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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, जल्द लाया जाए कमलेश का शव

टिहरी के सेमवाल गांव के कमलेश भट्ट की अबूधाबी में हुई मौत और उसके बाद उसके शव को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
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Published : Apr 26, 2020, 11:00 AM IST

Updated : Apr 26, 2020, 11:17 AM IST

नई दिल्ली: उत्तराखंड के टिहरी निवासी 23 वर्षीय कमलेश भट्ट की मौत के बाद अबु धाबी से भारत भेजे गये शव मामले में कमलेश भट्ट के चचेरे भाई विमलेश ने शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. विमलेश ने इमिग्रेशन विभाग के फैसले के खिलाफ अपील की है. उन्होंने बताया कि विभाग ने उन्हें गृह मंत्रालय का वो सर्कुलर भी नहीं दिया, जिसके आधार पर कमलेश का शव वापस लौटाया गया.

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कमलेश के भाई ने दायर की थी याचिका

विमलेश के वकील रितुपर्ण उनियाल ने बताया कि उन्होंने कोर्ट से केंद्र सरकार को निर्देश देने की अपील की है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई की. केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने नोटिस को प्राप्त किया. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

पढ़ें- रास्ता साफ: जल्द भारत लाया जाएगा कमलेश भट्ट का शव, केंद्र सरकार को जारी करना पड़ा लेटर

उनियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि छुट्टी होने के बावजूद मानवीय संवेदना के आधार पर पूरे मामले पर कोर्ट ने सुनवाई की. अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार संबंधित दूतावास से पूरी जानकारी हासिल कर रही है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार के सीनियर अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं. उच्चस्तर पर इसकी चर्चा भी की गई है.

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दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस

पढ़ें- कमलेश भट्ट के भाई ने जताया ईटीवी भारत का आभार, कहा- केंद्र से देर से आया फैसला पर दुरुस्त

तीन भारतीयों के शव अबु धाबी में हैं. सूत्रों के अनुसार दो अन्य शव पंजाब से है. सूत्रों की मानें तो इनमें से किसी की भी मौत कोरोना से नहीं हुई है. कमलेश की मौत हार्ट अटैक से हुई. ईटीवी भारत के पास उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध है. इस खबर के बाद ईटीवी भारत ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों से संपर्क साधा था. ईटीवी भारत लगातार परिवार वालों के संपर्क में भी बना हुआ है.

पढ़ें- अंतिम दर्शन को तरसा परिवार, सर्कुलर में उलझा मंत्रालय

गौर हो कि बीती 16 अप्रैल को अबु धाबी के एक होटल में काम करने वाले टिहरी निवासी कमलेश भट्ट की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. 17 अप्रैल को कंपनी की ओर से परिवारवालों को ये सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद परिवार वालों ने विदेश मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली थी. 23 अप्रैल को उसका शव भारत लाया गया लेकिन गृह मंत्रालय के एक सर्कुलर का हवाला देकर उसे वापस लौटा दिया गया. कमलेश के परिवार को खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

पढ़ें-मौत के बाद भी दुर्दशा : दुबई में मृत कमलेश का शव दिल्ली लाकर वापस भेजा गया

ईटीवी भारत में इस खबर के प्रकाशित होने के बाद शनिवार (25 अप्रैल) को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा. इसके अनुसार आगे से कोई भी भ्रम की स्थिति ना रहे, इसलिए एक निर्धारित प्रक्रिया तय कर ली गई है. अगर आगे से इस तरह का कोई मामला आता है, तो स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से एनओसी प्राप्त करने के बाद शवों को लाया जा सकता है.

विदेशी मामलों के प्रभाग के आव्रजन अनुभाग में एक निदेशक स्तर के अधिकारी ने ज्ञापन में कहा कि यह स्पष्ट करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि भारतीय नागरिकों / ओसीआई कार्ड धारकों के शवों और अवशेषों (जैसे अस्थि कलश) को भारत लाए जाने के संबंध में आव्रजन का कार्य विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के अधीन किया जाएगा.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), अनुमोदन या सहमति प्राप्त करने के बाद शव या अवशेष प्राप्त किए जा सकते हैं. ज्ञापन में कहा गया है कि इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली: उत्तराखंड के टिहरी निवासी 23 वर्षीय कमलेश भट्ट की मौत के बाद अबु धाबी से भारत भेजे गये शव मामले में कमलेश भट्ट के चचेरे भाई विमलेश ने शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. विमलेश ने इमिग्रेशन विभाग के फैसले के खिलाफ अपील की है. उन्होंने बताया कि विभाग ने उन्हें गृह मंत्रालय का वो सर्कुलर भी नहीं दिया, जिसके आधार पर कमलेश का शव वापस लौटाया गया.

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कमलेश के भाई ने दायर की थी याचिका

विमलेश के वकील रितुपर्ण उनियाल ने बताया कि उन्होंने कोर्ट से केंद्र सरकार को निर्देश देने की अपील की है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई की. केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने नोटिस को प्राप्त किया. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

पढ़ें- रास्ता साफ: जल्द भारत लाया जाएगा कमलेश भट्ट का शव, केंद्र सरकार को जारी करना पड़ा लेटर

उनियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि छुट्टी होने के बावजूद मानवीय संवेदना के आधार पर पूरे मामले पर कोर्ट ने सुनवाई की. अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार संबंधित दूतावास से पूरी जानकारी हासिल कर रही है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार के सीनियर अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं. उच्चस्तर पर इसकी चर्चा भी की गई है.

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दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस

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तीन भारतीयों के शव अबु धाबी में हैं. सूत्रों के अनुसार दो अन्य शव पंजाब से है. सूत्रों की मानें तो इनमें से किसी की भी मौत कोरोना से नहीं हुई है. कमलेश की मौत हार्ट अटैक से हुई. ईटीवी भारत के पास उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध है. इस खबर के बाद ईटीवी भारत ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों से संपर्क साधा था. ईटीवी भारत लगातार परिवार वालों के संपर्क में भी बना हुआ है.

पढ़ें- अंतिम दर्शन को तरसा परिवार, सर्कुलर में उलझा मंत्रालय

गौर हो कि बीती 16 अप्रैल को अबु धाबी के एक होटल में काम करने वाले टिहरी निवासी कमलेश भट्ट की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. 17 अप्रैल को कंपनी की ओर से परिवारवालों को ये सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद परिवार वालों ने विदेश मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली थी. 23 अप्रैल को उसका शव भारत लाया गया लेकिन गृह मंत्रालय के एक सर्कुलर का हवाला देकर उसे वापस लौटा दिया गया. कमलेश के परिवार को खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

पढ़ें-मौत के बाद भी दुर्दशा : दुबई में मृत कमलेश का शव दिल्ली लाकर वापस भेजा गया

ईटीवी भारत में इस खबर के प्रकाशित होने के बाद शनिवार (25 अप्रैल) को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा. इसके अनुसार आगे से कोई भी भ्रम की स्थिति ना रहे, इसलिए एक निर्धारित प्रक्रिया तय कर ली गई है. अगर आगे से इस तरह का कोई मामला आता है, तो स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से एनओसी प्राप्त करने के बाद शवों को लाया जा सकता है.

विदेशी मामलों के प्रभाग के आव्रजन अनुभाग में एक निदेशक स्तर के अधिकारी ने ज्ञापन में कहा कि यह स्पष्ट करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि भारतीय नागरिकों / ओसीआई कार्ड धारकों के शवों और अवशेषों (जैसे अस्थि कलश) को भारत लाए जाने के संबंध में आव्रजन का कार्य विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के अधीन किया जाएगा.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), अनुमोदन या सहमति प्राप्त करने के बाद शव या अवशेष प्राप्त किए जा सकते हैं. ज्ञापन में कहा गया है कि इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

Last Updated : Apr 26, 2020, 11:17 AM IST
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