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डोईवाला: आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसान, आखिर कैसे करें फसल में लगी बीमारी का इलाज

डोईवाला गन्ना किसान अपने गन्ने के खेतों में कंसुआ रोग लगने के कारण काफी परेशान है. ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों के पास खेतों में दवाई डालने तक के पैसे नहीं है.

गन्ना खेतों में लगा रोग
गन्ना खेतों में लगा रोग
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Published : Jun 16, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Jul 19, 2020, 11:56 AM IST

डोईवाला: जिले के गन्ना किसान अपने गन्ने के खेतों में लग रहे रोग के कारण काफी चिंतित हैं. कठिन परिश्रम और भारी लागत लगाने के बाद किसानों ने गन्ने की फसल तैयार की है. लेकिन, गन्ने के खेत में कंसुआ नामक रोग लग गया है. जिससे गन्ने की पत्तियां पीली हो रही हैं. ऐसे में किसानों के पास दवाई डालने के लिए पैसे नहीं है. किसानों का कहना है कि इस बीमारी से बचाव के लिए मिलने वाली दवाई महंगी होने के कारण इसे खरीदना मुश्किल हो रहा है.

दरअसल, किसानों ने सरकार से मांग की है कि शुगर मिल बंद हुए कई महीने हो गए हैं. लेकिन, सरकार द्वारा गन्ने का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. जिससे किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे में गन्ने के खेतों में दवाई डालने के लिए किसानों के पास पैसे नहीं हैं. क्योंकि यह दवाई बाजार में बेहद महंगी है. किसानों कि मानें तो कृषि विभाग से सब्सिडी मिलने के बाद भी दवाई की कीमत बहुत महंगी है. जिसको लेकर किसानों ने इस दवाई की कीमत घटाने की मांग की है.

गन्ना खेतों में लगा रोग

पढ़ें- प्रवासियों को रोजगार के लिए सीएम त्रिवेंद्र ने दिए 110 करोड़ रुपये

जबकि, कृषि विभाग के अधिकारी इंदु गोदियाल ने बताया कि कुछ किसानों के खेतों में कंसुआ रोग लगने की शिकायत मिली है. इस रोग को खत्म करने के लिए दवाई विभाग में उपलब्ध है. ऐसे में सब्सिडी के जरिए किसानों को दवा प्रदान की जा रही है.

डोईवाला: जिले के गन्ना किसान अपने गन्ने के खेतों में लग रहे रोग के कारण काफी चिंतित हैं. कठिन परिश्रम और भारी लागत लगाने के बाद किसानों ने गन्ने की फसल तैयार की है. लेकिन, गन्ने के खेत में कंसुआ नामक रोग लग गया है. जिससे गन्ने की पत्तियां पीली हो रही हैं. ऐसे में किसानों के पास दवाई डालने के लिए पैसे नहीं है. किसानों का कहना है कि इस बीमारी से बचाव के लिए मिलने वाली दवाई महंगी होने के कारण इसे खरीदना मुश्किल हो रहा है.

दरअसल, किसानों ने सरकार से मांग की है कि शुगर मिल बंद हुए कई महीने हो गए हैं. लेकिन, सरकार द्वारा गन्ने का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. जिससे किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे में गन्ने के खेतों में दवाई डालने के लिए किसानों के पास पैसे नहीं हैं. क्योंकि यह दवाई बाजार में बेहद महंगी है. किसानों कि मानें तो कृषि विभाग से सब्सिडी मिलने के बाद भी दवाई की कीमत बहुत महंगी है. जिसको लेकर किसानों ने इस दवाई की कीमत घटाने की मांग की है.

गन्ना खेतों में लगा रोग

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जबकि, कृषि विभाग के अधिकारी इंदु गोदियाल ने बताया कि कुछ किसानों के खेतों में कंसुआ रोग लगने की शिकायत मिली है. इस रोग को खत्म करने के लिए दवाई विभाग में उपलब्ध है. ऐसे में सब्सिडी के जरिए किसानों को दवा प्रदान की जा रही है.

Last Updated : Jul 19, 2020, 11:56 AM IST
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