देहरादून: दो साल पहले शहर में आम लोगों की सुविधा और शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ई-रिक्शा शुरू किये गए थे. यही ई-रिक्शा आज के दिन सड़कों पर मुसीबत का सबब बन गए हैं. ई-रिक्शा के शहर के हर मुख्य मार्गों और प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थिति आम सी बात हो गई है. वहीं इस पूरे मामले में आरटीओ मूक दर्शक ही बना नजर आता है.
परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार देहरादून में 2,478 ई रिक्शा पंजीकृत हैं. शहर में जाम की स्थिति को देखते हुए 28 अगस्त 2019 को ई-रिक्शा के लिए मार्ग निधारित कर दिए गए थे. साथ ही मुख्य मार्गों पर भी इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था. लेकिन कमेटी के फैसले के बावजूद भी ई-रिक्शा मुख्य मार्गों पर सवारियां लेकर दौड़ते नजर आ रहे हैं. पुलिस और परिवहन विभाग भी कमेटी के प्रस्ताव का पालन नहीं करवा पा रहे हैं.
पढ़ें- अल्मोड़ाः नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर गुरिल्लाओं का धरना जारी, चलाया हस्ताक्षर अभियान
एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि पिछली बार कमेटी की बैठक में पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देशित किया गया था कि मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा को प्रतिबंधित किया जाए. जिसके लिए बोर्ड स्थापित किया जाए. वहीं अगर कोई ई-रिक्शा मुख्य मार्गों पर चलते पाए जाते हैं तो उनके पंजीयन के खिलाफ कार्रवाई की जाए.