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जौनसार बावर के इस ऐतिहासक पर्यटक स्थल में उमड़ती है सैलानियों की भीड़, सरकार से विकसित करने की मांग

Vikasnagar Bairatkhai Tourist Place चकराता यमुनोत्री मोटर मार्ग पर स्थित बैराटखाई पर्यटक स्थल को देखने के लिए हर साल सैलानियों की तादाद बढ़ रही है. स्थानीय लोगों ने सरकार से इस पर्यटन स्थल को विकसित करने की मांग की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां से हिमालय की काफी लंबी हिम श्रृंखला दिखाई देती है. जो पर्यटकों को बरबस आकर्षित करती है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 20, 2023, 2:15 PM IST

बैराटखाई को विकसित करने की मांग

विकासनगर: देहरादून के चकराता यमुनोत्री मोटर मार्ग पर स्थित बैराटखाई पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. जिसका ऐतिहासिक महत्व भी है. लोक कथाओं के अनुसार यह स्थान अत्याचारी राजा शामूशाह व पांडवों से भी जुड़ा है. स्थानीय लोग इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग कर रहे हैं.

चकराता यमुनोत्री मोटर मार्ग पर जौनसार क्षेत्र में बैराटखाई की खूबसूरती लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींचती है.पर्यटन की दृष्टि से यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है, जिसका ऐतिहासिक महत्व भी है. बात जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र की हो तो यह क्षेत्र अपने आप में धार्मिक,सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से काफी महत्व रखता है. वहीं पर्यटक स्थल बैराटखाई देहरादून से करीब सौ किलोमीटर की दूरी बसा है. यहां से बांज,बुरांश सहित देवदार के पेड़ों के बीच सैलानी हिमालय का दीदार कर सकते हैं. यहां से हिमालय की काफी लंबी हिम श्रृंखलाएं दिखाई देती हैं. जो सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं.
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वहीं इस जगह से थोड़ी दूरी पर ऊंची पहाड़ी पर बैराटगढ़ स्थित है, जिसके वर्तमान मे अवशेष दिखाई देते हैं.लोक पंचायत सदस्य भारत चौहान बताते है कि गढ़ नामक पर्वत बैराटखाई के पास है. इस स्थान का इतिहास में बड़ा महत्व है. गढ बैराट का पांडवों से इतिहास जुड़ा है, जहां राजा शामूशाह राजा का इतिहास जुड़ा है, जो एक अत्याचारी राजा था.अन्याय के खिलाफ जौनसार बावर की जनता में उस समय एक बड़ा आंदोलन किया और शामूशाह राजा का अंत चालदा महासू महाराज ने किया. उन्होंने कहा कि इस कहानी का इतिहास लगभग छह सौ से सात सौ साल पुराना माना जाता है.
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उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र को विकसित करना चाहिए. जिससे लोगों को फायदा मिलेगा. कहा कि पर्यटन विभाग और सरकार को भी इस और ध्यान देना चाहिए. वहीं स्थानीय निवासी रविंदर सिंह चौहान का कहना है कि यह स्थान पर्यटन व ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. यहां साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है. इस स्थान से सीधे हिमालय की पर्वत मालाएं दिखाई देती है. जिसे देखने के लिए पर्यटक लालायित रहते हैं. कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना चल रही है, जिसमें धार्मिक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है. जिसे सरकार ने महाभारत सर्किट का नाम दिया है. सरकार को चाहिए की इस महत्वपूर्ण स्थान को विकसित करने के लिए महाभारत सर्किट से जोड़ा जाए.

बैराटखाई को विकसित करने की मांग

विकासनगर: देहरादून के चकराता यमुनोत्री मोटर मार्ग पर स्थित बैराटखाई पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. जिसका ऐतिहासिक महत्व भी है. लोक कथाओं के अनुसार यह स्थान अत्याचारी राजा शामूशाह व पांडवों से भी जुड़ा है. स्थानीय लोग इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग कर रहे हैं.

चकराता यमुनोत्री मोटर मार्ग पर जौनसार क्षेत्र में बैराटखाई की खूबसूरती लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींचती है.पर्यटन की दृष्टि से यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है, जिसका ऐतिहासिक महत्व भी है. बात जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र की हो तो यह क्षेत्र अपने आप में धार्मिक,सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से काफी महत्व रखता है. वहीं पर्यटक स्थल बैराटखाई देहरादून से करीब सौ किलोमीटर की दूरी बसा है. यहां से बांज,बुरांश सहित देवदार के पेड़ों के बीच सैलानी हिमालय का दीदार कर सकते हैं. यहां से हिमालय की काफी लंबी हिम श्रृंखलाएं दिखाई देती हैं. जो सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं.
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वहीं इस जगह से थोड़ी दूरी पर ऊंची पहाड़ी पर बैराटगढ़ स्थित है, जिसके वर्तमान मे अवशेष दिखाई देते हैं.लोक पंचायत सदस्य भारत चौहान बताते है कि गढ़ नामक पर्वत बैराटखाई के पास है. इस स्थान का इतिहास में बड़ा महत्व है. गढ बैराट का पांडवों से इतिहास जुड़ा है, जहां राजा शामूशाह राजा का इतिहास जुड़ा है, जो एक अत्याचारी राजा था.अन्याय के खिलाफ जौनसार बावर की जनता में उस समय एक बड़ा आंदोलन किया और शामूशाह राजा का अंत चालदा महासू महाराज ने किया. उन्होंने कहा कि इस कहानी का इतिहास लगभग छह सौ से सात सौ साल पुराना माना जाता है.
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उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र को विकसित करना चाहिए. जिससे लोगों को फायदा मिलेगा. कहा कि पर्यटन विभाग और सरकार को भी इस और ध्यान देना चाहिए. वहीं स्थानीय निवासी रविंदर सिंह चौहान का कहना है कि यह स्थान पर्यटन व ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. यहां साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है. इस स्थान से सीधे हिमालय की पर्वत मालाएं दिखाई देती है. जिसे देखने के लिए पर्यटक लालायित रहते हैं. कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना चल रही है, जिसमें धार्मिक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है. जिसे सरकार ने महाभारत सर्किट का नाम दिया है. सरकार को चाहिए की इस महत्वपूर्ण स्थान को विकसित करने के लिए महाभारत सर्किट से जोड़ा जाए.

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