देहरादून: उत्तराखंड में भले ही मुफ्त बिजली का वादा करके राजनीतिक दल चुनाव से पहले जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हो, लेकिन धामी सरकार जनता को फ्री बिजली देने के मूड में नहीं है. ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने जो 100 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया था, इस पर पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं की असहमति के कारण काम नहीं हो पाया. सुनिए ईटीवी भारत से ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने क्या कहा?
उत्तराखंड के लोगों को फ्री बिजली देना भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में नहीं है. पार्टी के दिल्ली में बैठे बड़े नेता नहीं चाहते कि उत्तराखंड के लोगों को 100 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाए. कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने फ्री बिजली पर अपनी सहमति नहीं दी है. यह सब तब है जब ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत प्रदेश में 100 यूनिट फ्री बिजली देने और 200 यूनिट तक 50% बिल लेने की घोषणा की थी.
इसको लेकर पहली ही समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को इस पर कार्य योजना तैयार करने के लिए भी कहा था, लेकिन बड़ी खबर यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने फ्री बिजली के इस योजना को नामंजूर कर दिया है. यानी बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं को लगता है कि फ्री बिजली की घोषणा प्रदेश के हक में नहीं है.
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ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी फ्री बिजली के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले असर को देख रही है. दरअसल, यदि उत्तराखंड में भाजपा फ्री बिजली देती है तो बाकी राज्यों में भी ऐसी ही मांग उठेगी और ऐसी स्थिति में भाजपा शासित राज्यों में दिक्कतें पैदा हो सकती है. लिहाजा, पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के इस प्रस्ताव पर स्वीकृति देने में हाथ पीछे खींच लिए हैं.
दरअसल, प्रदेश में हरीश रावत पहले ही फ्री बिजली देने की घोषणा कर चुके हैं. उधर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी फ्री बिजली देने की बात कही है. ऐसे में उत्तराखंड में भाजपा सरकार के ऊर्जा मंत्री ने भी फ्री बिजली देने की घोषणा की थी, लेकिन अब राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे का नफा नुकसान सोचते हुए भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने इस प्रस्ताव पर अपनी असहमति जताई है.