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टूटे दिल्ली यमुनोत्री हाईवे को तिरपाल से ढका, एक साल से है मरम्मत का इंतजार

विकासनगर में दिल्ली यमुनोत्री हाईवे काली मंदिर के समीप पिछले एक साल से धंसा हुआ है. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड ने अभी तक मार्ग को ठीक नहीं किया है. धंसे हुए स्थान को तिरपाल से ढका गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि इस संबंध में केंद्र को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.

Delhi Yamunotri Highway
विकासनगर हाइवे
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Published : Jun 24, 2022, 12:16 PM IST

विकासनगर: दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (Delhi Yamunotri National Highway) काली मंदिर के समीप पिछले साल बरसात में धंस गया था. लेकिन विभाग अभी तक मार्ग की मरम्मत नहीं करा पाया है. इस साल भी बारिश का सीजन शुरू हो गया है. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के अधिकारी अभी तक केंद्र सरकार को सिर्फ प्रस्ताव ही भेज पाए हैं.

राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि ऐसे खतरनाक स्थानों को ठीक करने की जगह यात्रा सीजन में उनको तिरपाल डालकर ढक दिया गया है. जबकि इस मार्ग से पर्यटकों सहित जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग भी जुड़ा हुआ है. इस मार्ग से सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े मालवाहक वाहनों का आवागमन लगा रहता है.
पढ़ें- ओम पर्वत और व्यास वैली पर पड़ने लगी प्रदूषण की मार, IMF ने किया खबरदार

बावजूद इसके विभाग द्वारा एक साल बीतने के बाद भी कटे से हुए हिस्से को सुधारा नहीं गया. ऐसे में यहां हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. इस संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि तिरपाल से इसलिए ढका गया है कि बारिश से मार्ग और क्षतिग्रस्त ना हो. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को 80 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. पैसा स्वीकृत होते ही कार्य किया जाएगा.

विकासनगर: दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (Delhi Yamunotri National Highway) काली मंदिर के समीप पिछले साल बरसात में धंस गया था. लेकिन विभाग अभी तक मार्ग की मरम्मत नहीं करा पाया है. इस साल भी बारिश का सीजन शुरू हो गया है. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के अधिकारी अभी तक केंद्र सरकार को सिर्फ प्रस्ताव ही भेज पाए हैं.

राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि ऐसे खतरनाक स्थानों को ठीक करने की जगह यात्रा सीजन में उनको तिरपाल डालकर ढक दिया गया है. जबकि इस मार्ग से पर्यटकों सहित जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग भी जुड़ा हुआ है. इस मार्ग से सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े मालवाहक वाहनों का आवागमन लगा रहता है.
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बावजूद इसके विभाग द्वारा एक साल बीतने के बाद भी कटे से हुए हिस्से को सुधारा नहीं गया. ऐसे में यहां हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. इस संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि तिरपाल से इसलिए ढका गया है कि बारिश से मार्ग और क्षतिग्रस्त ना हो. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को 80 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. पैसा स्वीकृत होते ही कार्य किया जाएगा.

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