ऋषिकेश: धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर कोरोना महामारी के बीच भी दिन-रात मरीजों की जान बचाने में लगे हैं. अपनी जान की परवाह किए बिना ये डॉक्टर कोरोना संक्रमितों का उपचार पिछले एक साल से कर रहे हैं. इस दौरान कई डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन इन्होंने मरीजों का साथ कभी नहीं छोड़ा.
कुछ ऐसी ही कहानी है टिहरी गढ़वाल के फकोट में तैनात डॉक्टर जगदीश जोशी (30 वर्षीय) की है. उनकी वजह से मरीज कोरोना महामारी से जंग जीतकर घर लौट रहे हैं. आपको बता दें कि मुनिकी रेती में कोविड-19 इंचार्ज जगदीश जोशी आज लोगों का इलाज करते करते खुद मूर्छित हो गए. लेकिन होश में आते ही फिर से मरीजों का इलाज शुरू कर दिया.
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डॉक्टर जगदीश जोशी को मुनिकी रेती में कोविड-19 इंचार्ज बनाया गया है. भारत में जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, तब से जगदीश अपनी टीम के साथ मुनिकी रेती में डेरा जमाए हुए हैं. कोविड के इस कठिन दौर में भी वह संक्रमितों की जांच कर उनका उपचार करने में जुटे हुए हैं.
पिछले एक साल से लगातार कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. जोशी, कोरोना की दूसरी लहर में भी अपनी टीम के साथ पूरी शिद्दत से जनसेवा में जुटे हुए हैं. वहीं, लगातार ड्यूटी करने की वजह से डॉ. जोशी आज अचानक मूर्छित होकर गिर पड़े. वहां पर मौजूद मुनिकी रेती नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी के साथ-साथ कई लोगों ने उनको संभाला और तत्काल उनका ट्रीटमेंट कराया. कुछ समय बाद जब उन्हें होश आया तो वह फिर से पूरी निष्ठा और ईमानदारी से लोगों के उपचार और परीक्षण में जुट गए.
ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी देते हुए डॉ. जगदीश जोशी ने बताया कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक है. वह पूर्व की भांति फिर से अपनी ड्यूटी करने में जुट गए हैं. वहीं, डॉ. जोशी की इस हौसले को देखकर सभी लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं. डॉ. जोशी ने अपनी कर्तव्य निष्ठा और जनसेवा से साबित कर दिया कि आखिर यूं ही लोग डॉक्टरों को धरती का भगवान नहीं कहते.