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पुलिस की गलतफहमी से अस्पताल में आठ दिन पड़ा रहा शव, जानिए क्या है मामला? - dehradun Police left dead body

कोरोनेशन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज उप्रेती ने कहा कि अस्पताल से की ओर से पुलिस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट में व्यक्ति की कार्डियक अरेस्ट विद कोमा (cardiac arrest with coma) को त्रुटिवश कोरोना समझ लिया था. जिस गलतफहमी के चलते 8 दिन तक शव का दाह संस्कार नहीं हो पाया.

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पुलिस ने शव को अस्पताल में छोड़ा
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Published : Jan 22, 2021, 6:47 PM IST

देहरादून: कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी, लेकिन रिपोर्ट में कोमा को कोरोना पढ़ने की गलतफहमी के चलते शव का अंतिम संस्कार 8 दिनों तक नहीं हो पाया. गुरुवार को स्थिति स्पष्ट होने के बाद पुलिस ने आखिरकार शव का पोस्टमार्टम करवाया. साथ ही शव का अंतिम संस्कार किया.

मामले में कोरोनेशन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज उप्रेती ने कहा कि अस्पताल से की ओर से पुलिस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट में व्यक्ति की कार्डियक अरेस्ट विद कोमा (cardiac arrest with coma) को त्रुटिवश कोरोना समझ लिया था. जिस गलतफहमी के चलते 8 दिन तक शव का दाह संस्कार नहीं हो पाया.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: कोरोना टेस्ट के लिए अब देने होंगे और कम पैसे, सरकार ने घटाए दाम

डॉ. मनोज उप्रेती के मुताबिक इस दौरान अस्पताल में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए शव को डीप फ्रीजर में रखा, लेकिन पुलिस ने व्यक्ति की मौत कोरोना से होने के चलते सुध नहीं ली, जब अस्पताल ने पुलिस को दोबारा सूचना दी तब स्थिति स्पष्ट हो पाई. जिसके बाद पुलिस ने अपनी भूल सुधार करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद अंतिम संस्कार कराया.

देहरादून: कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी, लेकिन रिपोर्ट में कोमा को कोरोना पढ़ने की गलतफहमी के चलते शव का अंतिम संस्कार 8 दिनों तक नहीं हो पाया. गुरुवार को स्थिति स्पष्ट होने के बाद पुलिस ने आखिरकार शव का पोस्टमार्टम करवाया. साथ ही शव का अंतिम संस्कार किया.

मामले में कोरोनेशन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज उप्रेती ने कहा कि अस्पताल से की ओर से पुलिस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट में व्यक्ति की कार्डियक अरेस्ट विद कोमा (cardiac arrest with coma) को त्रुटिवश कोरोना समझ लिया था. जिस गलतफहमी के चलते 8 दिन तक शव का दाह संस्कार नहीं हो पाया.

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डॉ. मनोज उप्रेती के मुताबिक इस दौरान अस्पताल में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए शव को डीप फ्रीजर में रखा, लेकिन पुलिस ने व्यक्ति की मौत कोरोना से होने के चलते सुध नहीं ली, जब अस्पताल ने पुलिस को दोबारा सूचना दी तब स्थिति स्पष्ट हो पाई. जिसके बाद पुलिस ने अपनी भूल सुधार करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद अंतिम संस्कार कराया.

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