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आज शाम 4 बजे से नहीं कर पाएंगे चारधाम के दर्शन, जानिए चंद्रग्रहण की क्या है कहानी?

बुधवार की रात 1:22 बजे चंद्रग्रहण लग रहा है, जिसके चलते 9 घंटे पहले यानी मंगलवार शाम 4:22 बजे सूतक लग जायेगा. जिस वजह से चारों धामों के कपाट मंगलवार की शाम 4:22 बजे से पहले ही बंद हो जाएंगे.

चंद्रग्रहण
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Published : Jul 15, 2019, 9:01 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 9:12 AM IST

देहरादून/रुद्रप्रयागः उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा जारी है. हालांकि मानसून सीजन के चलते चारधाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों की संख्या में कमी जरूर दर्ज हुई है. दूसरी ओर मंगलवार की शाम श्रद्धालु चारधाम के दर्शन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बुधवार की रात 1:22 बजे चंद्रग्रहण लग रहा है, जिसके चलते 9 घंटे पहले यानी मंगलवार शाम 4:22 बजे सूतक लग जायेगा. जिस वजह से चारों धामों के कपाट मंगलवार की शाम 4:22 बजे से पहले ही बंद हो जाएंगे.

धर्माचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि बुधवार को 1:22 बजे से सुबह 4:07 बजे तक चंद्रग्रहण है. चंद्रग्रहण में मानता है कि सुरभानु नाम का एक दैत्य था, जो समुद्र मंथन में जो कथा है उसके अनुसार चंद्रमा और सूर्य के बीच में सुरभानु दैत्य बैठ जाता है जिसके बाद सूर्य के संकेत के बाद भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से भानु दैत्य दो भागों में बंट जाता है.

सिर के हिस्से को राहु और धड़ के हिस्से को केतु के रूप में नव ग्रहों में मान्यता दी गयी है. साथ ही बताया कि चंद्रग्रहण का जो ज्योतिस प्रमाण है उसके अनुसार चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है.

यानी मंगलवार की शाम 4:22 बजे से ही सूतक लग जाएगा और इस दौरान मूर्तियां स्पर्श, भगवान को भोग लगाना, भगवान को स्नान कराना या भगवान पर चोला चढ़ाना वर्जित रहेगा.

धर्माचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ प्रमुख धाम है, जहां वर्तमान समय में यात्रा चल रही है और चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले सूतक लग रहा है. ऐसे में मंगलवार की शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक मूर्ति दर्शन निषेध होगा, लिहाजा कपाट बंद रहेंगे.

चंद्रग्रहण के कारण चारधाम के कपाट बंद रहेंगे.

अगले दिन बुधवार को सुबह 4:07 बजे चंद्रग्रहण के अस्त होने के उपरांत भगवान का स्नान, भोग चढ़ाने, और आरती होने के बाद श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे.
यह भी पढ़ेंः सभी राशियों पर चंद्रग्रहण का पड़ेगा असर, लाभदायी फल पाने के लिए करें ये उपाय

बदरी-केदार मंदिर समिति के अनुसार 16 जुलाई सांय 4 बजकर 25 मिनट पर मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे. 17 जुलाई को रात 1 बजकर 31 मिनट से सुबह 4 बजकर 31 मिनट तक 3 घंटे का चंद्रग्रहण है.

ग्रहणकाल से 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है. इसका असर देश के अनेक मंदिरों पर भी पड़ेगा. ऐसा भी माना जा रहा है कि सूतक के चलते ठीक 9 घंटे पहले मंदिर बंद हो जाएंगे. केदारनाथ मंदिर के पुजारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट 16 जुलाई को सांय 4.25 बजे बंद हो जाएंगे.

इसके लिए सांय 3.:15 बजे सायंकालीन मंगल आरती पूजा होगी. 3.45 बजे भोग और शयन आरती होगी जबकि सायं 4.25 बजे मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि चन्द्रग्रहण में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में सूतक के चलते कपाट बंद और खुलने की एक ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. 17 जुलाई को चन्द्रग्रहण खत्म होने के बाद सुबह बदरी-केदार धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे.

देहरादून/रुद्रप्रयागः उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा जारी है. हालांकि मानसून सीजन के चलते चारधाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों की संख्या में कमी जरूर दर्ज हुई है. दूसरी ओर मंगलवार की शाम श्रद्धालु चारधाम के दर्शन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बुधवार की रात 1:22 बजे चंद्रग्रहण लग रहा है, जिसके चलते 9 घंटे पहले यानी मंगलवार शाम 4:22 बजे सूतक लग जायेगा. जिस वजह से चारों धामों के कपाट मंगलवार की शाम 4:22 बजे से पहले ही बंद हो जाएंगे.

धर्माचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि बुधवार को 1:22 बजे से सुबह 4:07 बजे तक चंद्रग्रहण है. चंद्रग्रहण में मानता है कि सुरभानु नाम का एक दैत्य था, जो समुद्र मंथन में जो कथा है उसके अनुसार चंद्रमा और सूर्य के बीच में सुरभानु दैत्य बैठ जाता है जिसके बाद सूर्य के संकेत के बाद भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से भानु दैत्य दो भागों में बंट जाता है.

सिर के हिस्से को राहु और धड़ के हिस्से को केतु के रूप में नव ग्रहों में मान्यता दी गयी है. साथ ही बताया कि चंद्रग्रहण का जो ज्योतिस प्रमाण है उसके अनुसार चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है.

यानी मंगलवार की शाम 4:22 बजे से ही सूतक लग जाएगा और इस दौरान मूर्तियां स्पर्श, भगवान को भोग लगाना, भगवान को स्नान कराना या भगवान पर चोला चढ़ाना वर्जित रहेगा.

धर्माचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ प्रमुख धाम है, जहां वर्तमान समय में यात्रा चल रही है और चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले सूतक लग रहा है. ऐसे में मंगलवार की शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक मूर्ति दर्शन निषेध होगा, लिहाजा कपाट बंद रहेंगे.

चंद्रग्रहण के कारण चारधाम के कपाट बंद रहेंगे.

अगले दिन बुधवार को सुबह 4:07 बजे चंद्रग्रहण के अस्त होने के उपरांत भगवान का स्नान, भोग चढ़ाने, और आरती होने के बाद श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे.
यह भी पढ़ेंः सभी राशियों पर चंद्रग्रहण का पड़ेगा असर, लाभदायी फल पाने के लिए करें ये उपाय

बदरी-केदार मंदिर समिति के अनुसार 16 जुलाई सांय 4 बजकर 25 मिनट पर मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे. 17 जुलाई को रात 1 बजकर 31 मिनट से सुबह 4 बजकर 31 मिनट तक 3 घंटे का चंद्रग्रहण है.

ग्रहणकाल से 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है. इसका असर देश के अनेक मंदिरों पर भी पड़ेगा. ऐसा भी माना जा रहा है कि सूतक के चलते ठीक 9 घंटे पहले मंदिर बंद हो जाएंगे. केदारनाथ मंदिर के पुजारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट 16 जुलाई को सांय 4.25 बजे बंद हो जाएंगे.

इसके लिए सांय 3.:15 बजे सायंकालीन मंगल आरती पूजा होगी. 3.45 बजे भोग और शयन आरती होगी जबकि सायं 4.25 बजे मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि चन्द्रग्रहण में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में सूतक के चलते कपाट बंद और खुलने की एक ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. 17 जुलाई को चन्द्रग्रहण खत्म होने के बाद सुबह बदरी-केदार धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे.

Intro:उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा जारी है हालांकि मानसून सीजन के चलते चारधाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों की संख्या में कमी जरूर दर्ज हुई है लेकिन मंगलवार की शाम श्रद्धालु चारधाम के दर्शन नहीं कर पाएंगे। क्योकि बुधवार की रात 1:22 बजे चंद्रग्रहण लग रहा है जिसके चलते चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले यानी मंगलवार को शाम 4:22 बजे चंद्रग्रहण का सूतक लग जायेगा। जिस वजह से चारो धामो के कपाट मंगलवार की शाम 4:22 बजे से पहले ही बंद हो जाएगा। 



Body:धर्माचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि बुधवार को 1:22 बजे से सुबह 4:07 बजे तक चंद्रग्रहण है। चंद्रग्रहण में मानता है कि सुरभानु नाम का एक दैत्य था, जो समुद्र मंथन में जो कथा है। उसके अनुसार चंद्रमा और सूर्य के बीच में सुर भानु दैत्य का बैठ जाता है जिसके बाद सूर्य की संकेत के बाद भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से भानु दैत्य दो भागों में बट जाता है। सिर के हिस्से को राहु और धड़ के हिस्से को केतु के रुप में नव ग्रहों में मान्यता दी गयी है। साथ ही बताया कि चंद्रग्रहण का जो ज्योतिस प्रमाण है उसके अनुसार चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। यानी मंगलवार की शाम 4:22 बजे से ही सूतक लग जाएगा। और इस दौरान मूर्तियां स्पर्श, भगवान को भोग लगाना, भगवान को स्नान कराना, या भगवान पर चोला चढ़ाना वर्जित रहेगा।

चारधाम के दर्शन नहीं कर पायेंगे यात्री.....

धर्माचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि गंगोत्री यमुनोत्री बद्रीनाथ और केदारनाथ प्रमुख धाम है जहां वर्तमान समय में यात्रा चल रही है। और चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले सूतक लग रहा है। ऐसे में मंगलवार की शाम 4 22:00 बजे से मूर्ति दर्शन निषेध होगा, लिहाजा कपाट बंद करने पड़ेंगे। और अगले दिन बुधवार को सुबह 4:07 बजे चंद्रग्रहण के अस्त होने के उपरांत भगवान का स्नान, भोग चढ़ाने, और आरती होने के बाद श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे।



Conclusion:
Last Updated : Jul 16, 2019, 9:12 AM IST
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