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बजट का अभाव पड़ा छात्र की जान पर भारी, शिक्षा विभाग के दावों की खुली पोल

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Published : Jan 24, 2020, 12:58 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 9:49 AM IST

बीते बुधवार को ऋषिकेश में माध्यमिक विद्यालय के 11वीं के छात्र की दीवार गिरने से मौत हो गई थी, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण किया.

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दीवार गिरने से स्कूल के छात्र की मौत

ऋषिकेश: बीते बुधवार की शाम पुष्कर मार्ग स्थित माध्यमिक विद्यालय की दीवार गिरने से 11वीं के छात्र की मौत हो गई थी. इस हादसे में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत ने ऋषिकेश पहुंचकर मामले की जांच की.

दीवार गिरने से स्कूल के छात्र की मौत.

जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत ने बताया कि स्कूल की जगह, अवस्था और दीवार को लेकर उनसे मौखिक रूप से कई बार चर्चा की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचकर स्कूल का मुआयना भी किया गया, लेकिन शिक्षा विभाग के पास बजट न होने के कारण स्कूल की दीवार नहीं बनवाई जा सकी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऋषिकेश जैसे तराई वाले क्षेत्र में अगर शिक्षा व्यवस्था का ये हाल है तो पहाड़ों की स्थिति क्या होगी.

ये भी पढ़ें: नैनीताल: नवनिर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधियों को किया गया सम्मानित

उधर सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भले शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लाख दावे कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. दीवार गिरने हुई छात्र की मौत के बाद से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी स्कूल और छात्र कितने सुरक्षित हैं.

ऋषिकेश: बीते बुधवार की शाम पुष्कर मार्ग स्थित माध्यमिक विद्यालय की दीवार गिरने से 11वीं के छात्र की मौत हो गई थी. इस हादसे में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत ने ऋषिकेश पहुंचकर मामले की जांच की.

दीवार गिरने से स्कूल के छात्र की मौत.

जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत ने बताया कि स्कूल की जगह, अवस्था और दीवार को लेकर उनसे मौखिक रूप से कई बार चर्चा की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचकर स्कूल का मुआयना भी किया गया, लेकिन शिक्षा विभाग के पास बजट न होने के कारण स्कूल की दीवार नहीं बनवाई जा सकी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऋषिकेश जैसे तराई वाले क्षेत्र में अगर शिक्षा व्यवस्था का ये हाल है तो पहाड़ों की स्थिति क्या होगी.

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उधर सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भले शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लाख दावे कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. दीवार गिरने हुई छात्र की मौत के बाद से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी स्कूल और छात्र कितने सुरक्षित हैं.

Intro:ऋषिकेश--बुधवार को देर शाम स्कूल की दीवार गिरने से 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक होनहार छात्र की जान चली गई वही जो मामला निकल कर आया है वह बेहद ही चौंकाने वाला है शिक्षा विभाग के अधिकारी की माने तो बजट के अभाव में दीवार नहीं बनाई गई जिसकी वजह से दीवार गिर गई और यह हादसा हुआ।


Body:वी/ओ--पुष्कर मार्ग स्थित माध्यमिक विद्यालय की दीवार गिरने से हुए हादसे में बच्चे की मौत के बाद शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आरही है साथ ही शिक्षा विभाग पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं,हादसे के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ऋषिकेश पहुंचे उन्होंने पूरे मामले की जांच की वहीं इस मामले में एक बेहद ही चौंकाने वाली बात उनके द्वारा सामने आए जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत ने बताया कि स्कूल की जगह अवस्था में हुई दीवार को लेकर उनसे मौखिक रूप से कई बार चर्चा की गई उन्होंने मौके पर आकर भी स्कूल की दीवार को देखी लेकिन शिक्षा विभाग के पास बजट ना होने की वजह से दीवार नहीं बनाई जा सकी जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।


Conclusion:वी/ओ--सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय भले क्यों न शिक्षा व्यवस्था को बेहतर होने के दावे करते हो लेकिन मंत्री जी हकीकत कुछ और ही है ऋषिकेश जैसे तराई क्षेत्र में अगर शिक्षा व्यवस्था का यह हाल है तो पहाड़ों की स्थित का अंदाजा लगाया जा सकता है,गौतलब है कि जहां नेता, मंत्री अधिकारी अपने अपने प्रचार-प्रसार में लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं वही एक स्कूल की दीवार बनाने के लिए 1 लाख रुपये तक न दे सके,इस मामले को देखकर यही लागता है कि शायद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की जान की कोई कीमत नही है।

बाईट--राजेन्द्र रावत(जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून)
Last Updated : Jan 25, 2020, 9:49 AM IST
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