देहरादूनः डिफेंस के नाम का फर्जी स्टीकर लगाकर चंडीगढ़ से शराब की तस्करी करने वाले गिरोह का देहरादून पुलिस ने पर्दाफाश किया है. मामले में रायपुर थाना पुलिस ने गिरोह के रिटायर्ड आर्मी जवान समेत 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपी एकता एन्क्लेव पित्थूवाला में अवैध शराब का गोदाम बना कर तस्करी करते थे. आरोपियों के पास शराब की बड़ी खेप बरामद की गई है. ये रिटायर्ड आर्मी जवान पहाड़ी क्षेत्रों में भी शराब की सप्लाई करता था. इस गिरफ्तारी के बाद कई शराब तस्कर पुलिस की रडार पर हैं. वहीं, इस गिरोह के सीएसडी कैंटीन हेड समेत दो आरोपी फरार चल रहे हैं.
दरअसल, रायपुर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि चंडीगढ़ समेत अन्य राज्यों से शराब लाकर बेचने वाला एक गिरोह देहरादून में सक्रिय है. जो अन्य राज्यों से शराब तस्करी कर देहरादून लाते हैं. उसमें डिफेंस के नाम का स्टीकर लगाकर रिटायर्ड आर्मी के जवानों को बेच रहे हैं. इस गिरोह में रिटायर्ड आर्मी के जवान भी शामिल हैं, जो आम जनता को डिफेंस की शराब बताकर महंगे दामों में बेच रहे हैं. ये भी सूचना मिली की दो लोग रायपुर क्षेत्र में शराब की खेप पहुंचाने वाले हैं. इसके बाद पुलिस की टीम ने संदिग्ध वाहनों की चेकिंग शुरू की.
वहीं, चेकिंग के दौरान पुलिस की टीम ने खलंगा पुल के पास से प्रवीण कुमार ठाकुर और अश्विनी कुमार उर्फ चिक्कू को गिरफ्तार किया. जिनके कब्जे से पांच पेटी (60 बोतल) अंग्रेजी शराब बरामद की. शराब की इन बोतलों पर डिफेंस की फर्जी स्टीकर लगी हुई थी. स्कूटी की डिग्गी से डिफेंस के फर्जी स्टीकर भी मिले. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनका पांच लोगों का गिरोह है. जो चंडीगढ़ से अवैध शराब लेकर देहरादून आते हैं. शराब को रखने के लिए एकता एन्क्लेव पित्थूवाला में एक गोदाम बना रखा है. जहां वो शराब रखते थे.
आरोपियों ने बताया कि वो शराब को आर्मी रिटायर और पहाड़ी क्षेत्रों में बेचते थे. बालावाला क्षेत्र में एक रिटायर्ड आर्मी के जवान को शराब बेचने की बात भी सामने आई. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने एकता एन्क्लेव पित्थूवाला गोदाम से अलग-अलग ब्रांड के 21 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की. इन शराब की बोतलों पर भी डिफेंस के फर्जी स्टीकर लगे मिले. इसके बाद रिटायर्ड आर्मी के जवान जितेंद्र सिंह रावत को बालावाला से गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से 2 पेटी अंग्रेजी शराब मिली.
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देहरादून एसपी क्राइम मिथलेश कुमार ने बताया कि आरोपियों ने भरतू चौक बालावाला में किराए का मकान ले रखा था. प्रवीण पहले सीएसडी कैंटीन आराघर में काम करता था. जहां उसकी मुलाकात एक अन्य व्यक्ति से हुई थी, जो उस समय सीएसडी कैंटीन आराघर में हेड था. जिसके साथ मिलकर ही बाहरी राज्यों से शराब लाकर उसमें डिफेंस का फर्जी स्टीकर लगाकर लोगों को बेचने की योजना बनाई थी. इनका 5 लोगों का गिरोह है, जिसमें प्रवीण, अश्विनी, पूर्व सीएसडी कैंटीन हेड और दो अन्य व्यक्ति शामिल हैं.
इन राज्यों से लाते थे शराब, फर्जी लेबल चिपाकर उच्चें दाम में बेचते थेः ये लोग चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली से सस्ती दारू लाकर उत्तराखंड में बेचने का काम करते थे. सीएसडी कैंटीन हेड डिफेंस का फर्जी स्टीकर उपलब्ध करवाता था. पित्थूवाला स्थित गोदाम में शराब की बोतलों पर फर्जी लेबल (For Defense Personal Only, For Defense Services, Only Canteen Services) का लेबल चिपकाते थे. जिसके बाद पांचों मिलकर शराब को रिटायर्ड आर्मी के जवानों और सीएसडी कैंटीन में शराब लेने आए जवानों समेत पहाड़ी क्षेत्रों में बेचा करते थे.
आर्मी कैंटीन की समझकर लोग भी जमकर खरीदते थे शराबः हर बोतल पर डिफेंस का फर्जी स्टीकर का लेवल लगा होने के कारण सभी लोग शराब को डिफेंस की समझते थे. जिसकी उसकी ज्यादा मांग होती थी. डिफेंस की शराब समझ कर कोई शक नहीं करता था और अच्छी खासी कीमत भी उन्हें मिल जाती है. कुछ रिटायर्ड आर्मी के जवान शराब को डिफेंस की शराब बताकर बेचने का भी काम करते थे. वो देहरादून में कई स्थानों पर शराब पहुंचाते थे. बालावाला में रिटायर्ड आर्मी के जवान जितेंद्र रावत को शराब बेचने के लिए देते थे. जहां वो डिफेंस की शराब बताकर बेचने का काम करता था.