रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में सोमवार देर रात से हो रही बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ों में बारिश से लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है तो पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण मैदानी इलाकों में जलस्तर बढ़ गया है. लिहाजा, मैदानी इलाकों में गंगा नदी भी खतरे के निशान के आस-पास बह रही है. ऐसे में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं. एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा का कहना है कि बारिश के कारण गंगा नदी एक बार फिर उफान पर है. बाढ़ के हालातों के बीच एसडीआरएफ की टीमों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है. आपातकालीन परिचालन केंद्र ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अलकनंदा नदी के जल स्तर बढ़ने की संभावना पर 4 जिलों को अलर्ट किया है.
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Uttarakhand | Due to incessant rains in the hilly areas of the state, the river Ganga is again in spate. SDRF teams have been instructed to be on high alert amid flood circumstances. The Emergency Operation Center has alerted 4 districts on the possibility of rising water level… pic.twitter.com/hpZkuL0W11
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अलकनंदा-मंदाकिनी खतरे के निशान से ऊपर: पहाड़ों में आफत की बारिश जारी है. बारिश के कारण हालात-अस्त व्यस्त हो गए हैं. नदी-नाले उफान पर हैं. लगातार बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान को पार करके बह रही है. नदी किनारे रहने वाले लोगों को हिदायत दी गई है कि वह अलर्ट रहें और खतरा होने पर घर खाली कर दें. नदी किनारे स्थित घाटों पर तीर्थ यात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है. बारिश के कारण अलकनंदा नदी अपने खतरे के निशान 626 मीटर से ऊपर बह रही है. इसी तरह मंदाकिनी नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई है.
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शवों के अंतिम संस्कार की जगह पानी में डूबी: रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम स्थल पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. यहां स्थित सभी घाट, शौचालय, चेंजिंग रूम पानी में डूब गए हैं. स्थिति यह है कि लोगों को शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही है. लोग नदी से काफी ऊपर शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे भी जगह-जगह बंद पड़ा हुआ है. हाईवे पर हजारों की संख्या में यात्री भी फंसे हुए हैं. हालांकि, हाईवे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं.
विद्युत परियोजना की झील से छोड़ा गया पानी: पौड़ी के श्रीनगर में भी लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण श्रीनगर गढ़वाल जल विद्युत परियोजना की झील में काफी पानी भर गया. खतरा बढ़ने की आशंका पर परियोजना से 3 हजार क्यूसेक पानी अलकनंदा नदी में छोड़ा गया, जिससे श्रीनगर में नदी किनारे बने घाट जलमग्न हो गए हैं. नदी का जलस्तर वार्निंग लेवल पर पहुंच गया है. श्रीनगर पुलिस ने नदी किनारे रह रहे लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है.
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ऋषिकेश में गंगा का रौद्र रूप: उधर पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी का बढ़ा जलस्तर और श्रीनगर में जलविद्युत परियोजना की झील से पानी छोड़ने के कारण बढ़ा अलकनंदा नदी का जलस्तर से ऋषिकेश में भी गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. ऋषिकेश में गंगा नदी रौद्र रूप में बह रही है. लिहाजा, गंगा के तटीय क्षेत्र शीशम झाड़ी, मायाकुंड, चंद्रभागा, त्रिवेणी घाट, गौहरी माफी सहित कई क्षेत्रों में भी प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है.
मसूरी के 707 एनएच पर दरकी पहाड़ी: उधर पहाड़ों की रानी मसूरी में देर रात से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मसूरी में कई जगह सड़कों पर मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया है. मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 वुड स्टॉक स्कूल के पास भूस्खलन होने से बंद हो गया है. जबकि नेशनल हाईवे-707 A मसूरी फायर स्टेशन के पास पहाड़ी दरकने से मुख्य मार्ग पर चट्टान गिर गई है. इससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि, कुछ देर बाद मार्ग खोल दिया गया. वहीं कई जगह प्राकृतिक नाले बंद होने के कारण बारिश का पानी सड़कों में बहता दिखा. कई जगह पानी लोगों के घरों में जा घुसा. इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मसूरी पेट्रोल पंप के पास पहाड़ी दरकने से चपेट में आई दो स्कूटी भी क्षतिग्रस्त हो गई.
नायाब तहसीलदार ने किया नालों का निरीक्षण: मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 A वाल्मीकि मंदिर के पास काफी समय से बंद पड़े नाले को खुलवाने को लेकर एसडीएम मसूरी नंदन कुमार के निर्देश पर नायब तहसीलदार विनोद तिवारी के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम मौके पर पहुंची और बंद पड़े नाले का निरीक्षण किया. नायब तहसीलदार ने एनएच के अधिकारियों को उनके अधीन आने वाले नालों को तत्काल खुलवाने के निर्देश दिए. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका के अधीन आने वाले नालों की हालत बद से बदतर हो रखी है. बंद पड़े नालों से पानी सड़क से होते हुए लोगों के घरों में घुस रहा है.
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मलबे की चपेट में आने से फंसी गाड़ियां: मसूरी कैंपटी रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 707 A पर भारी मात्रा में मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया. मलबे की चपेट में आने से 3 गाड़ियां फंस गई. कैम्पटी पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जेसीबी के मदद से मलबे को हटाकर गाड़ियों को निकाला गया. मसूरी और कैम्पटी के आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश से हुए भूस्खलन के बाद सड़कों पर मलबा आने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गौशाला में गिरा पुश्ता: वहीं, चमोली के नारायणबगड़ के केवर तल्ला गांव में मार्ग का पुश्ता टूटने से गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई है. घटना में गौशाला में मौजूद 2 मवेशी की मौके पर ही मौत हो गई और एक मवेशी घायल है. जबकि 1 मवेशी का रेस्क्यू किया गया. वहीं, पुश्ता टूटने से गौशाला के पास बने घर पर भी खतरा पैदा हो गया है. दूसरी तरफ चेपड़ो में पिंडर नदी के टापू पर तीन मवेशी की फंस गए. सूचना पर पुलिस एवं पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रस्सी के सहारे मवेशियों का रेस्क्यू किया गया.
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