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बिना एनओसी के चल रहा है शीशमबाड़ा प्लांट, परेशानियों से जूझ रहे हैं लोग

2 साल के अंदर ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट कूड़े के ढेर से ओवरफ्लो होने लगा है. ऐसे में यहां पहले से पड़े कुड़े से आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

shisambara plant
शीशमबाड़ा प्लांट चल रहा बिना एनओसी के.
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Published : Jan 17, 2020, 6:20 PM IST

देहरादून: जनवरी 2017 में शुरू हुआ प्रदेश का पहला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को दो साल हो गए हैं, लेकिन प्लांट को विवादों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और रिसाइक्लिंग प्लांट पिछले पांच महीने से बिना एनओसी के चल रहा है. प्लांट के संचालन के लिए हर साल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कंर्सन टू ऑपरेट एनओसी जरूरी होती है, लेकिन इस बार बोर्ड ने प्लांट को एनओसी नहीं दी है. जिसके चलते पिछले साल की एनओसी अगस्त में ही खत्म हो चुकी है. अब प्लांट में अवैध रूप से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है.

शीशमबाड़ा प्लांट चल रहा बिना एनओसी के.

यह भी पढ़ें: महंगाई की मार: आंचल दूध ने बढ़ाए दाम, लोगों की जेब पर पड़ेगा असर

2 साल के अंदर ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट प्लांट कूड़े के ढेर से ओवरफ्लो होने लगा है. अब यहां और कूड़ा डंप करने की जगह नहीं बची है. ऐसे में यहां पहले से पड़े कुड़े से आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके लिए कई स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन भी किए हैं.

बता दें कि जब से यह प्लांट बना तभी से यह प्लांट कोई न कोई विवादों में घिरा रहता है. वहीं अब नए विवाद के कारण नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. हलांकि नगर निगम प्रशासन की माने तो जल्द ही प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों से वार्ता करके इस समस्या का सुलझाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: गर्वित और हर्षित का राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम में चयन, नेपाल में करेंगे देश का प्रतिनिधित्व

वहीं इसपर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस तरह की खबर हमारे सामने आई है कि शीशमबाड़ा प्लांट की प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एनओसी खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि यदि कोई एनओसी मिलती है, किसी समय के लिए और उससे पहले प्लांट अथॉरिटी उसमें रिन्युवल के लिए अप्लाई करती है, तो उस अथॉरिटी की जिम्मेदारी है कि समय पर डिस्पोजल करें. जब तक डिस्पोजल नहीं होता तब तक पुरानी एनओसी के काम करती है.

देहरादून: जनवरी 2017 में शुरू हुआ प्रदेश का पहला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को दो साल हो गए हैं, लेकिन प्लांट को विवादों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और रिसाइक्लिंग प्लांट पिछले पांच महीने से बिना एनओसी के चल रहा है. प्लांट के संचालन के लिए हर साल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कंर्सन टू ऑपरेट एनओसी जरूरी होती है, लेकिन इस बार बोर्ड ने प्लांट को एनओसी नहीं दी है. जिसके चलते पिछले साल की एनओसी अगस्त में ही खत्म हो चुकी है. अब प्लांट में अवैध रूप से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है.

शीशमबाड़ा प्लांट चल रहा बिना एनओसी के.

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2 साल के अंदर ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट प्लांट कूड़े के ढेर से ओवरफ्लो होने लगा है. अब यहां और कूड़ा डंप करने की जगह नहीं बची है. ऐसे में यहां पहले से पड़े कुड़े से आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके लिए कई स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन भी किए हैं.

बता दें कि जब से यह प्लांट बना तभी से यह प्लांट कोई न कोई विवादों में घिरा रहता है. वहीं अब नए विवाद के कारण नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. हलांकि नगर निगम प्रशासन की माने तो जल्द ही प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों से वार्ता करके इस समस्या का सुलझाया जाएगा.

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वहीं इसपर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस तरह की खबर हमारे सामने आई है कि शीशमबाड़ा प्लांट की प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एनओसी खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि यदि कोई एनओसी मिलती है, किसी समय के लिए और उससे पहले प्लांट अथॉरिटी उसमें रिन्युवल के लिए अप्लाई करती है, तो उस अथॉरिटी की जिम्मेदारी है कि समय पर डिस्पोजल करें. जब तक डिस्पोजल नहीं होता तब तक पुरानी एनओसी के काम करती है.

Intro:जनवरी 2017 में शुरू हुआ प्रदेश के पहले सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को दो साल हो गए है लेकिन प्लांट का विवादों से छुटकारा नही मिल पा रहा है।सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ओर रिसाइक्लिंग प्लांट पिछले पांच महीने से बिना एनओसी के चल रहा है।प्लांट के संचालन के लिए हर साल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कर्सन टू ऑपरेट एनओसी जरूरी होती है लेकिन इस बार बोर्ड ने प्लांट को एनओसी नही दी है।जिसके चलते पिछले साल की एनओसी अगस्त में ही खत्म हो चुकी है।जो कि अब प्लांट में अवैध रूप से कुड़े का निस्तारण किया जा रहा है।


Body:2 साल के अंदर ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट प्लांट कूड़े के ढेर से ओवरफ्लो होने लगा है। अभी यहां और कूड़ा डंप करने की जगह नहीं बची है ऐसे में यहां सड़ रहे कुड़े से आसपास के लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके लिए कई स्थानीय लोगो ने कई बार नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन भी किये है।जब से यह प्लांट बना तभी से यह प्लांट कोई न कोई विवादों में घिरा रहता है और अब नए विवाद के कारण नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।हलांकि नगर निगम प्रशासन की माने तो जल्द ही प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड के अधिकारियों से वार्ता करके इस समस्या का सुलझाया जाएगा।


Conclusion:नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने सफाई देते हुए बताया कि इस तरह की खबर भी हमारे सामने आई है कि शीशमबाडा प्लांट की जो प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड की एनओसी खत्म हो गई है।लेकिन हम अवगत कराते है कि यदि कोई एनओसी मिलती है किसी समय के लिए ओर उससे पहले प्लांट अथॉरिटी उसमे रिन्युवल के लिए अप्लाई करती है तो उस अथॉरिटी की ज़िम्मेदारी है कि समय पर डिस्पोजल करे।जब तक डिस्पोजल नही होता तब तक पुरानी एनओसी के काम करती है।हमने प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड के सीनियर अधिकारी से वार्ता करने की कोशिश की लेकिन शहर से बाहर होने के कारण बात नही हो पाई है और इसका हम लोग कोई न कोई समाधान अवश्य निकाल लेगे।

बाइट-विनय शंकर पांडे(नगर आयुक्त)

विसुल मेल किये है,मेल से उठाने की कृपा करें।
धन्यवाद।
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