देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव से पहले पेयजल कर्मियों का आंदोलन सरकार पर भारी पड़ा है. दरअसल, इस आंदोलन के चलते कई योजनाएं प्रभावित हुई हैं. अब कैबिनेट में इन कर्मचारियों की मांगों को हरी झंडी तो दे दी गई है, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में कर्मचारियों पर योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने की चुनौती भी सामने है. इसी संबंध में विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी किए हैं.
कोषागार से पेंशन और वेतन भुगतान की मांग को लेकर आंदोलित कर्मचारियों की आज कैबिनेट की बैठक में निर्णय ले लिया गया. इस संदर्भ में कैबिनेट ने पेयजल और जल संस्थान में पे-प्रोटेक्शन के लिए विभागीय सचिव से वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया है. ऐसे में कर्मचारियों की मांग तो पूरी कर दी गई है लेकिन पिछले एक हफ्ते में आंदोलन के कारण विभाग के कई योजनाएं प्रभावित हुई हैं. ऐसे में विभाग के मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए आने वाले 2 से 3 दिनों में सभी टेंडर की प्रक्रिया को पूरी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाया जा सके.
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बता दें कि पिछले दिनों पेयजल मंत्री ने कर्मचारियों को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने का आश्वासन दिया था. लेकिन वित्त में फाइल आगे न बढ़ने के कारण इस पर निर्णय नहीं हो पाया था. ऐसे में कर्मचारियों का आंदोलन आगे बढ़ा. इससे योजनाओं पर भी असर पड़ा. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा अब उत्तराखंड में चुनाव होने वाले हैं लिहाजा यह समय आंदोलन या हड़ताल का नहीं है बल्कि तेजी से काम को आगे बढ़ाने का है. ऐसे में उनके द्वारा अधिकारियों को आने वाले दिनों में विभिन्न कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ आकर रुके हुए सभी कामों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं.