देहरादून: पूरे देश के साथ ही देवभूमि में भी दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है. श्रद्धालु नित्य मां की उपासना कर रहे हैं. वहीं राजधानी देहरादून में पिछले 97 सालों से बंगाली समुदाय के लोग अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संजोए हुए हैं. समुदाय के लोगों द्वारा नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं इस साल दुर्गा पूजा में समाज में न्यायपालिका की कार्यशैली का मंचन होगा. जिसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना होगा.
देहरादून के करनपुर रोड स्थित 'बंगाली लाइब्रेरी' नाम के इस भवन को बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा करीब 119 वर्ष पहले यानी साल 1900 में बनवाया गया था. सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा को कायम रखते हुए इसी बंगाली लाइब्रेरी में पिछले 97 साल से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. जिसमें श्रद्धालु बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं. दुर्गा पूजा में सप्तमी, अष्टमी और नवमी में सांस्कृतिक और नाटक का आयोजन किया जाता है. जिसके लिए समुदाय के लोग खासी तैयारी करते हैं.
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जिसमें बंगाली समुदाय के लोग अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को पिरोने का प्रयास करते हैं. दुर्गा पूजा कार्यक्रम के तहत सप्तमी को बंगाली संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नाटक प्रस्तुत किया जाएगा. जिसके लिए इन दिनों रिहर्सल किया जा रहा है. वहीं अष्टमी के दिन इस बार कोलकाता से विशेष बंगाली लोकगीत संगीत बैंड के साथ ही संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम को पेश किया जाएगा. साथ ही इस आयोजन में लोगों को जागरूकता का संदेश भी दिया जाएगा.
इस बार नवमी के दिन हिंदी नाटक समाज में न्यायपालिका के प्रति समर्पित रहेगा. यह नाटक कांति प्रसाद त्यागी की कविता को लेकर तैयार किया गया है. जिसका शीर्षक 'गधे के सींग' हैं. इस नाटक में ज्वलंत मुद्दों को उठाने के साथ ही जागरूकता का संदेश दिया जाएगा.