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NIOS से डीएलएड करने वालों के सामने खड़ी हुई बड़ी समस्या, असमंजस में डिग्री धारक - डीएलएड करने वाले शिक्षक

एनआईओएस से डीएलएड करने वालों छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति बन गई है. शिक्षा विभाग ने अनुसार बेसिक शिक्षक के लिए दो साल का डीएलएड, बीएड और टीईटी होना अनिवार्य है.

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Published : Jan 11, 2021, 9:38 PM IST

देहरादून: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वालों के सामने प्रदेश में असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है. दरअसल, शिक्षा विभाग की बेसिक अध्यापक सेवा नियमावली के अनुसार बेसिक शिक्षक के तौर पर कार्यरत होने के लिए 2 साल का डीएलएड बीएड टीईटी होना अनिवार्य है.

लेकिन जो लोग राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डीएलएड कर रहे हैं, उन्हें संस्थान से 18 महीने का ही डीएलएड कराया जा रहा है. ऐसे में डीएलएड होने के बावजूद प्रदेश में कई डिग्री धारण बेसिक शिक्षक भर्ती से वंचित रह जा रहे हैं. इस मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि पूरा मामला उनके संज्ञान में है. जल्द ही इस संबंध में कोई हल निकाला जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड में डिफॉल्टर बिल्डरों का आतंक, जानिए रेरा क्यों नहीं कर पा रहा कार्रवाई

बता दें, इस पूरे मामले में सरकार के समक्ष भी कई बड़ी चुनौतियां हैं. यदि सरकार एनआईओएस की डीएलएड को मान्य करती है, तो इसके लिए विभागीय नियमावली में या तो संशोधन करना होगा या फिर सरकार को अलग से विशेष नियम निकालना होगा.

ऐसे में प्रदेश के बीएड-टीईटी प्रशिक्षित अब इस पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे है. साथ ही उनकी ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक को भी पूरे से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है.

देहरादून: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वालों के सामने प्रदेश में असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है. दरअसल, शिक्षा विभाग की बेसिक अध्यापक सेवा नियमावली के अनुसार बेसिक शिक्षक के तौर पर कार्यरत होने के लिए 2 साल का डीएलएड बीएड टीईटी होना अनिवार्य है.

लेकिन जो लोग राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डीएलएड कर रहे हैं, उन्हें संस्थान से 18 महीने का ही डीएलएड कराया जा रहा है. ऐसे में डीएलएड होने के बावजूद प्रदेश में कई डिग्री धारण बेसिक शिक्षक भर्ती से वंचित रह जा रहे हैं. इस मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि पूरा मामला उनके संज्ञान में है. जल्द ही इस संबंध में कोई हल निकाला जाएगा.

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बता दें, इस पूरे मामले में सरकार के समक्ष भी कई बड़ी चुनौतियां हैं. यदि सरकार एनआईओएस की डीएलएड को मान्य करती है, तो इसके लिए विभागीय नियमावली में या तो संशोधन करना होगा या फिर सरकार को अलग से विशेष नियम निकालना होगा.

ऐसे में प्रदेश के बीएड-टीईटी प्रशिक्षित अब इस पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे है. साथ ही उनकी ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक को भी पूरे से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है.

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