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जनता का तहसील दिवस से हुआ मोहभंग, अधिकारियों के पास नहीं पहुंच रहे फरियादी

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Published : Jun 4, 2019, 8:43 PM IST

तहसील दिवस में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और शिकायतों पर कार्रवाई न होने की वजह से जनता ने तहसील दिवस से मुंह मोड़ना किया शुरू.

तहसील दिवस पर नहीं पहुंचे फरियादी. खाली पड़ी कुर्सियां.

डोइवाला: तहसील दिवस पर डोइवाला के ब्लॉक सभागर में खाली पड़ी कुर्सियां इस बात की गवाही दे रही हैं कि यहां की जनता का तहसील दिवस से मोहभंग हो गया है. डोइवाला में महीने में दो बार तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है. लेकिन, तहसील दिवस पर अधिकारियों के सामने रखी गई समस्या का समाधान न होने के कारण डोइवाला की जनता का तहसील दिवस पर से भरोसा उठ गया है.

तहसील दिवस से लोगों का हुआ मोह भंग.

दरअसल, डोइवाला में जनता की समस्याएं सुनने और उसके समाधान के लिए महीने के पहले मंगलवार और तीसरे मंगलवार को ब्लॉक सभागार में तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है. इस दौरान कई विभागों के अधिकतर अधिकारी मौजूद रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तहसील दिवस में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और शिकायतों पर कार्रवाई न होने की वजह से उन्होंने अब तहसील दिवस से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है.

पढ़ें- नंदा देवी में देखे गए 5 शवों को बेस कैंप लाना चुनौती, विदेशी दूतावास से नहीं हो पाया संपर्क

अपनी शिकायत लेकर मंगलवार को ब्लॉक सभागार पहुंचे ग्रामीण भारत भूषण ने बताया कि 11 बजे के बाद भी कोई भी विभागीय अधिकारी इस तहसील दिवस में नहीं पहुंचा था. यही हाल पिछले तहसील दिवस में भी देखने को मिला था. उन्होंने कहा कि जब अधिकारी तहसील दिवस में आने की जहमत ही नहीं उठाते और पहुंचने वाले अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं करते. महज खानापूर्ति के लिए आयोजित होने वाले तहसील दिवस में पहुंचकर लोग अपना समय क्यों बर्बाद करें?

भारत भूषण ने बताया कि आज मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में भी एक दो विभागीय अधिकारी ही मौजूद थे. अधिकारियों का लापरवाह रवैया और शिकायत पर कार्रवाई न होने की वजह से क्षेत्रीय जनता ने तहसील दिवस में आना ही छोड़ दिया है. सामाजिक कार्यकर्ता उमेद बोरा ने बताया कि तहसील दिवस में लोगों के कम आने की वजह यह है कि डोइवाला में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय खुल गया है. अब क्षेत्रीय जनता अपनी समस्याएं लेकर सीधे सीएम कैंप कार्यालय पहुंच रही है.

पढ़ें- पानी की किल्लत से जूझ रहा शहर, वाहन धुलाई में बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी

वहीं, जनता की समस्याएं सुनने पहुंचे तहसीलदार शूरवीर सिंह राणा ने तहसील दिवस पर पहुंच रहे कम लोगों को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याएं कम हो गई हैं, इसलिए इस तहसील दिवस पर ज्यादा लोग नहीं पहुंचे हैं.

डोइवाला: तहसील दिवस पर डोइवाला के ब्लॉक सभागर में खाली पड़ी कुर्सियां इस बात की गवाही दे रही हैं कि यहां की जनता का तहसील दिवस से मोहभंग हो गया है. डोइवाला में महीने में दो बार तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है. लेकिन, तहसील दिवस पर अधिकारियों के सामने रखी गई समस्या का समाधान न होने के कारण डोइवाला की जनता का तहसील दिवस पर से भरोसा उठ गया है.

तहसील दिवस से लोगों का हुआ मोह भंग.

दरअसल, डोइवाला में जनता की समस्याएं सुनने और उसके समाधान के लिए महीने के पहले मंगलवार और तीसरे मंगलवार को ब्लॉक सभागार में तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है. इस दौरान कई विभागों के अधिकतर अधिकारी मौजूद रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तहसील दिवस में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और शिकायतों पर कार्रवाई न होने की वजह से उन्होंने अब तहसील दिवस से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है.

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अपनी शिकायत लेकर मंगलवार को ब्लॉक सभागार पहुंचे ग्रामीण भारत भूषण ने बताया कि 11 बजे के बाद भी कोई भी विभागीय अधिकारी इस तहसील दिवस में नहीं पहुंचा था. यही हाल पिछले तहसील दिवस में भी देखने को मिला था. उन्होंने कहा कि जब अधिकारी तहसील दिवस में आने की जहमत ही नहीं उठाते और पहुंचने वाले अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं करते. महज खानापूर्ति के लिए आयोजित होने वाले तहसील दिवस में पहुंचकर लोग अपना समय क्यों बर्बाद करें?

भारत भूषण ने बताया कि आज मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में भी एक दो विभागीय अधिकारी ही मौजूद थे. अधिकारियों का लापरवाह रवैया और शिकायत पर कार्रवाई न होने की वजह से क्षेत्रीय जनता ने तहसील दिवस में आना ही छोड़ दिया है. सामाजिक कार्यकर्ता उमेद बोरा ने बताया कि तहसील दिवस में लोगों के कम आने की वजह यह है कि डोइवाला में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय खुल गया है. अब क्षेत्रीय जनता अपनी समस्याएं लेकर सीधे सीएम कैंप कार्यालय पहुंच रही है.

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वहीं, जनता की समस्याएं सुनने पहुंचे तहसीलदार शूरवीर सिंह राणा ने तहसील दिवस पर पहुंच रहे कम लोगों को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याएं कम हो गई हैं, इसलिए इस तहसील दिवस पर ज्यादा लोग नहीं पहुंचे हैं.

Intro:डोईवाला जनता का तहसील दिवस से हुआ मोहभंग फरियादी नही पहुंच रहे तहसील दिवस में । जिसके चलते विभागीय अधिकारी भी तहसील दिवस में आने में नही दिखा रहे रुचि । तहसील दिवस पर ब्लॉक सभागर में खाली पड़ी कुर्सियां इस बात की गवाही दे रही है कि डोईवाला की जनता का तहसील दिवस से मोहभंग हो गया है पिछले तहसील दिवस में फरियादीयो द्वारा बताई गई समस्या का समाधान ना होने से फरियादियो ने तहसील दिवस पर आना ही छोड़ दिया है । बता दे कि जनता की समस्याएं सुनने और समाधान के लिए महीने के पहले मंगलवार और तीसरे मंगलवार को डोईवाला ब्लॉक सभागार में तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है जिसमें विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहते हैं लेकिन इस तहसील दिवस में विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और शिकायतों पर कार्रवाई ना होने से जनता इस तहसील दिवस से मुंह मोड़ने लगी है डोईवाला ब्लॉक सभागार में आज हुए तहसील दिवस में एक दो विभागीय अधिकारियों को छोड़कर किसी भी अधिकारी ने तहसील दिवस में आने की सहमत नहीं उठाई वही पिछले तहसील दिवसो में शिकायत करने के बाद कार्रवाई ना होने पर क्षेत्रीय जनता ने भी तहसील दिवस में आना छोड़ दिया है जिससे अब तहसील दिवस से जनता ने मुंह मोड़ लिया है ।


Body:अपनी शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण भारत भूषण ने बताया कि 11 बजने के बाद भी कोई भी विभागीय अधिकारी इस तहसील दिवस में नहीं पहुंचा यही हाल पिछले तहसील दिवस मैं भी देखने को मिला विभागीय अधिकारी इस तहसील दिवस मैं आने की जहमत नहीं उठाते और ना ही कोई इन अधिकारियों से पूछने वाला है की तहसील दिवस में समस्याएं सुनने क्यों नहीं जाते जिससे जनता अब इस तहसील दिवस में ना के बराबर ही पहुंच रही है वही समस्या को बताने के बाद भी इस तहसील दिवस में उस समस्या का समाधान नहीं हो पाता है जिसके चलते क्षेत्रीय जनता अब इस तहसील दिवस मुंह मोड़ने लगी है वही सामाजिक कार्यकर्ता उमेद बोरा ने बताया कि तहसील दिवस में लोगों के कम आने की वजह यह है कि डोईवाला में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय खुल गया है जिससे अब क्षेत्रीय जनता अपनी समस्याएं लेकर कैंप कार्यालय में पहुंच रही हैं और कैम्प कार्यलय में अपनी समस्या रखने के बाद जनता का समाधान हो रहा है जिससे अब लोग तहसील दिवस में आने के बजाय कैंप कार्यालय में अधिक पहुंच रहे हैं ।


Conclusion:जनता की समस्याएं सुनने पहुंचे तहसीलदार शूरवीर सिंह राणा ने लोंगो के तहसील दिवस में कम आने पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि लोगों के तहसील दिवस में ना आने की वजह यह कि अब लोगों की समस्याएं कम हो गई हैं और पिछले तहसील दिवसों में जनता की समस्याएं का निवारण कर दिया गया और आज भी कुछ लोग पानी की समस्या लेकर आये थे उनका भी समाधान कर दिया जाएगा बाइट भारत भूषण ग्रामीण ग्रीन शर्ट बाइट उमेद बोरा सामाजिक कार्यकर्ता नीली शर्ट बाइट शूरवीर सिंह राणा तहसीलदार कुर्सी पर बैठे
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