देहरादूनः देशभर में कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा है. पिछले 24 घंटे में 2003 लोगों की मौत हो गई. ये अब तक कोरोना से मरने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है. प्रदेश में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बुधवार (17 जून) शाम पांच बजे तक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1985 तक पहुंच चुकी है. ऐसे में लोगों के जेहन में कोरोना से बचने के लिए फिलहाल दो विकल्प हैं. एक है मास्क और दूसरा हैंड सैनिटाइजर या बार-बार हाथ धोना. लेकिन, इससे इतर हम इन्हीं सावधानियों के बीच कई गलतियां भी कर रहे हैं. तो आइए, जानते हैं एक्सपर्ट से कि हमें कोरोना संक्रमण से बचने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
ईटीवी भारत अपनी रिपोर्ट के माध्यम से आपको कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टरों की कुछ जरूरी सलाह से रूबरू करा रहा है. जिनका ख्याल रखना आज भी कई लोग भूल रहे हैं.
देहरादून में एक जाने-माने अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. सबा खान बताती हैं कि कोरोना संकट के बीच लोगों को अपने पूरे परिवार के साथ अस्पताल जाने से बचना चाहिए. यदि घर परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तो उस एक मरीज के साथ परिवार के किसी एक सदस्य को ही अस्पताल आना चाहिए. यदि इन बातों का लोग ख्याल रखेंगे तो इससे अस्पताल में भीड़ भी नहीं होगी और मेडिकल स्टाफ को मरीज के इलाज में सहूलियत भी.
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डॉक्टर सबा बताती हैं कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को बहुत जरूरी काम पड़ने पर ही घर से बाहर जाना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति घर से बाहर जाता भी है तो घर लौटने पर उसे अपने जूते, अपना मोबाइल, अपने वाहन की चाबी इत्यादि जैसी सभी चीजों को सबसे पहले सैनिटाइज करना चाहिए. इन बातों का ख्याल रखने से कोरोना संक्रमण को फैलने से काफी हद तक रोका जा सकता है.
बच्चों के लिए इन बातों का रखें ख्याल
बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जाने-माने बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित श्रीवास्तव बताते हैं कि बच्चों को मास्क के इस्तेमाल की आदत तो जरूर डलवाएं. लेकिन हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कम से कम करवाएं. ऐसा इसलिए क्योंकि हैंड सैनिटाइजर में एल्कोहोल की मात्रा काफी अधिक होती है. जिससे बच्चे को सिर दर्द और चक्कर आने के साथ ही त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में जहां तक हो सके बच्चों से सैनिटाइजर के बजाय हैंडवाश या साबुन से हाथ धुलवाएं.
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित श्रीवास्तव बताते हैं कि लोगों को कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच अपने बच्चों को मीजल्स और चिकन पॉक्स की वैक्सीन लगवाना नहीं भूलना चाहिए. क्योंकि यदि बच्चे को मीजल्स या चिकन पॉक्स जैसी कोई खतरनाक बीमारी हो जाती है तो कोरोना संक्रमण का खतरा भी हो सकता है.