढ़ सकें.

जौनसार बावर पहुंचे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा अधिकारियों को चेताया.

कोरोना महामारी के दौरान प्रकृति में एक बदलाव देखने को मिला. छोटी- मोटी बीमारी वैसे ही समाप्त हो गई. इसका मतलब यह हुआ कि हमने कहीं ना कहीं प्रकृति से छेड़छाड़ की. बड़े स्तर से हमने प्राकृतिक दोहन किया. ऐसे में हमें प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए और अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए.

पढ़ें: पर्यटन को पटरी पर लाने की कवायद, सरकार जल्द लेगी फैसला

उन्होंने कहा कि प्राइवेट विद्यालय में एनसीईआरटी की किताबें जरूरी हैं. कोई विद्यालय इसका उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बल्कि उनके साथ साथ अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई में प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं.

विकासनगर: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के जौनसार बावर राजकीय इंटर कॉलेज साहिया पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ढोल दमोह के साथ स्वागत किया. राजकीय इंटर कॉलेज साहिया के परिसर में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने रुद्राक्ष और फलदार पौधों का रोपण किया.

मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि जैसे वृक्ष अपने गुणों से मानव जाति को जिंदा रखता है, उसी तरह शिक्षकों को भी अपने गुणों से छात्र- छात्राओं को अच्छी शिक्षा देकर आगे बढ़ाना चाहिए. जिससे छात्र संस्कार पाकर अच्छी दिशा में आगे बढ़ सकें.

जौनसार बावर पहुंचे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा अधिकारियों को चेताया.

कोरोना महामारी के दौरान प्रकृति में एक बदलाव देखने को मिला. छोटी- मोटी बीमारी वैसे ही समाप्त हो गई. इसका मतलब यह हुआ कि हमने कहीं ना कहीं प्रकृति से छेड़छाड़ की. बड़े स्तर से हमने प्राकृतिक दोहन किया. ऐसे में हमें प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए और अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए.

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उन्होंने कहा कि प्राइवेट विद्यालय में एनसीईआरटी की किताबें जरूरी हैं. कोई विद्यालय इसका उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बल्कि उनके साथ साथ अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई में प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं.

Last Updated : Jul 11, 2020, 10:33 PM IST
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