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नए वार्डों के व्यावसायिक भवनों से टैक्स वसूली के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने खोला मोर्चा - जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी

नए वार्डों में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कर वसूली के मामले में यूथ कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी ने सरकार ये फैसला वापस लेने के संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

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देहरादून न्यूज
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Published : Nov 7, 2020, 6:49 PM IST

देहरादून: हाल ही में त्रिवेंद्र कैबिनेट में देहरादून नगर निगम में जोड़े गये 40 नए वार्डों में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से वसूली के आदेश के विरोध में यूथ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. शनिवार को इस फैसले के विरोध में युवा कांग्रेस ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी ने कहा कि अभी हाल ही में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में आवासीय भवनों को तो कर में छूट दी गयी, लेकिन व्यावसायिक भवनों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गयी. इस समय आमजन का व्यवसाय कोरोना महामारी लॉकडाउन एवं सरकार द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण अभियान से पहले ही ठप पड़ा है. उन्होंने कहा कि नगर निकायों में शामिल क्षेत्रों में व्यावसायिक भवनों को कर के दायरे में आने से सरकार के दावे की पोल खुल गई है.

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र का विस्फोटक बयान- कई बार हुई सरकार गिराने की कोशिश, दी जाती रही हैं धमकियां

राज्य सरकार के औपचारिक निर्णय से पहले ही निकायों के नए इलाकों में व्यावसायिक कर के नोटिस जारी होने लगे हैं. बीते दिनों कैबिनेट ने निकाय विस्तार के बाद शहर में शामिल हुए नए आवासीय भवनों को 10 साल के लिये हाउस टैक्स में राहत दी थी. मगर यह व्यावसायिक भवनों पर लागू नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि बिना बुनियादी सुविधाएं दिये ही टैक्स वसूला जाना सरासर जनहित में नहीं है.यूथ कांग्रेस ने सरकार निर्णय वापस न लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

देहरादून: हाल ही में त्रिवेंद्र कैबिनेट में देहरादून नगर निगम में जोड़े गये 40 नए वार्डों में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से वसूली के आदेश के विरोध में यूथ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. शनिवार को इस फैसले के विरोध में युवा कांग्रेस ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी ने कहा कि अभी हाल ही में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में आवासीय भवनों को तो कर में छूट दी गयी, लेकिन व्यावसायिक भवनों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गयी. इस समय आमजन का व्यवसाय कोरोना महामारी लॉकडाउन एवं सरकार द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण अभियान से पहले ही ठप पड़ा है. उन्होंने कहा कि नगर निकायों में शामिल क्षेत्रों में व्यावसायिक भवनों को कर के दायरे में आने से सरकार के दावे की पोल खुल गई है.

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राज्य सरकार के औपचारिक निर्णय से पहले ही निकायों के नए इलाकों में व्यावसायिक कर के नोटिस जारी होने लगे हैं. बीते दिनों कैबिनेट ने निकाय विस्तार के बाद शहर में शामिल हुए नए आवासीय भवनों को 10 साल के लिये हाउस टैक्स में राहत दी थी. मगर यह व्यावसायिक भवनों पर लागू नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि बिना बुनियादी सुविधाएं दिये ही टैक्स वसूला जाना सरासर जनहित में नहीं है.यूथ कांग्रेस ने सरकार निर्णय वापस न लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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