देहरादून: उत्तराखंड में वन पंचायतों को सशक्त करने के लिए वन विभाग तीन मॉडल विकसित करने जा रहा है. इसके जरिए प्रदेश में 200 से ज्यादा वन पंचायतों को भविष्य में मजबूत करने में मदद मिल सकेगी. दरअसल, प्रदेश की विभिन्न वन पंचायतों को इको टूरिज्म और वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट के लिए वन विभाग प्रेरित करेगा. ताकि सभी वन पंचायतें इस दिशा में खुद को तैयार कर सकें.
बता दें कि प्रदेश में बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट स्थापित करने के प्रयास जोर शोर से चल रहे हैं. इसके लिए वन विभाग 3 मॉडल विकसित करने की कोशिश कर रहा है. पहला मॉडल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उत्तरी भाग में स्थित रथोडाब होगा. जिसमें पक्षियों को देखने के लिए पर्यटक आ सकेंगे. दूसरा मॉडल देवलसारी का है जहां तितलियों का संसार है और यहां पर तितलियों को देखने के लिए पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा. तीसरा मॉडल हर्षिल घाटी की वह 8 वनपंचायतें है जिनको स्नो लेपर्ड और वन्यजीवों को लेकर पर्यटकों के लिए बेहतर किया जाएगा. इसे विंटर टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना है.
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बता दें कि, प्रदेश में बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट स्थापित करने की तैयारी है. जिसमें विभिन्न पंचायतों के प्रस्ताव दिए गए हैं. इसी में से देवलसारी को भी चयनित किया गया है. यह माना जा रहा है कि आगामी अप्रैल तक हेरिटेज साइट के रूप में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा.