देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना महामारी के बीच आसमान से बरसी आफत ने सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. बादल फटने, अतिवृष्टि और ओलावृष्टि जैसी घटनाओं से कई पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जून का महीना भी नजदीक है, लिहाजा आने वाले समय में पेयजल संकट को लेकर भी सरकार चिंतित है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल से खास बातचीत की.
उत्तराखंड में दुर्गम क्षेत्रों तक पानी की पहुंच को बनाने के लिए पेयजल विभाग इन दिनों जुटा हुआ है. खास बात यह है कि जून का महीना नजदीक है, दूसरी तरफ बादल फटने की विभिन्न घटनाओं में कई पेयजल लाइनें टूट गई हैं. ऐसे हालात में इन घटनाओं में टूटी लाइनों को बनाने, दुर्गम क्षेत्रों तक पेयजल पहुंचाने और स्वच्छ पानी को लोगों तक पहुंचाने की कोशिशों में पेयजल विभाग लगा हुआ है.
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इसी कड़ी में पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने आम लोगों तक साफ पानी पहुंचाने की प्राथमिकता को दोहराया. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल संकट से निपटने और महामारी में लोगों को सुविधाएं पहुंचाने को लेकर अपनी बात रखी.
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पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि आने वाले मॉनसून और गर्मी के सीजन को देखते हुए विभाग के अधिकारियों की बैठक ली गई. जिसमें सभी को समय से सभी तैयारियां पूरे करने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने बताया मॉनसून से पहले क्षतिग्रस्त लाइनों को ठीक करने, टैंक्स की साफ-सफाई जैसी जरूरी चीजें पूरी करने के लिए कहा गया है, जिससे लोगों को साफ और स्वच्छ पेयजल पहुंचाया जाये.
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दुर्गम क्षेत्रों तक पेयजल की व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा हमारी सरकार का लक्ष्य है कि 2023 तक हर घर तक जल पहुंचाया जाये. जिसके लिए जल जीवन मिशन के तहत तेजी से काम किया जा रहा है.