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दिल्ली क्राइम ब्रांच का हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापा, नकली रेमडेसिविर के साथ 7 गिरफ्तार

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Published : Apr 30, 2021, 9:28 AM IST

Updated : Apr 30, 2021, 3:23 PM IST

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापेमारी कर नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. मामले में मुख्य सरगना सहित 5 लोग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

नकली रेमडेसिविर के साथ 7 गिरफ्तार
नकली रेमडेसिविर के साथ 7 गिरफ्तार

देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापेमारी कर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में टीम ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. मौके से 198 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, पैकेजिंग सामग्री और 3000 खाली शीशियां बरामद हुई है.

नकली रेमडेसिविर के साथ 7 गिरफ्तार

मामले में एक महिला सहित कुल 7 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी नकली रेमडेसिविर को 25 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन कोविड मरीज के परिजनों को बेच रहे थे. बताया जा रहा है कि अभी तक इन लोगों ने दो हजार से ज्यादा नकली डोज मरीज के परिजनों को बेच चुके हैं. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्वीट कर इस फैक्ट्री पर छापेमारी की जानकारी दी है.

क्राइम ब्रांच के अनुसार बीते कुछ समय से उनकी टीम को सूचना मिल रही थी कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जा रही है. इसे लेकर बीते दिनों कई गैंग क्राइम ब्रांच ने पकड़ी हैं. ऐसा ही एक गैंग क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल ने दक्षिण दिल्ली स्थित बत्रा अस्पताल के पास से बीते सप्ताह पकड़ा था.

ऐसे करें पहचान
ऐसे करें पहचान

ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण के साथ अब डेंगू-मलेरिया से निपटने की चुनौती, स्वास्थ्य सचिव ने जारी किए आदेश

क्राइम ब्रांच ने यहां से दो आरोपियों मोहन झा और मोहम्मद शोएब को गिरफ्तार कर रेमडेसिविर इंजेक्शन के 10 वायल बरामद किए थे. पुलिस को आरोपियों ने बताया था कि वह एक महिला से इंजेक्शन लेकर इसे अस्पताल के बाहर मरीज के परिजनों को 25 से 40 हजार रुपये में बेचते थे. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने दिल्ली से महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

महिला के खुलासे पर हुई उत्तराखंड से गिरफ्तारी

पूछताछ के दौरान महिला ने पुलिस को बताया कि वह उत्तराखंड के रुड़की निवासी वतन सिंह से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर उसे आगे बेचने के लिए देती थी. इस खुलासे पर क्राइम ब्रांच की एक टीम उत्तराखंड पहुंची और वहां से वतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से रेमडेसिविर की जो डोज बरामद हुई हैं. उसके नकली होने का शक पुलिस अधिकारियों को हुआ. पुलिस ने आरोपी को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया. उसने पुलिस को बताया कि वह कोटद्वार में नकली रेमडेसिविर तैयार कर उसे कोविड मरीजों के परिजनों को बेचता है. इसके लिए उसने लोगों के बीच अपने नंबर को भी वायरल किया था.

कोटद्वार से हुआ फैक्ट्री का पर्दाफाश

इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच की टीम ने वतन सिंह को साथ लेकर गुरुवार को उत्तराखंड के कोटद्वार में अवैध फैक्ट्री पर छापा मारा. जिसमें नकली रेमडेसिविर तैयार हो रही थी. यहां से पुलिस को लगभग रेमडेसिविर के 200 नकली डोज मिले हैं. इसके अलावा बड़ी मात्रा में पैकिंग का सामान एवं मशीन भी यहां से जब्त की गई. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह दो हजार से ज्यादा डोज बीते दिनों बेच चुके हैं. पुलिस को पता चला कि उत्तराखंड ड्रग यूनिट के जरिए पहले वतन सिंह की इस फैक्ट्री को एक बार पहले भी सील किया जा चुका है.

पुलिस ने लोगों से की अपील

हाल ही में क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज की तरफ से लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदते समय अलर्ट रहने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि बाजार में बढ़ी मांग से कुछ जालसाज नकली दवा भी सप्लाई कर रहे हैं. इसलिए बाजार से यह दवा खरीदते समय उन्हें कुछ सावधानियों को ध्यान रखने की आवश्यकता है. इसे लेकर उन्होंने दवा की एक तस्वीर भी जारी की, जिसमें बताया था कि किस तरह से असली दवा की पहचान की जा सकती है.

ऐसे करें पहचान

असली दवा में रेमडेसिविर के ऊपर Rx लिखा हुआ है, जबकि नकली दवा में यह नहीं लिखा है.
असली दवा में लाल रंग की वार्निंग लेबल मौजूद है.
नकली दवा में इंडिया लिखते समय india (India सही) में आई कैपिटल नहीं लिखा गया है.
तेलंगाना की स्पेलिंग भी इसमें गलत है.

देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापेमारी कर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में टीम ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. मौके से 198 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, पैकेजिंग सामग्री और 3000 खाली शीशियां बरामद हुई है.

नकली रेमडेसिविर के साथ 7 गिरफ्तार

मामले में एक महिला सहित कुल 7 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी नकली रेमडेसिविर को 25 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन कोविड मरीज के परिजनों को बेच रहे थे. बताया जा रहा है कि अभी तक इन लोगों ने दो हजार से ज्यादा नकली डोज मरीज के परिजनों को बेच चुके हैं. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्वीट कर इस फैक्ट्री पर छापेमारी की जानकारी दी है.

क्राइम ब्रांच के अनुसार बीते कुछ समय से उनकी टीम को सूचना मिल रही थी कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जा रही है. इसे लेकर बीते दिनों कई गैंग क्राइम ब्रांच ने पकड़ी हैं. ऐसा ही एक गैंग क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल ने दक्षिण दिल्ली स्थित बत्रा अस्पताल के पास से बीते सप्ताह पकड़ा था.

ऐसे करें पहचान
ऐसे करें पहचान

ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण के साथ अब डेंगू-मलेरिया से निपटने की चुनौती, स्वास्थ्य सचिव ने जारी किए आदेश

क्राइम ब्रांच ने यहां से दो आरोपियों मोहन झा और मोहम्मद शोएब को गिरफ्तार कर रेमडेसिविर इंजेक्शन के 10 वायल बरामद किए थे. पुलिस को आरोपियों ने बताया था कि वह एक महिला से इंजेक्शन लेकर इसे अस्पताल के बाहर मरीज के परिजनों को 25 से 40 हजार रुपये में बेचते थे. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने दिल्ली से महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

महिला के खुलासे पर हुई उत्तराखंड से गिरफ्तारी

पूछताछ के दौरान महिला ने पुलिस को बताया कि वह उत्तराखंड के रुड़की निवासी वतन सिंह से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर उसे आगे बेचने के लिए देती थी. इस खुलासे पर क्राइम ब्रांच की एक टीम उत्तराखंड पहुंची और वहां से वतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से रेमडेसिविर की जो डोज बरामद हुई हैं. उसके नकली होने का शक पुलिस अधिकारियों को हुआ. पुलिस ने आरोपी को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया. उसने पुलिस को बताया कि वह कोटद्वार में नकली रेमडेसिविर तैयार कर उसे कोविड मरीजों के परिजनों को बेचता है. इसके लिए उसने लोगों के बीच अपने नंबर को भी वायरल किया था.

कोटद्वार से हुआ फैक्ट्री का पर्दाफाश

इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच की टीम ने वतन सिंह को साथ लेकर गुरुवार को उत्तराखंड के कोटद्वार में अवैध फैक्ट्री पर छापा मारा. जिसमें नकली रेमडेसिविर तैयार हो रही थी. यहां से पुलिस को लगभग रेमडेसिविर के 200 नकली डोज मिले हैं. इसके अलावा बड़ी मात्रा में पैकिंग का सामान एवं मशीन भी यहां से जब्त की गई. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह दो हजार से ज्यादा डोज बीते दिनों बेच चुके हैं. पुलिस को पता चला कि उत्तराखंड ड्रग यूनिट के जरिए पहले वतन सिंह की इस फैक्ट्री को एक बार पहले भी सील किया जा चुका है.

पुलिस ने लोगों से की अपील

हाल ही में क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज की तरफ से लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदते समय अलर्ट रहने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि बाजार में बढ़ी मांग से कुछ जालसाज नकली दवा भी सप्लाई कर रहे हैं. इसलिए बाजार से यह दवा खरीदते समय उन्हें कुछ सावधानियों को ध्यान रखने की आवश्यकता है. इसे लेकर उन्होंने दवा की एक तस्वीर भी जारी की, जिसमें बताया था कि किस तरह से असली दवा की पहचान की जा सकती है.

ऐसे करें पहचान

असली दवा में रेमडेसिविर के ऊपर Rx लिखा हुआ है, जबकि नकली दवा में यह नहीं लिखा है.
असली दवा में लाल रंग की वार्निंग लेबल मौजूद है.
नकली दवा में इंडिया लिखते समय india (India सही) में आई कैपिटल नहीं लिखा गया है.
तेलंगाना की स्पेलिंग भी इसमें गलत है.

Last Updated : Apr 30, 2021, 3:23 PM IST
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