देहरादूनः उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है और यहां तीर्थाटन के अलावा भारी संख्या में पर्यटक भी पहुंचते हैं. चारधाम यात्रा के दौरान ही लाखों पर्यटक राज्य का रुख करते हैं. जबकि साल भर विभिन्न पर्यटक स्थलों पर भी पर्यटकों का तांता लगा रहता है. ऐसे में गोवा और केरल की तर्ज पर राज्य में पर्यटन पुलिस की स्थापना को लेकर समय-समय पर चर्चा होती रही है. हालांकि इसको लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की तरफ से भी राज्यों को अलग-अलग सुझाव दिए जाते रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड इस मामले में बाकी राज्यों का अध्ययन करने के साथ ही इसके लिए नई व्यवस्था बनाने का प्रयास करने के बावजूद ऐसा करने में फिलहाल सफल नहीं हो पाया है.
खास बात यह है कि आने वाले समय में भी पर्यटन पुलिस के रूप में एक अलग ढांचा तैयार करना, राज्य सरकार के लिए आसान काम नहीं है. हालांकि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई एक बैठक के दौरान भी पर्यटन पुलिस को लेकर चर्चा हुई थी. लेकिन राज्य के भारी आर्थिक दबाव के कारण इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया जा सका. फिलहाल कुछ पर्यटक स्थलों पर पर्यटन पुलिस के रूप में पुलिस विभाग के ही कर्मियों को ट्रेनिंग देने के बाद तैनात किया गया है. राज्य में ऐसे 100 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है और इसके बाद इन्हें विभिन्न पर्यटक स्थलों पर तैनाती भी दी गई है.
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उत्तराखंड में पर्यटन पुलिस का गठन होना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि राज्य में ऐसा करने की इजाजत राज्य के आर्थिक हालात नहीं देते हैं. दरअसल यदि राज्य में पर्यटन पुलिस का अलग ढांचा तैयार होता है तो राज्य पर इसका भारी आर्थिक दबाव होगा. उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार कहते हैं कि पर्यटन पुलिस के लिए अलग ढांचा बनाना मुश्किल है. लेकिन फिलहाल पुलिस ने 100 पुलिसकर्मियों को इसके लिए ट्रेनिंग दी है और तैनाती भी की गई है.