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ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगाने से संचालकों में आक्रोश, परेड ग्राउड में किया प्रदर्शन

परिवहन और पुलिस विभाग की ओर से ई-रिक्शा संचालकों के लिए मुख्य मार्गों में वाहन चलाने में प्रतिबंध लगाने के फरमान से ई-रिक्शा चालकों में खासा आक्रोश पैदा हो गया है.

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Published : Aug 30, 2019, 6:33 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 6:53 PM IST

ई-रिक्शा

देहरादून: राजधानी देहरादून के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा नहीं चलने के सरकारी फरमान का ई-रिक्शा संचालकों ने विरोध किया. शुक्रवार को शहर के सभी ई-रिक्शा संचालक देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्र हुए, जहां उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त किया.

ई-रिक्शा संचालक एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार ने अपने इस फैसले पर दोबार विचार नहीं किया तो ई-रिक्शा संचालक न्यायालय की शरण में भी जा सकते हैं.

पढ़ें- युवाओं को वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए नहीं करनी पड़ेगी भाग दौड़, इस वेबसाइट पर करें आवेदन

सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ई-रिक्शा एसोसिएशन के महासचिव रविंद्र त्यागी ने कहा कि आगामी1 सितंबर से ई-रिक्शा को शहर के मुख्य मार्गों पर प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. यदि इस फैसले को लागू किया तो रिक्शा चालक पूर्ण रूप से बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि अधिकतर ई रिक्शा चालकों ने बैंकों से लोन लेकर अपनी आजीविका शुरू की थी. यदि मुख्य मार्गो पर ई-रिक्शा के संचालन पर रोक लगा दी गई तो बैंकों का लोन वापस कर पाना संभव नहीं हो पाएगा. साथ ही किसी भी प्रकार का कोई भी टैक्स दे पाना ई-रिक्शा संचालकों के लिए चुनौती बन जाएगा. जिसके लिए पूर्ण रूप से शासन-प्रशासन और परिवहन विभाग उत्तरदाई होगा. इसलिए मजबूरन सभी ई-रिक्शा संचालकों को परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

ई-रिक्शा संचालकों में आक्रोश

पढ़ें- डॉक्टरों की कमी पर अजय भट्ट ने जताई चिंता, कहा- प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पूरी होगी कमी

अपनी मांगों को लेकर ई-रिक्शा संचालक ने गुरुवार को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली थी. जिसके बाद शुक्रवार को देवभूमि ई रिक्शा एसोसिएशन ने परेड ग्राउंड में सरकार और शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

देहरादून: राजधानी देहरादून के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा नहीं चलने के सरकारी फरमान का ई-रिक्शा संचालकों ने विरोध किया. शुक्रवार को शहर के सभी ई-रिक्शा संचालक देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्र हुए, जहां उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त किया.

ई-रिक्शा संचालक एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार ने अपने इस फैसले पर दोबार विचार नहीं किया तो ई-रिक्शा संचालक न्यायालय की शरण में भी जा सकते हैं.

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सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ई-रिक्शा एसोसिएशन के महासचिव रविंद्र त्यागी ने कहा कि आगामी1 सितंबर से ई-रिक्शा को शहर के मुख्य मार्गों पर प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. यदि इस फैसले को लागू किया तो रिक्शा चालक पूर्ण रूप से बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि अधिकतर ई रिक्शा चालकों ने बैंकों से लोन लेकर अपनी आजीविका शुरू की थी. यदि मुख्य मार्गो पर ई-रिक्शा के संचालन पर रोक लगा दी गई तो बैंकों का लोन वापस कर पाना संभव नहीं हो पाएगा. साथ ही किसी भी प्रकार का कोई भी टैक्स दे पाना ई-रिक्शा संचालकों के लिए चुनौती बन जाएगा. जिसके लिए पूर्ण रूप से शासन-प्रशासन और परिवहन विभाग उत्तरदाई होगा. इसलिए मजबूरन सभी ई-रिक्शा संचालकों को परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

ई-रिक्शा संचालकों में आक्रोश

पढ़ें- डॉक्टरों की कमी पर अजय भट्ट ने जताई चिंता, कहा- प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पूरी होगी कमी

अपनी मांगों को लेकर ई-रिक्शा संचालक ने गुरुवार को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली थी. जिसके बाद शुक्रवार को देवभूमि ई रिक्शा एसोसिएशन ने परेड ग्राउंड में सरकार और शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

Intro:मुख्य मार्गो पर नो एंट्री के सरकारी फैसले के बाद सैकड़ों ई-रिक्शा संचालकों ने ई रिक्शा के पहिए जाम कर दिए हैं।ई- रिक्शा संचालक परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। ई-रिक्शा संचालक एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार ने इस फैसले को नहीं बदला तो ऐसे में ई-रिक्शा संचालक न्यायालय की शरण में भी जा सकते हैं


Body:सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए ई-रिक्शा एसोसिएशन के महासचिव रविंद्र त्यागी ने कहा कि बीपी 1 तारीख से ईरिक्शा को शहर के मुख्य मार्गो पर प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। यदि इस फैसले को लागू किया तो रिक्शा चालक पूर्ण रूप से बेरोजगार हो जाएंगे, उन्होंने कहा कि अधिकतर ई रिक्शा चालकों ने बैंकों से लोन लेकर अपनी आजीविका शुरू की थी। यदि मुख्य मार्गो से ईरिक्शा के संचालन पर रोक लगा दी गई तो बैंकों से लोन वापस कर पाना संभव नहीं हो पाएगा। साथ ही किसी भी प्रकार का कोई भी टैक्स दे पाना ई-रिक्शा संचालकों के लिए चुनौती बन जाएगी, जिसके लिए पूर्ण रूप से शासन प्रशासन और परिवहन विभाग उत्तरदाई होगा। इसलिए मजबूरन सभी ई रिक्शा संचालकों को परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

बाईट- रविंद्र त्यागी,प्रदेश महासचिव, देवभूमि ई रिक्शा एसोसिएशन


Conclusion: गौर है कि कल ई रिक्शा संचालकों ने प्रदेश के परिवहन मंत्री, देहरादून के मेयर से मुलाकात करते हुए इस फैसले के खिलाफ अपनी पीड़ा जाहिर की थी लेकिन कहीं से भी ईरिक्शा संचालकों को राहत प्रदान नहीं हुई। जिसके विरोध स्वरूप आज सैकड़ों ई रिक्शा संचालक परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए और इस फैसले के विरोध में अपना आक्रोश व्यक्त किया। वही ई रिक्शा एसोसिएशन के नेताओं का कहना है कि शहर भर में करीब तीन हजार ई रिक्शा संचालक इस रोजगार को अपनाकर अपनी आजीविका चलाते थे, लेकिन अब इस फैसले के बाद उनको ई रिक्शा की किस्तें चुकाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
Last Updated : Aug 30, 2019, 6:53 PM IST
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