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खबर का असर: MHRD की गाइडलाइन फॉलो करेगा शिक्षा विभाग, छात्रों को मिलेगी राहत - Uttarakhand Education Department

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए अब शिक्षा विभाग ने एचआरडी की ऑनलाइन क्लासेस की गाइडलाइन फॉलो करने का फैसला किया है. इस गाइडलाइन के अनुसार बच्चों की ऑनलाइन क्लास के दौरान स्क्रीन टाइम को निश्चित किया गया है.

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MHRD की गाइलाइन फॉलों करेगा शिक्षा विभाग
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Published : Jul 20, 2020, 4:39 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 5:28 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में स्कूली छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस से हो रहे नुकसान पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है. ईटीवी भारत ने हाल ही में ऑनलाइन क्लासेस से छात्रों को हो रहे शारीरिक नुकसान की रिपोर्ट दिखाई थी. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने एचआरडी मिनिस्ट्री की गाइडलाइन को फॉलो करने का फैसला किया है.

लॉकडाउन के बाद राज्य में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षा व्यवस्था को हुआ है. स्कूली छात्रों को शिक्षण कार्य में कुछ राहत देने और सिलेबस को पूरा करवाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस का सहारा लिया गया है. मगर इससे बच्चों के साथ ही अभिभावकों की परेशानियां बढ़ गईं. ऑनलाइन क्लासेस के लिए बच्चों को घंटों फोन के सामने बैठे रहना पड़ता है, जिससे उनकी आंखों के साथ ही कमर और अन्य शारीरिक समस्याएं सामने आने लगी थी.

पढ़ें- कोरोना को मात देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने अपनाई '3T' की रणनीति

ईटीवी भारत ने छात्रों को हो रही परेशानियों को लेकर विशेष रिपोर्ट दिखाई थी. जिसमें ऑनलाइन क्लासेस के कारण बच्चों की आंखें कमजोर होने, सर्वाइकल की समस्याएं आने और दूसरी भी तमाम दिक्कत की बातें मेडिकल एक्सपर्ट के जरिये दिखाई गई थी.

MHRD की गाइडलाइन फॉलो करेगा शिक्षा विभाग.

पढ़ें- लद्दाख बॉर्डर पर तैनात उत्तराखंड का जवान शहीद, सीएम ने जताया शोक

जिसका संज्ञान लेते हुए अब शिक्षा विभाग ने एचआरडी की ऑनलाइन क्लासेस की गाइडलाइन फॉलो करने का फैसला किया है. इस गाइडलाइन के अनुसार बच्चों की ऑनलाइन क्लास के दौरान स्क्रीन टाइम को निश्चित किया गया है. साथ ही क्लास के दौरान बीच में कुछ समय बच्चों को रेस्ट के लिए दिया जाता है.

ऑनलाइन क्लासेस के लिए क्या है एचआरडी की गाइडलाइन

  • प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  • कक्षा 1 से 8 के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 45 से प्रत्येक मिनट के दो ऑनलाइन सत्रों की सिफारिश की है,
  • कक्षा 9 से 12 के लिए, 30-45 मिनट की अवधि के चार सत्रों की सिफारिश की गई है.
  • कक्षा पहली से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए NCERT के वैकेल्पिक कैलेंडर ( http://ncert.nic.in/aac.html ) अपनाए जाने की सिफारिश की गई है.
  • डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े आयाम पर ध्यान देने पर भी जोर दिया गया है.
  • इसमें साइबर सुरक्षा को बनाये रखने के लिये उठाये जाने वाले एहतियात पर भी बल दिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में स्कूली छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस से हो रहे नुकसान पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है. ईटीवी भारत ने हाल ही में ऑनलाइन क्लासेस से छात्रों को हो रहे शारीरिक नुकसान की रिपोर्ट दिखाई थी. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने एचआरडी मिनिस्ट्री की गाइडलाइन को फॉलो करने का फैसला किया है.

लॉकडाउन के बाद राज्य में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षा व्यवस्था को हुआ है. स्कूली छात्रों को शिक्षण कार्य में कुछ राहत देने और सिलेबस को पूरा करवाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस का सहारा लिया गया है. मगर इससे बच्चों के साथ ही अभिभावकों की परेशानियां बढ़ गईं. ऑनलाइन क्लासेस के लिए बच्चों को घंटों फोन के सामने बैठे रहना पड़ता है, जिससे उनकी आंखों के साथ ही कमर और अन्य शारीरिक समस्याएं सामने आने लगी थी.

पढ़ें- कोरोना को मात देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने अपनाई '3T' की रणनीति

ईटीवी भारत ने छात्रों को हो रही परेशानियों को लेकर विशेष रिपोर्ट दिखाई थी. जिसमें ऑनलाइन क्लासेस के कारण बच्चों की आंखें कमजोर होने, सर्वाइकल की समस्याएं आने और दूसरी भी तमाम दिक्कत की बातें मेडिकल एक्सपर्ट के जरिये दिखाई गई थी.

MHRD की गाइडलाइन फॉलो करेगा शिक्षा विभाग.

पढ़ें- लद्दाख बॉर्डर पर तैनात उत्तराखंड का जवान शहीद, सीएम ने जताया शोक

जिसका संज्ञान लेते हुए अब शिक्षा विभाग ने एचआरडी की ऑनलाइन क्लासेस की गाइडलाइन फॉलो करने का फैसला किया है. इस गाइडलाइन के अनुसार बच्चों की ऑनलाइन क्लास के दौरान स्क्रीन टाइम को निश्चित किया गया है. साथ ही क्लास के दौरान बीच में कुछ समय बच्चों को रेस्ट के लिए दिया जाता है.

ऑनलाइन क्लासेस के लिए क्या है एचआरडी की गाइडलाइन

  • प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  • कक्षा 1 से 8 के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 45 से प्रत्येक मिनट के दो ऑनलाइन सत्रों की सिफारिश की है,
  • कक्षा 9 से 12 के लिए, 30-45 मिनट की अवधि के चार सत्रों की सिफारिश की गई है.
  • कक्षा पहली से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए NCERT के वैकेल्पिक कैलेंडर ( http://ncert.nic.in/aac.html ) अपनाए जाने की सिफारिश की गई है.
  • डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े आयाम पर ध्यान देने पर भी जोर दिया गया है.
  • इसमें साइबर सुरक्षा को बनाये रखने के लिये उठाये जाने वाले एहतियात पर भी बल दिया गया है.
Last Updated : Jul 20, 2020, 5:28 PM IST
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