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खाकी को दागदार बना रहे 'वर्दीधारी', DGP बोले- भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा

उत्तराखंड में चंद पुलिसकर्मी खाकी को दागदार करने पर तुले हुए हैं. ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ पिछले 9 महीनों में डीजीपी स्तर पर रिकॉर्ड कार्रवाई की गई है. ऐसे में एक बार फिर डीजीपी ने कहा है कि भ्रष्टाचार और छवि धूमिल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

uttarakhand police
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Published : Oct 29, 2021, 10:58 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग जहां एक तरफ देश की बेस्ट पुलिसिंग की सूची में खुद को बरकरार रखने के लिए लगातार अपने कदम आगे बढ़ाने का दावा कर रही है. तो वहीं, महकमे में कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं, जो लगातार खाकी की छवि को दागदार बनाने में तुले हुए हैं.

ताजा मामला शुक्रवार का है जहां डोईवाला थाने में तैनात एक सिपाही के तालुकात एक बड़े चोर गैंग के साथ निकला है. इसका खुलासा तब हुआ जब चोरों ने सिपाही का नाम उजाकर कर दिया. उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चोरों के साथ उसको भी सलाखों के पीछे भेज दिया. दो दिन पहले ही देहरादून की धर्मावाली चौकी इंचार्ज और सिपाही को इसलिए निलंबित करना पड़ा क्योंकि उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर एक लाख रिश्वत मांगने का आरोप था. तीन दिन पहले देहरादून के राजपुर रोड पर एक पुलिसकर्मी को व्यापारी को गोली मारने के आरोप में जेल जाना पड़ा.

ट्रेनी सीओ पर भी गंभीर आरोप: देहरादून जनपद में ट्रेनिंग सर्किल ऑफिसर पर खनन और भू-माफिया के साथ मिलीभगत के आरोप भी पिछले दिनों से सामने आए हैं. पुलिस मुख्यालय को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ ट्रेनी सीओ अलग-अलग थाना क्षेत्र तैनात होने के दौरान होटलों में खनन और भू माफिया के साथ बैठ कर सांठगांठ कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस महानिदेशक ने ट्रेनी सीओ को कड़ी फटकार लगाई है.

भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का साफ तौर पर कहना है कि भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता जैसे गंभीर आरोप किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. साथ ही जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं, उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. आगे भी छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

पढ़ें- चोरों का मुखबिर निकला सिपाही, पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों ने खोला राज

चौंकाने वाले हैं आंकड़े: पुलिस मुख्यालय के पिछले 9 महीनों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. विभाग की ओर से इन 9 महीनों में पुलिस की वर्दी को दागदार करने वाले 253 पुलिसकर्मियों को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त तक करना पड़ा है. इतना ही नहीं 292 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है, जबकि 52 लोगों के पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप और जांच के तहत बर्खास्तगी करने तक की विभागीय कार्रवाई की जा रही है. वहीं, 191 पुलिसकर्मियों पर अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई है.

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग जहां एक तरफ देश की बेस्ट पुलिसिंग की सूची में खुद को बरकरार रखने के लिए लगातार अपने कदम आगे बढ़ाने का दावा कर रही है. तो वहीं, महकमे में कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं, जो लगातार खाकी की छवि को दागदार बनाने में तुले हुए हैं.

ताजा मामला शुक्रवार का है जहां डोईवाला थाने में तैनात एक सिपाही के तालुकात एक बड़े चोर गैंग के साथ निकला है. इसका खुलासा तब हुआ जब चोरों ने सिपाही का नाम उजाकर कर दिया. उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चोरों के साथ उसको भी सलाखों के पीछे भेज दिया. दो दिन पहले ही देहरादून की धर्मावाली चौकी इंचार्ज और सिपाही को इसलिए निलंबित करना पड़ा क्योंकि उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर एक लाख रिश्वत मांगने का आरोप था. तीन दिन पहले देहरादून के राजपुर रोड पर एक पुलिसकर्मी को व्यापारी को गोली मारने के आरोप में जेल जाना पड़ा.

ट्रेनी सीओ पर भी गंभीर आरोप: देहरादून जनपद में ट्रेनिंग सर्किल ऑफिसर पर खनन और भू-माफिया के साथ मिलीभगत के आरोप भी पिछले दिनों से सामने आए हैं. पुलिस मुख्यालय को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ ट्रेनी सीओ अलग-अलग थाना क्षेत्र तैनात होने के दौरान होटलों में खनन और भू माफिया के साथ बैठ कर सांठगांठ कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस महानिदेशक ने ट्रेनी सीओ को कड़ी फटकार लगाई है.

भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का साफ तौर पर कहना है कि भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता जैसे गंभीर आरोप किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. साथ ही जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं, उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. आगे भी छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

पढ़ें- चोरों का मुखबिर निकला सिपाही, पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों ने खोला राज

चौंकाने वाले हैं आंकड़े: पुलिस मुख्यालय के पिछले 9 महीनों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. विभाग की ओर से इन 9 महीनों में पुलिस की वर्दी को दागदार करने वाले 253 पुलिसकर्मियों को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि दो पुलिसकर्मियों को बर्खास्त तक करना पड़ा है. इतना ही नहीं 292 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है, जबकि 52 लोगों के पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप और जांच के तहत बर्खास्तगी करने तक की विभागीय कार्रवाई की जा रही है. वहीं, 191 पुलिसकर्मियों पर अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई है.

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