ETV Bharat / state

डॉप्लर रडार के जरिए मिलेगी सटीक जानकारी, आपदाओं से निपटने को तैयार सरकार

साल 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद उत्तराखंड में डॉप्लर रडार लगाए जाने की मांग उठी थी. साल 2013 में आयी भीषण आपदा की जानकारी मौसम विभाग सटीक तरीके से नहीं दे पाया था. जिसके बाद से ही राज्य में डॉप्लर रडार लगाने की मांग उठने लगी थी.

डॉप्लर रडार के जरिए आपदा की मिलेगी जानकारी.
author img

By

Published : Aug 13, 2019, 8:20 PM IST

देहरादून: प्रदेश में मॉनसून सीजन शुरू होने के बाद से लेकर अब तक करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इसके साथ ही दर्जनों घर जमींदोज हो चुके हैं. लगातार हो रही बारिश से प्रदेश की तमाम सड़के अवरुद्ध हो गई हैं. जिसके कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आफत की बारिश के पनप रही अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने शासन और प्रशासन के पसीने छूटते नजर आ रहे हैं. उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहां आपदा जैसी स्थिति आम सी बात है. जिनसे निपटने के लिए सरकार वैज्ञानिक तकनीकों का सहारा ले रही है. इसी कड़ी में राज्य सरकार डॉप्लर रडार लगाने पर विचार कर रही है.

डॉप्लर रडार के जरिए आपदा की मिलेगी जानकारी.

आपदा के बाद डॉप्लर रडार लगाने की उठी थी मांग

पहली बार साल 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद उत्तराखंड में डॉप्लर रडार लगाए जाने की मांग उठी थी. साल 2013 में आयी भीषण आपदा की जानकारी मौसम विभाग सटीक तरीके से नहीं दे पाया था. जिसके बाद से ही राज्य में डॉप्लर रडार लगाने की मांग उठने लगी थी. डॉप्लर रडार से प्रदेश में आने वाली आपदा जैसी स्थितियों की पहले ही सटीक तरीके से जानकारी ली जा सकती है. जिससे आपदा से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

पढ़ें-Man vs. Wild: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस अफसर ने दिया करारा जवाब

क्या है डॉप्लर रडार
डॉप्लर रडार एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो 400 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसम के बदलाव की जानकारी प्रदान करता है. ये वातावरण में फैले अति सूक्ष्म तरंगों को भी कैच करने की क्षमता रखता है. इसके साथ ही वातावरण में तैर रही पानी की बूंदों को पहचानने और उसकी दिशा का भी पता लगाने में ये रडार सक्षम है. किस क्षेत्र में कितनी वर्षा होगी? या तूफान आएगा इस रडार से इसकी सटीक जानकारी मिल सकेगी.

पढ़ें-पत्नी से झगड़े के बाद फैलाई स्टेशन पर बम होने की अफवाह, पुलिस ने किया गिरफ्तार


डॉप्लर रडार के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इसे लगाने को लेकर सरकार ने भूमि भी उपलब्ध करवा दी है. साथ ही डॉप्लर रडार को लगाने के लिए भारत सरकार से लगातार बातचीत हो रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस साल डॉप्लर रडार राज्य को मिल जाएंगे. जिसके बाद निश्चित रूप से आपदा जैसी तमाम घटनाओं पर उसका लाभ मिलेगा.

देहरादून: प्रदेश में मॉनसून सीजन शुरू होने के बाद से लेकर अब तक करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इसके साथ ही दर्जनों घर जमींदोज हो चुके हैं. लगातार हो रही बारिश से प्रदेश की तमाम सड़के अवरुद्ध हो गई हैं. जिसके कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आफत की बारिश के पनप रही अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने शासन और प्रशासन के पसीने छूटते नजर आ रहे हैं. उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहां आपदा जैसी स्थिति आम सी बात है. जिनसे निपटने के लिए सरकार वैज्ञानिक तकनीकों का सहारा ले रही है. इसी कड़ी में राज्य सरकार डॉप्लर रडार लगाने पर विचार कर रही है.

डॉप्लर रडार के जरिए आपदा की मिलेगी जानकारी.

आपदा के बाद डॉप्लर रडार लगाने की उठी थी मांग

पहली बार साल 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद उत्तराखंड में डॉप्लर रडार लगाए जाने की मांग उठी थी. साल 2013 में आयी भीषण आपदा की जानकारी मौसम विभाग सटीक तरीके से नहीं दे पाया था. जिसके बाद से ही राज्य में डॉप्लर रडार लगाने की मांग उठने लगी थी. डॉप्लर रडार से प्रदेश में आने वाली आपदा जैसी स्थितियों की पहले ही सटीक तरीके से जानकारी ली जा सकती है. जिससे आपदा से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

पढ़ें-Man vs. Wild: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस अफसर ने दिया करारा जवाब

क्या है डॉप्लर रडार
डॉप्लर रडार एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो 400 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसम के बदलाव की जानकारी प्रदान करता है. ये वातावरण में फैले अति सूक्ष्म तरंगों को भी कैच करने की क्षमता रखता है. इसके साथ ही वातावरण में तैर रही पानी की बूंदों को पहचानने और उसकी दिशा का भी पता लगाने में ये रडार सक्षम है. किस क्षेत्र में कितनी वर्षा होगी? या तूफान आएगा इस रडार से इसकी सटीक जानकारी मिल सकेगी.

पढ़ें-पत्नी से झगड़े के बाद फैलाई स्टेशन पर बम होने की अफवाह, पुलिस ने किया गिरफ्तार


डॉप्लर रडार के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इसे लगाने को लेकर सरकार ने भूमि भी उपलब्ध करवा दी है. साथ ही डॉप्लर रडार को लगाने के लिए भारत सरकार से लगातार बातचीत हो रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस साल डॉप्लर रडार राज्य को मिल जाएंगे. जिसके बाद निश्चित रूप से आपदा जैसी तमाम घटनाओं पर उसका लाभ मिलेगा.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है......uk_deh_03_doppler_radars_vis_7205803

उत्तराखंड राज्य में मॉनसून सीजन शुरू होने के बाद से अभी तक करीब दो दर्जन लोगों की जान जा चुकी है, दर्जनों घर ज़मीदोज़ के साथ ही तमाम सड़कें अवरुद्ध हो गई है। जिस वजह से ना सिर्फ आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है, बल्कि व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में सरकार के पसीने छूटते नजर आ रहे है। यू तो उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां अमूमन मानसून सीजन में आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है, लेकिन अगर राज्य के भीतर डॉप्लर रडार पहले ही लगा दिया होता, तो शायद इन प्राकृतिक विपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता था।




Body:आपदा के बाद डॉप्लर रडार लगाने की उठी थी मांग.........

पहली बार साल 2013 में केदारनाथ में आयी भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड में डॉप्लर रडार लगाए जाने की मांग उठी थी, क्योंकि साल 2013 में आयीभीषण आपदा की जानकारी मौसम विभाग सटीक तरीके से नहीं दे पाया था, लिहाजा लोगों की मांग थी कि प्रदेश में डॉप्लर रडार लगाया जाए, ताकि भविष्य में प्रदेश में आने वाली आपदा जैसी स्थितियों का पहले ही सटीक तरीके से जानकारी मिल सके।


क्या है डॉप्लर रडार......

डॉपलर रडार एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो 400 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसम के बदलाव की जानकारी प्रदान करती है। और वातावरण में फैले अति सूक्ष्म तरंगों को भी कैच करने की क्षमता रखती है। इसके साथ ही वातावरण में तैर रहे पानी की बूंदों को पहचानने और उसकी दिशा का भी पता लगा लेता है, जिससे किस क्षेत्र में कितनी वर्षा होगी या तूफान आएगा इसकी सटीक जानकारी मिल पाती है।


ज्यादा जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इसमें कई चीजें है जिसको लेकर सरकार कई बार चिंतित भी रही है और इसके लिए भूमि उपलब्ध भी करा ली गई है और डॉप्लर रडार को लगाने के लिए भारत सरकार से लगातार बातचीत हो रही है, और उम्मीद है कि इस साल डॉप्लर रडार राज्य को मिल जाएंगे, जिसके बाद निश्चित रूप से आपदा जैसी तमाम घटनाओं पर उसका लाभ मिलेगा। 

बाइट - मदन कैशिक, शहरी विकास मंत्री



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.