ऋषिकेश: गंगा सुरक्षा अभियान के तहत देहरादून जिलाधिकारी ने ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक के दौरान कई तरह के निर्देश जारी किए गए. तीर्थ नगरी में बने आश्रम धर्मशालाओं के सीवर लाइन को एसटीपी से जोड़ने और तीर्थनगरी में पॉलिथीन को प्रतिबंधित करने के लिए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
इस बैठक में जिलाधिकारी ने ऋषिकेश में पेयजल निगम को निर्देश देते हुए कहा कि तीर्थ नगरी में जितनी भी आश्रम और धर्मशालाएं हैं. उन सभी को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाए, जिससे आश्रम और धर्मशालाओं का गंदा पानी गंगा में न जा सके. साथ ही सीवर लाइन को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी ने उनको जानकारी देते हुए बताया कि 31 आश्रम और धर्मशालाएं ऐसी हैं, जिनको सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ दिया गया है. अगर आगे भी कोई मामला संज्ञान में आता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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बैठक में जिलाधिकारी ने नगर निगम को पूरे क्षेत्र में बने शौचालयों की साफ सफाई के साथ दृष्टिकरण करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही ऋषिकेश में पॉलिथीन के बैन होने के बावजूद भी उपयोग में लाए जा रहे पॉलिथीन की शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने निगम के अधिकारियों की फटकार लगाई है. जिलाधिकारी ने बताया कि अगर तीर्थ नगरी में पॉलिथीन बैन है तो यहां पर पॉलिथीन का प्रयोग नहीं होने दिया जाएगा.
जिलाधिकारी ने बताया कि कूड़े की समस्या बढ़ती ही जा रही है. इसको देखते हुए नगर निगम गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करने के लिए लोगों को जागरुक करने का प्रयास कर रहा है. जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने घरों में गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखें, जिससे कूड़े का निस्तारण आसानी से और पूरी तरह से हो सके.