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पुलिस की गिरफ्त में तीन शातिर ठग, बीमा पॉलिसी के नाम कर चुके लाखों रुपए की ठगी - ठगी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार

तीनों आरोपी उत्तराखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में भी इस तरह की ठगी कर चुके है. पुलिस अभी इनके नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी हुई है.

dehradun
पुलिस की गिरफ्तार में तीन आरोपी.
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Published : Oct 18, 2020, 5:34 PM IST

देहरादून: लोगों को बीमा पॉलिसी एवं अन्य उपहारों का लालच देकर उनसे ठगी करने वाले तीन शातिर आरोपियों को डालनवाला कोतवाली पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से लाखों नगदी एवं अन्य सामग्री बरामद हुई है.

पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी उत्तराखंड के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में ठगी का काम करते थे. तीनों आरोपी पिछले दो सालों में बीमा पॉलिसी और अन्य प्रलोभनों के जरिए करीब 25 से 30 लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी कर चुके है. पुलिस अभी आरोपियों के बैंक खातों को खंगाल रही है, ताकि इनके बारे में सही-सही जानकारी मिल सके और नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सकें.

पुलिस ने बताया कि 12 अगस्त को उमा कुमारी ने डालनवाला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2018 में उनके पति की मृत्यु हो गयी थी. अगस्त 2019 में उनके मोबाइल पर कृष्णानन्द मंडल नाम के एक व्यक्ति की फोन आया था, जिसने खुद को फंड क्लेयरेन्स डिपार्टमेन्ट दिल्ली का कर्मचारी बताया था. उसने उमा के पति के नाम पर 64 लाख 90 हजार रूपये की बीमा पॉलिसी होने की जानकारी दी.

पढ़ें- बुजुर्ग दंपति ने इंस्पेक्टर पर लगाया प्लॉट कब्जाने का आरोप, डीजी ने दिये जांच के आदेश

आरोपी ने उमा को कहा कि पॉलिसी की पूरी प्रक्रिया करने के एवज में फीस चुकानी होगी. उमा ने आरोपी के बताए खाते में 36 हजार रुपए की रकम डाल दी. इसके बाद जब उमा ने आरोपी को फोन किया तो उसका नंबर बंद आ रहा था. जिसके बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत डालनवाला थाने में की.

आरोपियों को पकड़ने के लिए डालनवाला और साइबर सेल की सयुक्ट टीम ने कार्रवाई शुरू की. टीम ने आरोपियों के मोबाइल नंबरों और जिन खातों में पीड़िता ने पैसे जमा किए थे. उन्हें बारे में जानकारी जुटाना शुरू की. मोबाइल नंबरों की सभी आईडी फर्जी निकली. हालांकि बाद में पुलिस को जांच के दौरान एक आरोपी के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने मुखबिर की मदद से उसे नोएडा से गिरफ्तार कर लिया.

पकड़े गए आरोपी का नाम अंकुर पाठक है, उसी ने अपने दो साथियों प्रशान्त शर्मा व हरवीर सिंह के साथ मिलकर इस तरह की वारदात को अंजाम दिया था. इनके साथ कुछ अन्य लोगों की मिले हुए है, पुलिस ने शनिवार रात को हरवीर सिंह और प्रशांत शर्मा को यूपी के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया.

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपियों को लोगों से ठगी कर धनराशि प्राप्त करने के लिये बैंक खातों की आवश्यकता थी. इसलिये आरोपियों ने अपने गांव व आस-पास के क्षेत्र के ऐसे व्यक्तियों से संपर्क किया जिनके बैंक खाते तो थे, लेकिन रोजगार नहीं था. उन्हीं के खातों में ये पैसा मांगते थे. इसके बदले उन्हें कुछ कमीशन दिया जाता था.

पढ़ें- गढ़वाली में लिखे जाएंगे रामलीला के पद और चौपाई, सावणी और गंगाड़ी लोकबोली का इस्तेमाल

लोगों के फंसाने के लिए ये वॉइस कन्वर्टर के माध्यम से महिला की आवाज निकालते थे. क्योकि महिला की आवाज सुनकर लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं. पुलिस ने आरोपी अंकुर से 1.10 लाख रुपए और प्रशांत शर्मा से 1.70 लाख रुपए नगद बरामद किये हैं. साथ ही पुलिस ने मुकदमे से संबंधित एक अन्य खाते में जमा 1,90,000 रुपए की धनराशि को फ्रीज़ किया गया है.

देहरादून: लोगों को बीमा पॉलिसी एवं अन्य उपहारों का लालच देकर उनसे ठगी करने वाले तीन शातिर आरोपियों को डालनवाला कोतवाली पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से लाखों नगदी एवं अन्य सामग्री बरामद हुई है.

पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी उत्तराखंड के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में ठगी का काम करते थे. तीनों आरोपी पिछले दो सालों में बीमा पॉलिसी और अन्य प्रलोभनों के जरिए करीब 25 से 30 लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी कर चुके है. पुलिस अभी आरोपियों के बैंक खातों को खंगाल रही है, ताकि इनके बारे में सही-सही जानकारी मिल सके और नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सकें.

पुलिस ने बताया कि 12 अगस्त को उमा कुमारी ने डालनवाला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2018 में उनके पति की मृत्यु हो गयी थी. अगस्त 2019 में उनके मोबाइल पर कृष्णानन्द मंडल नाम के एक व्यक्ति की फोन आया था, जिसने खुद को फंड क्लेयरेन्स डिपार्टमेन्ट दिल्ली का कर्मचारी बताया था. उसने उमा के पति के नाम पर 64 लाख 90 हजार रूपये की बीमा पॉलिसी होने की जानकारी दी.

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आरोपी ने उमा को कहा कि पॉलिसी की पूरी प्रक्रिया करने के एवज में फीस चुकानी होगी. उमा ने आरोपी के बताए खाते में 36 हजार रुपए की रकम डाल दी. इसके बाद जब उमा ने आरोपी को फोन किया तो उसका नंबर बंद आ रहा था. जिसके बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत डालनवाला थाने में की.

आरोपियों को पकड़ने के लिए डालनवाला और साइबर सेल की सयुक्ट टीम ने कार्रवाई शुरू की. टीम ने आरोपियों के मोबाइल नंबरों और जिन खातों में पीड़िता ने पैसे जमा किए थे. उन्हें बारे में जानकारी जुटाना शुरू की. मोबाइल नंबरों की सभी आईडी फर्जी निकली. हालांकि बाद में पुलिस को जांच के दौरान एक आरोपी के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने मुखबिर की मदद से उसे नोएडा से गिरफ्तार कर लिया.

पकड़े गए आरोपी का नाम अंकुर पाठक है, उसी ने अपने दो साथियों प्रशान्त शर्मा व हरवीर सिंह के साथ मिलकर इस तरह की वारदात को अंजाम दिया था. इनके साथ कुछ अन्य लोगों की मिले हुए है, पुलिस ने शनिवार रात को हरवीर सिंह और प्रशांत शर्मा को यूपी के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया.

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपियों को लोगों से ठगी कर धनराशि प्राप्त करने के लिये बैंक खातों की आवश्यकता थी. इसलिये आरोपियों ने अपने गांव व आस-पास के क्षेत्र के ऐसे व्यक्तियों से संपर्क किया जिनके बैंक खाते तो थे, लेकिन रोजगार नहीं था. उन्हीं के खातों में ये पैसा मांगते थे. इसके बदले उन्हें कुछ कमीशन दिया जाता था.

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लोगों के फंसाने के लिए ये वॉइस कन्वर्टर के माध्यम से महिला की आवाज निकालते थे. क्योकि महिला की आवाज सुनकर लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं. पुलिस ने आरोपी अंकुर से 1.10 लाख रुपए और प्रशांत शर्मा से 1.70 लाख रुपए नगद बरामद किये हैं. साथ ही पुलिस ने मुकदमे से संबंधित एक अन्य खाते में जमा 1,90,000 रुपए की धनराशि को फ्रीज़ किया गया है.

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