देहरादून: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Cooperation Minister Amit Shah) की अगुवाई में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में देश भर के सहकारिता मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस दौरान उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr Dhan Singh Rawat) ने इस सम्मेलन में प्रतिभाग कर राज्य की तरफ से अहम सुझाव दिए. अपने संबोधन में डॉ. रावत ने कहा कि जब उत्तराखंड में पैक्स समितियां थी, तब वह 22 पर्सेंट प्रॉफिट में थी, हमने उन समितियों को एमपैक्स बनाकर उन समितियों को बाजार देकर 84% प्रॉफिट में ला दिया है.
उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. रावत (Dr Dhan Singh Rawat) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ₹3400 करोड़ की एनसीडीसी परियोजना, उत्तराखंड सहकारिता विभाग को जो दी है, उससे हमने किसानों की आमदनी दोगुनी कर ली है. उन्होंने कहा परियोजना की मदद से बनाया जा रहा बद्री घी हम लोग अमेजन के माध्यम से 2500 रुपए किलो बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 15,000 बकरी पालकों को 10-10 बकरियां फ्री दी जा रही है और हिमालयी गोट विलेज बनाए जा रहे हैं.
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सहकारिता मंत्री ये दिये सुझाव
1. सहकारी संस्थाओं में परिवारवाद खत्म करने को नीति बनाई जाए.
2. पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के साथ बैंकिंग का यूनिफार्म कोर बैंकिंग सोल्यूशन लाया जाए.
3. पैक्स और FPO एक दूसरे के पूरक के रूप में काम करें.
4. मध्य कालीन और दीर्घ कालीन ऋणों में कोलेक्टरल सिक्योरटी की सीमा कम की जाए.
5. सहकारिता विश्वविद्यालय का कैम्पस प्रत्येक राज्य में खोला जाए.
6. हिमालयी राज्यो को 90%और 10%के अनुपात में केंद्र की योजनाओं में सहायता उपलब्ध कराई जाए.
7. सहकारी संस्थाओं मेंपारदर्शी भर्ती की व्यवस्था किये जाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाई जाए.
उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हम मिनट मिशन योजना को कोपरेटिव सोसायटी (cooperative society) के माध्यम से सफलम ढंग से चला रहे हैं. पहाड़ी कोदा, झंगोरा, मंडुवा, लाल चावल, राजमा एमपैक्स के जरिये पहाड़ी किसानों को उचित मूल्य देकर खरीद रहे हैं, फिर देश विदेश में ऑन लाइन माध्यम से बेच रहे हैं. जिसकी बहुत डिमांड आ रही है.
डॉ. रावत ने कहा कि गंगोत्री से गंगा जल देश विदेश में श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सहकारिता विभाग भेज रहा है. उत्तराखंड में मशरूम की खेती, सेब के नए बागान लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि दून सिल्क को आगे बढ़ाया जा रहा है. एक करोड़ रुपये के प्रॉफिट में उत्तराखंड कोऑपरेटिव सिल्क फेडरेशन आ गया है. राज्य में कोपरेटिव ने सिल्क का नया बाजार दिया है.