देहरादूनः उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का शुभारंभ 3 मई से होने जा रहा है. कोरोना काल के बाद इस बार यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावनाएं हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. विभाग ने यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए डॉक्टरों की रोटेशन में 15-15 दिन की ड्यूटियां लगाई है.
इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी यात्रा मार्गों में तैनात करने का निर्णय लिया है. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो उसके लिए मेडिकल ऑफिसर्स को एम्स की तरफ से विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह ट्रेनिंग मेडिकल अफसरों को हाई एल्टीट्यूड सिकनेस को देखते हुए प्रदान की जा रही है. रोटेशन वाइज प्रशिक्षण प्राप्त किए जाने के बाद इन चिकित्सकों को तैनाती स्थल पर रवाना कर दिया जाएगा. वहीं, प्रदेश में हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी को देखते विभाग सामान्य चिकित्सकों को भी कार्डियोलॉजी की ट्रेनिंग दे रहा है ताकि चारधाम यात्रा मार्गों में कार्डियक के पेशेंट को स्टेबल किया जा सके.
चारधाम यात्रा मार्ग में तैनात रहेंगे मेडिकल अफसरः चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके, उसके लिए करीब 50 मेडिकल ऑफिसरों की यात्रा में तैनाती की गई है. साथ ही इस बार यात्रा रूटों पर 42 स्पेशलिस्ट डॉक्टर अपनी सेवाएं देंगे. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात करने का निर्णय लिया है. इसमें 66 स्टाफ नर्स और 44 फार्मासिस्ट शामिल हैं.
चारधाम में बनाए अस्पतालः चारों धामों के समीप अस्पताल तैयार किए गए हैं. बदरीनाथ और केदारनाथ में चार-चार बेड के अस्पताल तैयार किए गए हैं, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री में दो-दो बेड के अस्पताल बनाए गए हैं. इन अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष सुविधाएं रखी गई हैं. इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले में 108 की 6 और विभाग की 8 एंबुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी. इसके अलावा चमोली में 108 की 17 और स्वास्थ्य विभाग की 14 एंबुलेंस जबकि, उत्तरकाशी में 108 की 14 और विभाग की 15 एंबुलेंस मरीजों की सेवा में लगाई गई हैं.