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चारधाम यात्रा में बदइंतजामी, उम्मीद छोड़ बिना दर्शन के ही वापस लौट रहे श्रद्धालु

सरकार की बदइंतजामी के चलते चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले पर्यटक परेशान हो रहे हैं. बदइंतजामी का आलम ये है कि अब चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार ऋषिकेश से ही चारधाम यात्री बिना दर्शन किए वापस लौट रहे हैं.

Chardham pilgrims have started going back
उम्मीद छोड़ बिना दर्शनों के ही वापस लौट रहे श्रद्धालु
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Published : May 29, 2022, 9:33 PM IST

ऋषिकेश: राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा का न्यौता देकर देश-दुनिया के यात्रियों को उत्तराखंड बुला तो लिया, लेकिन उनके लिए इंतजाम नहीं जुटा पाई. इसकी तस्दीक ऋषिकेश में हो रही है. जहां से डेढ़ हजार तीर्थयात्री बगैर दर्शन के ही घरों को वापस लौट रहे हैं. यात्री कहीं रजिस्ट्रेशन, तो वाहन नहीं मिलने से परेशान हैं. उत्तराखंड परिवहन महासंघ के मानें, तो अभी तक हजारों यात्री वापस जा भी चुके हैं.

दरअसल, कोरोना काल की वजह से चारधाम यात्रा दो साल तक नहीं चल पाई. महामारी घटने के बाद इस साल यात्रा धूमधाम शुरू हुई. सरकार ने पहले ही यात्रियों का सैलाब उमड़ने की संभावना जताई थी. यात्रियों के लिए इंतजाम मुकम्मल होने के बड़े-बड़े दावे भी किए थे, लेकिन चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में ही यात्रियों के लिए वाहनों से लेकर ठहरने तक की मुकम्मल सुविधाएं नजर नहीं आई.

उम्मीद छोड़ बिना दर्शनों के ही वापस लौट रहे श्रद्धालु

पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: BJP ने उत्तराखंड से डॉ कल्पना सैनी को बनाया प्रत्याशी

उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय के मुताबिक रजिस्ट्रेशन और ट्रिप कार्ड सिस्टम इस बदइंतजामी की मुख्य वजह हैं. सरकार को पहले ही इस नए पंजीकरण सिस्टम से अव्यवस्था होने के प्रति आगाह किया गया था. बावजूद, इसके सरकार नहीं मानी, जिसका परिणाम सबके सामने है. यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में एक-एक महीने की वेटिंग मिल रही है. ऐसे में यात्री महीने भर तक रूकने की स्थिति में नहीं हैं. जिसके चलते अब सामान बांधकर वे बिना चारधाम के दर्शन के ही वापस लौट रहे हैं.

ऋषिकेश: राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा का न्यौता देकर देश-दुनिया के यात्रियों को उत्तराखंड बुला तो लिया, लेकिन उनके लिए इंतजाम नहीं जुटा पाई. इसकी तस्दीक ऋषिकेश में हो रही है. जहां से डेढ़ हजार तीर्थयात्री बगैर दर्शन के ही घरों को वापस लौट रहे हैं. यात्री कहीं रजिस्ट्रेशन, तो वाहन नहीं मिलने से परेशान हैं. उत्तराखंड परिवहन महासंघ के मानें, तो अभी तक हजारों यात्री वापस जा भी चुके हैं.

दरअसल, कोरोना काल की वजह से चारधाम यात्रा दो साल तक नहीं चल पाई. महामारी घटने के बाद इस साल यात्रा धूमधाम शुरू हुई. सरकार ने पहले ही यात्रियों का सैलाब उमड़ने की संभावना जताई थी. यात्रियों के लिए इंतजाम मुकम्मल होने के बड़े-बड़े दावे भी किए थे, लेकिन चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में ही यात्रियों के लिए वाहनों से लेकर ठहरने तक की मुकम्मल सुविधाएं नजर नहीं आई.

उम्मीद छोड़ बिना दर्शनों के ही वापस लौट रहे श्रद्धालु

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उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय के मुताबिक रजिस्ट्रेशन और ट्रिप कार्ड सिस्टम इस बदइंतजामी की मुख्य वजह हैं. सरकार को पहले ही इस नए पंजीकरण सिस्टम से अव्यवस्था होने के प्रति आगाह किया गया था. बावजूद, इसके सरकार नहीं मानी, जिसका परिणाम सबके सामने है. यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में एक-एक महीने की वेटिंग मिल रही है. ऐसे में यात्री महीने भर तक रूकने की स्थिति में नहीं हैं. जिसके चलते अब सामान बांधकर वे बिना चारधाम के दर्शन के ही वापस लौट रहे हैं.

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