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इस बार भी आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का नहीं हो सकेगा दर्शन, जानिए वजह? - लेटेस्ट न्यूज

केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा से केदारनाथ मंदिर को छोड़ पूरी केदार घाटी जमींदोज हो गई थी. उसी आपदा में आदि गुरू शंकराचार्य की प्राचीन समाधि भी क्षतिग्रस्त होकर बह गई थी, जिसके बाद से आज भी गुरू शंकराचार्य के दुनिया भर में फैले अनुयायियों को समाधि स्थल के पुनर्निर्माण का इंतजार है.

जानकारी देते सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर.
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Published : May 6, 2019, 11:40 PM IST

देहरादून: प्रदेश में 7 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे. लेकिन श्रद्धालु केदारनाथ धाम में बन रहे आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि के दर्शन नहीं कर पाएंगे. पहले चरण में लगभग 20 करोड़ की लागत से बन रहा आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का कार्य पूरा नहीं होने के कारण चारधाम यात्री दर्शन नहीं कर पाएंगे, समाधि स्थल का निर्माण 2019 में पूरा होना था.

16 जून 2013 में केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा से केदारनाथ मंदिर को छोड़ पूरी केदार घाटी जमींदोज हो गई थी. उसी आपदा में आदि गुरू शंकराचार्य की प्राचीन समाधि भी क्षतिग्रस्त होकर बह गई थी, जिसके बाद से आज भी गुरू शंकराचार्य के दुनिया भर में फैले अनुयायियों को समाधि स्थल के पुनर्निर्माण का इंतजार है. हालांकि, आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुननिर्माण कार्य चल रहा है.

जानकारी देते सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर.

पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ में साल 2017 में जिन पांच योजनाओं का शिलान्यास किया था, उन्हीं योजनाओं में पहले चरण के लिए लगभग 20 करोड़ की लागत से आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुननिर्माण कार्य भी शामिल था. आदि गुरू शंकराचार्य के समाधि स्थल का पुनर्निर्माण कार्य साल 2017 से ही शुरू हो गया था और इसका निर्माण इंटीग्रेटेड आइडिया एजेंसी लिमिटेड के मॉडल के अनुसार किया जा रहा है.

इंटीग्रेटेड आइडिया कंपनी द्वारा तैयार किए गए मॉडल के अनुसार ही समाधि स्थल को बनाया जा रहा है. समाधि स्थल में जाने और आने का अलग-अलग रास्ता होगा. करीब 13 मीटर गोलाई में बन रही समाधि के मध्य में आदि गुरू शंकराचार्य की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी.

देहरादून: प्रदेश में 7 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे. लेकिन श्रद्धालु केदारनाथ धाम में बन रहे आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि के दर्शन नहीं कर पाएंगे. पहले चरण में लगभग 20 करोड़ की लागत से बन रहा आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का कार्य पूरा नहीं होने के कारण चारधाम यात्री दर्शन नहीं कर पाएंगे, समाधि स्थल का निर्माण 2019 में पूरा होना था.

16 जून 2013 में केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा से केदारनाथ मंदिर को छोड़ पूरी केदार घाटी जमींदोज हो गई थी. उसी आपदा में आदि गुरू शंकराचार्य की प्राचीन समाधि भी क्षतिग्रस्त होकर बह गई थी, जिसके बाद से आज भी गुरू शंकराचार्य के दुनिया भर में फैले अनुयायियों को समाधि स्थल के पुनर्निर्माण का इंतजार है. हालांकि, आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुननिर्माण कार्य चल रहा है.

जानकारी देते सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर.

पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ में साल 2017 में जिन पांच योजनाओं का शिलान्यास किया था, उन्हीं योजनाओं में पहले चरण के लिए लगभग 20 करोड़ की लागत से आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुननिर्माण कार्य भी शामिल था. आदि गुरू शंकराचार्य के समाधि स्थल का पुनर्निर्माण कार्य साल 2017 से ही शुरू हो गया था और इसका निर्माण इंटीग्रेटेड आइडिया एजेंसी लिमिटेड के मॉडल के अनुसार किया जा रहा है.

इंटीग्रेटेड आइडिया कंपनी द्वारा तैयार किए गए मॉडल के अनुसार ही समाधि स्थल को बनाया जा रहा है. समाधि स्थल में जाने और आने का अलग-अलग रास्ता होगा. करीब 13 मीटर गोलाई में बन रही समाधि के मध्य में आदि गुरू शंकराचार्य की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी.

Intro:चारधाम यात्रा 7 मई से शुरू हो रही है, और चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचकर चारो धामो की यात्रा करते हैं। लेकिन इस साल भी श्रद्धालु केदारनाथ धाम में बन रहे आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन नहीं कर पाएंगे। पहले चरण में करीब 20 करोड़ की लागत से बन रहा आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का कार्य 2019 में पूरा होना था, लेकिन यह कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, और यही वजह है कि इस साल भी आदि गुरु शंकराचार्य के अनुयायियों को खाली हाथ लौटना पड़ेगा।


Body:आपदा में जमींदोज हो गई थी समाधि.......

16 जून 2013 में केदारनाथ धाम में आयी आपदा से केदारनाथ मंदिर को छोड़ पूरी केदार घाटी जमींदोज हो गई थी। और उसी आपदा में आदि गुरु शंकराचार्य की प्राचीन समाधि भी क्षतिग्रस्त होकर बह गई थी। जिसके बाद से आज भी गुरु शंकराचार्य के दुनिया भर में फैले अनुयायियों को समाधि स्थल के पुननिर्माण का इंतजार है। हालांकि आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुननिर्माण कार्य चल रहा है लेकिन इस साल भी यात्री आदि गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के दर्शन नहीं कर पाएंगे।


साल 2017 में किया गया था समाधि स्थल का शिलान्यास....

सन 2013 में आपदा आने के बाद केदार घाटी के पुनर्निर्माण का काम शुरू किया गया। और फिर केदार घाटी को पहले की तरह विकसित करने में सरकार जुट गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ को विकसित करने के प्रोजेक्ट के तहत साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन पांच योजनाओं का शिलान्यास किया था। उन्ही योजनाओं में पहले चरण के लिए करीब 20 करोड़ की लागत से आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुननिर्माण कार्य भी शामिल था। और आदि गुरु शंकराचार्य का पूननिर्माण कार्य साल 2017 से ही शुरू हो गया था। और इसका निर्माण इंटीग्रेटेड आइडिया एजेंसी लिमिटेड के मॉडल के अनुसार किया जा रहा है।


हालांकि पिछले नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल पुनर्निर्माण कार्य को देखने केदार घाटी पहुंचे थे, जहां उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य के समाधि की पुननिर्माण कार्य व अन्य चल रहे पुनर्निर्माण कामों का जायजा लिया था। और इस दौरान अधिकारियों को काम में तेजी लाने के दिशा निर्देश दिए थे, जिसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य की भव्य समाधि का निर्माण कार्य बहुत ही तेजी से चल रहा है।  और इंटीग्रेटेड आइडिया कंपनी द्वारा तैयार किए गए मॉडल के अनुसार ही समाधि स्थल को बनाया जा रहा है समाधि स्थल में जाने और आने का अलग अलग रास्ता होगा और करीब 13 मीटर गोलाई में बन रही समाधि के मध्य में आदि गुरु शंकराचार्य की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी।

बाइट - दिलीप जावलकर (सचिव पर्यटन)





Conclusion:हालांकि कहां जा रहा था कि साल 2019 में चार धाम यात्रा के दौरान आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन श्रद्धालु कर पाएंगे, लेकिन अभी तक पुनर्निर्माण कार्य ही चल रहा है ऐसे में यह पुननिर्माण कार्य कब तक पूरा हो पाएगा यह एक बड़ा सवाल है।
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