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160 दिनों से धरने पर बैठे विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी, कोर्ट से 'न्याय' की आस

देहरादून में विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी अभी भी धरना दे रहे हैं. ये बर्खास्त कर्मचारी 160 दिनों से धरने पर बैठे हैं.

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160 दिनों से धरने पर बैठे विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी
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Published : May 20, 2023, 6:49 PM IST

160 दिनों से धरने पर बैठे विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी

देहरादून: विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन 160 दिन से जारी है. विधानसभा में वर्ष 2016 में नियुक्त बर्खास्त कर्मियों का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी को लेकर वाद हाई कोर्ट नैनीताल की एकल पीठ के समक्ष विचाराधीन है. ऐसे में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर हुई है वह एसएलपी 2021 में नियुक्त 72 कर्मचारियों की तरफ से दायर की गई थी, जबकि 2016 में नियुक्त कर्मचारियों का मामला अन्य कर्मियों से पूरी तरह से अलग है.

बर्खास्त कर्मियों का कहना है कि 2016 में नियुक्त हुए कर्मचारियों के पक्ष में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आ चुका है. जिन बिंदुओं पर कोटिया कमेटी और विधान सभा सचिवालय में 2016 में नियुक्त कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, उन सभी बिंदुओं पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था. उन्हें पूरा विश्वास है कि दोबारा भी उन्हें न्यायालय से न्याय मिलेगा.

पढे़ं-साल के आखिरी दिन प्रेमचंद अग्रवाल का बड़ा 'धमाका', 'मंत्री बनने में बाद से ही लोग कर रहे हैं टारगेट'

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला.

160 दिनों से धरने पर बैठे विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी

देहरादून: विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन 160 दिन से जारी है. विधानसभा में वर्ष 2016 में नियुक्त बर्खास्त कर्मियों का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी को लेकर वाद हाई कोर्ट नैनीताल की एकल पीठ के समक्ष विचाराधीन है. ऐसे में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर हुई है वह एसएलपी 2021 में नियुक्त 72 कर्मचारियों की तरफ से दायर की गई थी, जबकि 2016 में नियुक्त कर्मचारियों का मामला अन्य कर्मियों से पूरी तरह से अलग है.

बर्खास्त कर्मियों का कहना है कि 2016 में नियुक्त हुए कर्मचारियों के पक्ष में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आ चुका है. जिन बिंदुओं पर कोटिया कमेटी और विधान सभा सचिवालय में 2016 में नियुक्त कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, उन सभी बिंदुओं पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था. उन्हें पूरा विश्वास है कि दोबारा भी उन्हें न्यायालय से न्याय मिलेगा.

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विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला.

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