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लॉकडाउन की चुनौतियों से देहरादून ZOO ने पाया पार, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से सुधरे हालात

लॉकडाउन की वजह से देहरादून चिड़ियाघर करीब सात महीने तक बंद रहा था. जिससे जू प्रशासन के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था. हालांकि, अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो गए हैं.

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देहरादून जू
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Published : Nov 29, 2020, 6:14 PM IST

देहरादून: धीरे-धीरे देहरादून के चिड़ियाघर की रौनक लौटने लगी है. यही कारण है कि देहरादून चिड़ियाघर लॉकडाउन के कारण आई परेशानियों से पार पा चुका है. चिड़ियाघर में पर्यटकों की संख्या लॉकडाउन से पहले की तरह ही सामान्य हो गई है. खुशी की बात ये है कि इतने कम समय में जू में पर्यटकों की सामान्य चहल-पहल से यहां के वित्तीय हालात भी सुधर रहे हैं.

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से करीब सात महीनों से भी ज्यादा समय तक बंद रहने वाले देहरादून चिड़ियाघर को आर्थिक रूप से बेहद ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा है. हालात इतने बिगड़ गए थे कि जू प्रशासन को आर्थिक मदद के लिए सरकार से गुहार लगानी पड़ी थी, लेकिन अक्टूबर में जू खुलने के बाद वित्तीय स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है.

लॉकडाउन की चुनौतियों से पार पाया देहरादून जू

पढ़ें- मास्क न पहनने वालों पर सख्त हुई हरिद्वार पुलिस, हरकी पैड़ी पर 301 लोगों के काटे चालान

देहरादून चिड़ियाघर के निदेशक पीके पात्रो के मुताबिक, लॉकडाउन से पहले की तरह ही अब पर्यटक छुट्टी और सामान्य दिनों में भी चिड़ियाघर में आ रहे हैं. इससे जू प्रशासन को अच्छी-खासी आमदनी भी हुई है.

बता दें कि लॉकडाउन लगने के बाद उत्तराखंड में 22 मार्च को जू बंद हो गया था, जो 15 अक्टूबर के बाद खोला गया. इस तरह देखा जाए तो जू को खुले हुए अभी महज डेढ़ महीना ही हुआ है. अच्छी बात यह है कि इस डेढ़ महीनों में ही जू प्रशासन को करीब 15 लाख रुपए से ज्यादा का राजस्व मिल चुका है. इन डेढ़ महीने में करीब तीन हजार पर्यटक जू घूमने आए हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जू प्रशासन कुछ नए जीवों को लाने की भी तैयारी कर रहा है. जिसमें 2 भालू, एक बाघ, हायना और कुछ दूसरे जीव शामिल हैं.

देहरादून: धीरे-धीरे देहरादून के चिड़ियाघर की रौनक लौटने लगी है. यही कारण है कि देहरादून चिड़ियाघर लॉकडाउन के कारण आई परेशानियों से पार पा चुका है. चिड़ियाघर में पर्यटकों की संख्या लॉकडाउन से पहले की तरह ही सामान्य हो गई है. खुशी की बात ये है कि इतने कम समय में जू में पर्यटकों की सामान्य चहल-पहल से यहां के वित्तीय हालात भी सुधर रहे हैं.

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से करीब सात महीनों से भी ज्यादा समय तक बंद रहने वाले देहरादून चिड़ियाघर को आर्थिक रूप से बेहद ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा है. हालात इतने बिगड़ गए थे कि जू प्रशासन को आर्थिक मदद के लिए सरकार से गुहार लगानी पड़ी थी, लेकिन अक्टूबर में जू खुलने के बाद वित्तीय स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है.

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देहरादून चिड़ियाघर के निदेशक पीके पात्रो के मुताबिक, लॉकडाउन से पहले की तरह ही अब पर्यटक छुट्टी और सामान्य दिनों में भी चिड़ियाघर में आ रहे हैं. इससे जू प्रशासन को अच्छी-खासी आमदनी भी हुई है.

बता दें कि लॉकडाउन लगने के बाद उत्तराखंड में 22 मार्च को जू बंद हो गया था, जो 15 अक्टूबर के बाद खोला गया. इस तरह देखा जाए तो जू को खुले हुए अभी महज डेढ़ महीना ही हुआ है. अच्छी बात यह है कि इस डेढ़ महीनों में ही जू प्रशासन को करीब 15 लाख रुपए से ज्यादा का राजस्व मिल चुका है. इन डेढ़ महीने में करीब तीन हजार पर्यटक जू घूमने आए हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जू प्रशासन कुछ नए जीवों को लाने की भी तैयारी कर रहा है. जिसमें 2 भालू, एक बाघ, हायना और कुछ दूसरे जीव शामिल हैं.

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