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रक्षा मंत्रालय की जमीन का फर्जी बैनामा बनाने वाला अरेस्ट, सहारनपुर रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े रजिस्ट्री घोटाले के तार

Dehradun fake deeds scam देहरादून में भूमाफियाओं के हौसले इतने बुंलद हो गए है कि उन्होंने रक्षा मंत्रालय की जमीन तक के फर्जी बैनामे तैयार कर रखे है. फर्जी बैनामा घोटाले की जांच कर रही पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने यूपी के बिजनौर निवासी हुमायूं परवेज को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर क्लेमेन्टाउन इलाके में फर्जी बैनामों के जरिए करीब 11 लोगों को तीन करोड़ रुपए की जमीन बेजी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 12, 2023, 5:49 PM IST

देहरादून: फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में देहरादून पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने मोहम्मद हुमायूं परवेज नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर देहरादून के माजरा और क्लेमेन्टाउन में रक्षा मंत्रालय की जमीन के फर्जी बैनामे बनाकर करीब 11 लोगों को तीन करोड़ रुपए में बेची थी.

देहरादून फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में अभीतक करीब 12 मुकदमें दर्ज हो चुके है, जिसमें 17 आरोपियों को गिरफ्तार हो चुकी है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने इस मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव ने टर्नर रोड से सुभाष नगर चौक के बीच क्लेमनटाउन में लगभग 2500 गज भूमि और माजरा में 55 बीघा जमीन के फर्जी बैनामे के संबंध में कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया था.

देव कुमार की मदद से किया गया पूरा खेल: पुलिस ने मामले की जांच की तो मोहम्मद हुमायूं परवेज निवासी बिजनौर का नाम सामने आया. आरोप है कि हुमायूं परवेज ने अपने साथी समीर कामयाब और अन्यों की मदद से फर्जी बैनामे तैयार कर देव कुमार निवासी सहारनपुर की मदद से रिकार्ड रूम रजिस्ट्रार कार्यालय में साल 2016-17 में जिल्द में लगवा दिया था.
पढ़ें- रामनगर में परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन, हत्या की आशंका जताते हुए लगाई न्याय की गुहार

फर्जी बैनामे बनाकर तीन करोड़ में बेच दी जमीन: इस तरह आरोपियों ने टर्नर रोड से सुभाष नगर चौक के बीच क्लेमनटाउन स्थित जमीन का अल्लादिया से 1944 में जलीलू रहमान और अब्दुल करीम को फर्जी बैनामा बनाकर मालिक दर्शाया गया. साल 2019 से 2020 के बीच हुमायूं परवेज ने वसीयत के आधार पर 11 व्यक्तियों को जमीन की रजिस्ट्री कर दी, जिसमें से उसने लगभग तीन करोड रुपए जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक सहारनपुर के खाते में प्राप्त किए.

वहीं, दूसरा मामला ग्राम माजरा की जमीन के असली मालिक लाला सरनीमल और मनीराम से फर्जी बैनामा 1958 का बनाकर जलीलू रहमान और अर्जुन प्रसाद को मालिक दर्शाया गया. सीमांकन के लिए प्रार्थना पत्र एसडीएम कार्यालय और हाई कोर्ट को प्रेषित कर आदेश करवाये गए, लेकिन ग्राम माजरा स्थित लगभग 55 बीघा जमीन साल 1958 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने रक्षा मंत्रालय के नाम कर थी, जो आज भी रक्षा मंत्रालय के कब्जे में है, जिस कारण सीमांकन की कार्रवाई को खारिज किया गया था.
पढ़ें- दुष्कर्म की शिकार नाबालिग युवती हुई गर्भवती, बच्चे को दिया जन्म, अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्री मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार जा चुका है. इसके बाद नगर कोतवाली में दो और मुकदमे दर्ज कराए गए, जिससे एसआईटी की टीम ने मोहम्मद हुमायूं परवेज को अरेस्ट किया है.

गैंग का आरोपी समीर कामयाब जेल में बंद है और गैंग रजिस्ट्रार कार्यालय के बाइंडर के साथ मिलकर फर्जी बैनामे बनाने का काम करता था. इस मामले में सहारनपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए है. सहारनपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय के किसी से मिलकर ही षड्यंत्र रचा गया है.

कुछ संदिग्ध नाम सामने आए है, जिनकी तलाश में पुलिस को लगाया गया है. साथ ही बताया कि यह मामला देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय से अलग है, क्योंकि जांच के दौरान देहरादून रजिस्ट्रार कार्यालय में हुए फर्जी मामले में सभी की अरेस्टिंग हो चुकी है, लेकिन इन दो मुकदमों में नए नाम समाने आए है, जिनके सहारनपुर और देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे.

देहरादून: फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में देहरादून पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने मोहम्मद हुमायूं परवेज नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर देहरादून के माजरा और क्लेमेन्टाउन में रक्षा मंत्रालय की जमीन के फर्जी बैनामे बनाकर करीब 11 लोगों को तीन करोड़ रुपए में बेची थी.

देहरादून फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में अभीतक करीब 12 मुकदमें दर्ज हो चुके है, जिसमें 17 आरोपियों को गिरफ्तार हो चुकी है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने इस मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव ने टर्नर रोड से सुभाष नगर चौक के बीच क्लेमनटाउन में लगभग 2500 गज भूमि और माजरा में 55 बीघा जमीन के फर्जी बैनामे के संबंध में कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया था.

देव कुमार की मदद से किया गया पूरा खेल: पुलिस ने मामले की जांच की तो मोहम्मद हुमायूं परवेज निवासी बिजनौर का नाम सामने आया. आरोप है कि हुमायूं परवेज ने अपने साथी समीर कामयाब और अन्यों की मदद से फर्जी बैनामे तैयार कर देव कुमार निवासी सहारनपुर की मदद से रिकार्ड रूम रजिस्ट्रार कार्यालय में साल 2016-17 में जिल्द में लगवा दिया था.
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फर्जी बैनामे बनाकर तीन करोड़ में बेच दी जमीन: इस तरह आरोपियों ने टर्नर रोड से सुभाष नगर चौक के बीच क्लेमनटाउन स्थित जमीन का अल्लादिया से 1944 में जलीलू रहमान और अब्दुल करीम को फर्जी बैनामा बनाकर मालिक दर्शाया गया. साल 2019 से 2020 के बीच हुमायूं परवेज ने वसीयत के आधार पर 11 व्यक्तियों को जमीन की रजिस्ट्री कर दी, जिसमें से उसने लगभग तीन करोड रुपए जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक सहारनपुर के खाते में प्राप्त किए.

वहीं, दूसरा मामला ग्राम माजरा की जमीन के असली मालिक लाला सरनीमल और मनीराम से फर्जी बैनामा 1958 का बनाकर जलीलू रहमान और अर्जुन प्रसाद को मालिक दर्शाया गया. सीमांकन के लिए प्रार्थना पत्र एसडीएम कार्यालय और हाई कोर्ट को प्रेषित कर आदेश करवाये गए, लेकिन ग्राम माजरा स्थित लगभग 55 बीघा जमीन साल 1958 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने रक्षा मंत्रालय के नाम कर थी, जो आज भी रक्षा मंत्रालय के कब्जे में है, जिस कारण सीमांकन की कार्रवाई को खारिज किया गया था.
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एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्री मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार जा चुका है. इसके बाद नगर कोतवाली में दो और मुकदमे दर्ज कराए गए, जिससे एसआईटी की टीम ने मोहम्मद हुमायूं परवेज को अरेस्ट किया है.

गैंग का आरोपी समीर कामयाब जेल में बंद है और गैंग रजिस्ट्रार कार्यालय के बाइंडर के साथ मिलकर फर्जी बैनामे बनाने का काम करता था. इस मामले में सहारनपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए है. सहारनपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय के किसी से मिलकर ही षड्यंत्र रचा गया है.

कुछ संदिग्ध नाम सामने आए है, जिनकी तलाश में पुलिस को लगाया गया है. साथ ही बताया कि यह मामला देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय से अलग है, क्योंकि जांच के दौरान देहरादून रजिस्ट्रार कार्यालय में हुए फर्जी मामले में सभी की अरेस्टिंग हो चुकी है, लेकिन इन दो मुकदमों में नए नाम समाने आए है, जिनके सहारनपुर और देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे.

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