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दून मेडिकल कॉलेज के गेट पर गर्भवती ने बच्चे को दिया जन्म, अस्पताल प्रबंधन ने जताई नाराजगी

शहर में एक गर्भवती का दून मेडिकल कॉलेज के गेट पर प्रसव होने का मामला सामने आया है. दरअसल कुछ दिन पहले महिला का इलाज महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय में चल रहा था. इस मामले पर दून मेडिकल प्रबंधन ने नाराजगी जताई है.

गेट पर प्रसव होने से प्रबंधन हुआ नाराज.
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Published : Jul 26, 2019, 11:55 PM IST

देहरादून: महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय से दून मेडिकल कॉलेज रेफर की गई गर्भवती का गेट पर ही प्रसव हो गया. जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नाराजगी जताई है. दरअसल, कुछ दिनों से गर्भवती महिला का डालनवाला स्थित महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय केंद्र अस्पताल में उपचार चल रहा था. बुधवार को प्रसव पीड़ा होने पर महिला अस्पताल पहुंची थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने महिला की हालत को देखते हुए उसे दून महिला अस्पताल रेफर कर दिया.

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने कहा कि कई मरीज आस-पास के सरकारी अस्पतालों से रेफर किए जा रहे हैं. उनका इलाज बेहतर तरीके से हो रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल की उपयोगिता उन लोगों के लिए जरूरी है जिन्हें वास्तव में यहां इलाज की आवश्यकता है. रेफर किए जाने से यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.जिसके कारण अस्पताल में जरूरतमंदों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. यही कारण है कि कई मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

गेट पर प्रसव होने से प्रबंधन हुआ नाराज.

चिकित्सक ने कहा कि आस-पास के अस्पताल अनावश्यक रूप से मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर देते हैं. इस संबंध में उन्होंने डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ से भी अनुरोध किया है हालांकि गांधी शताब्दी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने पूरे मामले में जांच कराने के आदेश दे दिए हैं. दरअसल गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में गायनेकोलॉजिस्ट होने के बावजूद भी महिला को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था.जिसके बाद ये पूरा मामला सामने आया.

देहरादून: महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय से दून मेडिकल कॉलेज रेफर की गई गर्भवती का गेट पर ही प्रसव हो गया. जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नाराजगी जताई है. दरअसल, कुछ दिनों से गर्भवती महिला का डालनवाला स्थित महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय केंद्र अस्पताल में उपचार चल रहा था. बुधवार को प्रसव पीड़ा होने पर महिला अस्पताल पहुंची थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने महिला की हालत को देखते हुए उसे दून महिला अस्पताल रेफर कर दिया.

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने कहा कि कई मरीज आस-पास के सरकारी अस्पतालों से रेफर किए जा रहे हैं. उनका इलाज बेहतर तरीके से हो रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल की उपयोगिता उन लोगों के लिए जरूरी है जिन्हें वास्तव में यहां इलाज की आवश्यकता है. रेफर किए जाने से यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.जिसके कारण अस्पताल में जरूरतमंदों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. यही कारण है कि कई मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

गेट पर प्रसव होने से प्रबंधन हुआ नाराज.

चिकित्सक ने कहा कि आस-पास के अस्पताल अनावश्यक रूप से मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर देते हैं. इस संबंध में उन्होंने डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ से भी अनुरोध किया है हालांकि गांधी शताब्दी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने पूरे मामले में जांच कराने के आदेश दे दिए हैं. दरअसल गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में गायनेकोलॉजिस्ट होने के बावजूद भी महिला को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था.जिसके बाद ये पूरा मामला सामने आया.

Intro: महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय से दून मेडिकल कॉलेज रेफर की गई गर्भवती का गेट पर ही प्रसव हो जाने को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अपनी नाराजगी जताई है। दरअसल पीड़ित गर्भवती महिला का डालनवाला स्थित महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय केंद्र अस्पताल में उपचार और परामर्श चल रहा था बुधवार को प्रसव पीड़ा होने पर महिला अस्पताल पहुंची जिसके बाद वहां के डॉक्टरों ने महिला की हालत को देखते हुए उसे दून महिला अस्पताल रेफर कर दिया। इस दौरान महिला जब 108 एंबुलेंस से उतरी ही थी किताबी गेट के पास फर्श पर महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।


Body:इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने कहा कि कई मरीज आसपास के सरकारी अस्पतालों से रेफर किए जा रहे हैं जबकि उनका इलाज वहां भी बेहतर तरीके से हो सकता है इस प्रकार से इस मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की उपयोगिता उन लोगों के लिए जरूरी है जिन्हें वास्तव में यहां इलाज की आवश्यकता है। रेफर किए जाने से यहां मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिलती है यहां जरूरतमंदों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं यही कारण है कि कई मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि आसपास के अस्पताल अनावश्यक रूप से मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर देते हैं। इस संबंध में उन्होंने डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ से भी अनुरोध किया है कि वो अपने स्तर से यह निर्देशित करें कि आसपास के अस्पताल अनावश्यक रूप से मरीजों को यहां रेफर न करें।
बाईट- डॉ आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज।


Conclusion:हालांकि गांधी शताब्दी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने पूरे मामले में जांच कराने के आदेश दिए हैं। दरअसल गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में गायनेकोलॉजिस्ट होने के बावजूद महिला को रेफर कर दिया गया, जिसके बाद प्रसव पीड़ा होने के दौरान गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय ने महिला को दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग में रेफर कर दिया इसके बाद महिला ने गेट के पास ही फर्श पर बच्चों को जन्म दे दिया,
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