मसूरी: नगर पालिका परिषद मसूरी के विकास कार्यों के सम्बन्ध पर हुसैनगंज निवासी पूर्व प्रधानाचार्य ललित मोहन काला एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा समय-समय पर की गई आधारहीन व तथ्यहीन शिकायतों पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने मामले में नोटिस भी जारी किये हैं.
हाईकोर्ट के मसूरी नगर पालिका के खिलाफ शिकायतों पर रोक लगाने के बाद नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा नगर पालिका परिषद के विकास कार्यों पर समय-समय पर राजनैतिक द्वेष के चलते पूर्व प्रधानाचार्य ललित मोहन काला एवं अन्य लोगों ने शासन-प्रशासन में कई आधारहीन एवं तथ्यहीन शिकायतें कीं. जिसमें शासन-प्रशासन की ओर से विभिन्न जांच गठित की गयी थी. इसके कारण अनावश्यक रूप से पालिका का कार्य बाधित हुआ. साथ ही समय की भी बर्बादी हुई.
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उन्होंने कहा कि समय-समय पर की जा रही इन आधारहीन, तथ्यहीन एवं राजनैतिक द्वेष से ओतप्रोत शिकायतों के क्रम में नैनीताल उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, में वाद दायर किया गया था. उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड की दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने नौ अगस्त को विषयान्तर्गत जांच के क्रम में शासन द्वारा पारित आदेश दिनांक 11 जून, 14 जून एवं 19 जून तथा 8 जुलाई, 2021 पर रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने नोटिस भी जारी किये हैं.
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पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने इस संबंध में कहा कि शहर के कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि एक युवा नगर पालिका परिषद मसूरी का अध्यक्ष बना है. उनके द्वारा जनहित में इतने कम समय में कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिस कारण राजनैतिक प्रतिद्वन्दियों का राजनैतिक जीवन खत्म होता नजर आ रहा है. इससे बौखलाकर उन्होंने शिकायतें कीं. उन्होंने यह भी कहा मेरे विरुद्ध कितनी भी राजनैतिक साजिशें विरोधी करें लेकिन जीत सदैव सत्य की होगी.
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नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि मसूरी शहर का विकास मेरी प्राथमिकता है. इसके लिए कोई कितना भी परेशान करे, आरोप लगाये व जांच करवाये मैं उनसे डरने वाला नहीं हूं. मसूरी के विकास का जो संकल्प लिया है, उसके लिए हमेशा ही प्रतिबद्ध हूं.