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नया एमवी एक्ट: सड़क दुर्घटना पर पुलिस को जांच ही नहीं अब ये कार्य भी करना होगा

नया एमवी एक्ट के अनुसार सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर क्षतिपूर्ति को लेकर अब पुलिस की भूमिका सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने तक नहीं रहेगी बल्कि विस्तृत जांच करने के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को भेजनी होगी.

सड़क दुर्घटना में विस्तृत जांच के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को देगी पुलिस .
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Published : Oct 16, 2019, 8:35 AM IST

देहरादून: नया एमवी एक्ट आने के बाद यातायात के नियमों में काफी बदलाव हो गया है. नए नियम के अनुसार सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर क्षतिपूर्ति को लेकर अब पुलिस की भूमिका सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने तक नहीं रहेगी बल्कि विस्तृत जांच करने के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को भेजनी होगी. वहीं साक्ष्य जुटाने से लेकर दुर्घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार करने तक का काम पुलिस अधिकारी ही करेंगे. साथ ही मार्ग की स्थिति समेत सभी कोणों से फोटोग्राफी भी करानी होगी.

सड़क दुर्घटना में विस्तृत जांच के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को देगी पुलिस.

बता दें कि नए एमवी एक्ट आने से पहले अधिकरण मांगे जाने पर ही रिपोर्ट दी जाती थी. लेकिन नए नियम के संशोधन के बाद सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर यदि क्षतिपूर्ति को लेकर कोई दावा नहीं होता है तो भी पुलिस को जांच रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को देनी होगी. साथ ही साक्ष्य जुटाने से लेकर दुर्घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार करने तक का काम विवेचना अधिकारी ही करेंगे.

और मार्ग की स्थिति सहित सभी कोणों से फोटोग्राफी करानी होगी. वहीं मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज अधिकरण को देने होंगे साथ ही पीड़ित के परिजनों के अनुरोध पर सूचना बीमा कंपनी को भेजनी होगी सारी प्रक्रिया रिपोर्ट दर्ज करने के साथ शुरू करनी होगी.

ये भी पढ़े: जंगली हाथी कर रहे फसलों को बर्बाद, ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने बताया कि परिवहन विभाग ने उत्तराखंड मोटरयान नियमावली में ऐसे कुछ और संशोधन किए गए हैं, जिनके संबंध में लोगों से 7 दिन में आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं. और यह सुझाव सचिव परिवहन को उत्तराखंड शासन के पते पर भेज सकते हैं.

देहरादून: नया एमवी एक्ट आने के बाद यातायात के नियमों में काफी बदलाव हो गया है. नए नियम के अनुसार सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर क्षतिपूर्ति को लेकर अब पुलिस की भूमिका सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने तक नहीं रहेगी बल्कि विस्तृत जांच करने के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को भेजनी होगी. वहीं साक्ष्य जुटाने से लेकर दुर्घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार करने तक का काम पुलिस अधिकारी ही करेंगे. साथ ही मार्ग की स्थिति समेत सभी कोणों से फोटोग्राफी भी करानी होगी.

सड़क दुर्घटना में विस्तृत जांच के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को देगी पुलिस.

बता दें कि नए एमवी एक्ट आने से पहले अधिकरण मांगे जाने पर ही रिपोर्ट दी जाती थी. लेकिन नए नियम के संशोधन के बाद सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर यदि क्षतिपूर्ति को लेकर कोई दावा नहीं होता है तो भी पुलिस को जांच रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को देनी होगी. साथ ही साक्ष्य जुटाने से लेकर दुर्घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार करने तक का काम विवेचना अधिकारी ही करेंगे.

और मार्ग की स्थिति सहित सभी कोणों से फोटोग्राफी करानी होगी. वहीं मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज अधिकरण को देने होंगे साथ ही पीड़ित के परिजनों के अनुरोध पर सूचना बीमा कंपनी को भेजनी होगी सारी प्रक्रिया रिपोर्ट दर्ज करने के साथ शुरू करनी होगी.

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सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने बताया कि परिवहन विभाग ने उत्तराखंड मोटरयान नियमावली में ऐसे कुछ और संशोधन किए गए हैं, जिनके संबंध में लोगों से 7 दिन में आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं. और यह सुझाव सचिव परिवहन को उत्तराखंड शासन के पते पर भेज सकते हैं.

Intro:नया एमवी एक्ट आने के बाद यातायात के नियमों में काफी बदलाव हो गया है।नए नियम के अनुसार सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर यदि क्षतिपूर्ति को लेकर अब पुलिस की भूमिका सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने तक नहीं रहेगी बल्कि विस्तृत जांच करने के साथ दावे की रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को भेजनी होगी। वही साक्ष्य जुटाने से लेकर दुर्घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार करने तक का काम पुलिस अधिकारी ही करेंगे।साथ ही मार्ग की स्थिति समेत सभी कोणों से फोटोग्राफिक करानी होगी।


Body:नए एमवी एक्ट आने से पहले अधिकरण के मांगने पर ही रिपोर्ट दी जाती थी।लेकिन नए नियम के संशोधन के बाद सड़क दुर्घटना में व्यक्ति के घायल होने या मौत होने पर यदि क्षतिपूर्ति को लेकर कोई दावा नहीं होता है तो भी पुलिस को जांच रिपोर्ट दुर्घटना दावा अधिकरण को देनी होगी।साथ ही साक्ष्य जुटाने से लेकर दुर्घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार करने तक का काम विवेचना अधिकारी ही करेंगे ओर मार्ग की स्थिति सहित सभी कोणों से फोटोग्राफी करानी होगी।वही मृत्यु में पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज अधिकरण को देने पड़ेंगे साथ ही पीड़ित के परिजनों के अनुरोध पर ऐसी सूचना बीमा कंपनी को भेजनी होगी सारी प्रक्रिया रिपोर्ट दर्ज करने के साथ शुरू करनी होगी।


Conclusion:सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने बताया कि परिवहन विभाग ने उत्तराखंड मोटरयान नियमावली मैं ऐसे कुछ और संशोधन किए गए हैं,जिनके संबंध में लोगों से 7 दिन में आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं।और यह सुझाव सचिव परिवहन को उत्तराखंड शासन के पते पर भेज सकते हैं।

विसुल मेल किये गए है,मेल से उठाने की कृपा करें।
धन्यवाद।
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