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देहरादून शहर की वो सड़क जहां जाते ही याद आते हैं भगवान

राजधानी देहरादून में नेशनल हाईवे-72 के अंतर्गत आने वाला चार किमी का हरिद्वार बाइपास पिछले आठ सालों से डबल लेन नहीं हो पाया है. इस हाईवे की ये स्थिति तब है जब ये बाइपास हरिद्वार व सहारनपुर और दिल्ली रोड को आपस में जोड़ता है.

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ये राह नहीं आसान
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Published : Dec 14, 2020, 9:36 PM IST

देहरादून: जहां एक तरफ सड़क सुधार के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं तो वहीं सरकार की नाक के नीचे देहरादून शहर में एक सड़क जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग-72 का हिस्सा है, वो पिछले 8 सालों से चौड़ीकरण की राह देख रहा है. यही कारण है कि अबतक इस सड़क पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं.

आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल के बीच में पड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा नेशनल हाईवे-72 (NH) का हिस्सा है, जिस पर साल 2012 में सड़क चौड़ीकरण के लिए टेंडर किया गया था और तकरीबन 12 करोड़ की लागत से अमृत डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस सड़क के चौड़ीकरण का टेंडर लिया था. इस रोड में रिस्पना पुल से कारगी चौक तक का हिस्सा नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में पड़ता है, जहां पर लॉकडाउन साल (2020) में अबतक चार बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, कारगी चौक से आगे आईएसबीटी तक पटेल नगर थाना क्षेत्र में पड़ता है, यहां भी 6 दुर्घटनाएं इस साल दर्ज की गई हैं. कुल मिलाकर इस सड़क पर इस साल 10 दुर्घटनाएं हुई हैं और वो भी तब जब पूरा साल लॉकडाउन में निकला है. पिछले सालों में यहां दुर्घटनाएं इसकी दोगुनी तादाद में हुई हैं.

आठ साल खपा दिए, चार किमी सड़क भी नहीं हुई चौड़ी

NH-72 से जुड़ी इस सड़क की स्थिति

पिछली सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत के ओएसडी रहे और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले राजीव जैन ने बताया कि उस समय ठेकेदार ने बिडिंग से कम रेट पर इस रोड के चौड़ीकरण का ठेका लिया था, जिसके बाद वह न्यायालय चला गया. राजीव जैन का कहना है कि ठेकेदार के न्यायालय में जाने के बाद न तो विभागीय अधिकारियों ने इस सड़क की सुध ली और न ही सरकार की नजरें इस ओर पड़ी.

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चार किमी सड़क भी नहीं हुई चौड़ी

इस सड़क पर चंलने पर कांप जाती है रूह

देहरादून आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल तक के बीच में सड़क इतनी संकरी है कि इसपर चलते वक्त ये मुमकिन है कि आपको कोई न कोई दुर्घटनाग्रस्त वाहन दिख ही जाएगा. इस सड़क पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं, क्योंकि सड़क सिंगल लाइन की है और चौबीसों घंटे भारी वाहन यहां चलते हैं.

इस रूट पर ऑटो चलाने वाले राजेन्द्र बताते हैं कि 8 साल पहले सड़क चौड़ीकरण को लेकर पेड़ काटे गये थे लेकिन उसके बाद से कुछ नहीं हुआ. यहां पर आए दिन एक्सीडेंट होते हैं. एक विक्रम वाले की दुर्घटना के बाद ऑन द स्पॉट डेथ हो गई थी. वहीं, स्थानीय दीपक ने बताया कि इस सड़क पर लगातार जाम लगा रहता है.

पढ़ें- कुंभ से पहले गंगा सफाई पर फोकस, नमामि गंगे योजना पर मुख्यसचिव ने दिये कड़े निर्देश

पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है यह राजमार्ग

आईएसबीटी से रिस्पना तक के बीच का सड़क का ये हिस्सा केवल देहरादून शहर के लोगों के लिए ही परेशानी का सबब नहीं बनता है बल्कि यह वह राजमार्ग है जहां से यूपी के सहारनपुर, आईएसबीटी से विकासनगर होते हुए हिमाचल और चंडीगढ़ के वाहन चलते हैं. वहीं, उत्तराखंड-हरियाणा के बीच तमाम वाहन भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. इस सड़क पर भारी वाहनों का हैवी लोड रहता है.

पिछले कई सालों से इस सड़क के किनारे ठेला लगाने वाले घनश्याम बताते हैं कि इस रोड पर चौबीसों घंटे जबरदस्त ट्रैफिक रहता है, यहां पर टू व्हीलर पर चलने वालों के लिए काफी खतरा बना रहता है. स्थानीय सरदार खान ने ईटीवी भारत को बताया कि इस सड़क पर लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं. देहरादून शहर में बाकी सड़कें तो अच्छी हैं, कइयों पर फ्लाईओवर भी बन चुके हैं लेकिन इस सड़क पर आते हुए रूह कांप जाती है.

वहीं, इस मामले पर लोक निर्माण विभाग के चीफ हरिओम शर्मा ने बताया कि इस सड़क को लेकर जो टेंडर हुआ था. उसकी प्रक्रिया कई सालों से कोर्ट में विचाराधीन थी, लेकिन अब विभाग ने कोर्ट में इस सड़क से संबंधित हुए टेंडर को 'फोर क्लोज' के लिए भेजा है. पूर्व के ठेकेदार ने जो काम किया था उसका भी भुगतान कर दिया गया है. जल्द ही कुछ महीनों में इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए एक बार फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा.

देहरादून: जहां एक तरफ सड़क सुधार के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं तो वहीं सरकार की नाक के नीचे देहरादून शहर में एक सड़क जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग-72 का हिस्सा है, वो पिछले 8 सालों से चौड़ीकरण की राह देख रहा है. यही कारण है कि अबतक इस सड़क पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं.

आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल के बीच में पड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा नेशनल हाईवे-72 (NH) का हिस्सा है, जिस पर साल 2012 में सड़क चौड़ीकरण के लिए टेंडर किया गया था और तकरीबन 12 करोड़ की लागत से अमृत डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस सड़क के चौड़ीकरण का टेंडर लिया था. इस रोड में रिस्पना पुल से कारगी चौक तक का हिस्सा नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में पड़ता है, जहां पर लॉकडाउन साल (2020) में अबतक चार बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, कारगी चौक से आगे आईएसबीटी तक पटेल नगर थाना क्षेत्र में पड़ता है, यहां भी 6 दुर्घटनाएं इस साल दर्ज की गई हैं. कुल मिलाकर इस सड़क पर इस साल 10 दुर्घटनाएं हुई हैं और वो भी तब जब पूरा साल लॉकडाउन में निकला है. पिछले सालों में यहां दुर्घटनाएं इसकी दोगुनी तादाद में हुई हैं.

आठ साल खपा दिए, चार किमी सड़क भी नहीं हुई चौड़ी

NH-72 से जुड़ी इस सड़क की स्थिति

पिछली सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत के ओएसडी रहे और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले राजीव जैन ने बताया कि उस समय ठेकेदार ने बिडिंग से कम रेट पर इस रोड के चौड़ीकरण का ठेका लिया था, जिसके बाद वह न्यायालय चला गया. राजीव जैन का कहना है कि ठेकेदार के न्यायालय में जाने के बाद न तो विभागीय अधिकारियों ने इस सड़क की सुध ली और न ही सरकार की नजरें इस ओर पड़ी.

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चार किमी सड़क भी नहीं हुई चौड़ी

इस सड़क पर चंलने पर कांप जाती है रूह

देहरादून आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल तक के बीच में सड़क इतनी संकरी है कि इसपर चलते वक्त ये मुमकिन है कि आपको कोई न कोई दुर्घटनाग्रस्त वाहन दिख ही जाएगा. इस सड़क पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं, क्योंकि सड़क सिंगल लाइन की है और चौबीसों घंटे भारी वाहन यहां चलते हैं.

इस रूट पर ऑटो चलाने वाले राजेन्द्र बताते हैं कि 8 साल पहले सड़क चौड़ीकरण को लेकर पेड़ काटे गये थे लेकिन उसके बाद से कुछ नहीं हुआ. यहां पर आए दिन एक्सीडेंट होते हैं. एक विक्रम वाले की दुर्घटना के बाद ऑन द स्पॉट डेथ हो गई थी. वहीं, स्थानीय दीपक ने बताया कि इस सड़क पर लगातार जाम लगा रहता है.

पढ़ें- कुंभ से पहले गंगा सफाई पर फोकस, नमामि गंगे योजना पर मुख्यसचिव ने दिये कड़े निर्देश

पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है यह राजमार्ग

आईएसबीटी से रिस्पना तक के बीच का सड़क का ये हिस्सा केवल देहरादून शहर के लोगों के लिए ही परेशानी का सबब नहीं बनता है बल्कि यह वह राजमार्ग है जहां से यूपी के सहारनपुर, आईएसबीटी से विकासनगर होते हुए हिमाचल और चंडीगढ़ के वाहन चलते हैं. वहीं, उत्तराखंड-हरियाणा के बीच तमाम वाहन भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. इस सड़क पर भारी वाहनों का हैवी लोड रहता है.

पिछले कई सालों से इस सड़क के किनारे ठेला लगाने वाले घनश्याम बताते हैं कि इस रोड पर चौबीसों घंटे जबरदस्त ट्रैफिक रहता है, यहां पर टू व्हीलर पर चलने वालों के लिए काफी खतरा बना रहता है. स्थानीय सरदार खान ने ईटीवी भारत को बताया कि इस सड़क पर लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं. देहरादून शहर में बाकी सड़कें तो अच्छी हैं, कइयों पर फ्लाईओवर भी बन चुके हैं लेकिन इस सड़क पर आते हुए रूह कांप जाती है.

वहीं, इस मामले पर लोक निर्माण विभाग के चीफ हरिओम शर्मा ने बताया कि इस सड़क को लेकर जो टेंडर हुआ था. उसकी प्रक्रिया कई सालों से कोर्ट में विचाराधीन थी, लेकिन अब विभाग ने कोर्ट में इस सड़क से संबंधित हुए टेंडर को 'फोर क्लोज' के लिए भेजा है. पूर्व के ठेकेदार ने जो काम किया था उसका भी भुगतान कर दिया गया है. जल्द ही कुछ महीनों में इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए एक बार फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा.

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